त्रिपुरा सरकार ने विधायकों को आजीवन पैंशन का नियम बदला

punjabkesari.in Thursday, Nov 11, 2021 - 03:29 AM (IST)

देश में सुप्रीमकोर्ट के जज से लेकर चपड़ासी तक को एक ही पैंशन मिलती है परंतु विधायकों को हर बार चुने जाने पर एक से अधिक पैंशन देने के नियम को लेकर काफी समय से सवाल उठाए जा रहे हैं। इन पैंशनों का मामला सुप्रीमकोर्ट में भी उठाया जा चुका है। 

त्रिपुरा की पिछली वाम मोर्चा सरकार ने यह नियम बनाया था कि सभी आर्थिक और अन्य सुविधाएं उन्हीं विधायकों को मिलेंगी जिन्होंने कार्यकाल के कम से कम 4 वर्ष पूरे किए हों परंतु अब त्रिपुरा में भाजपा नीत बिप्लब कुमार देब की सरकार ने विधायकों को मिलने वाली पैंशन तथा अन्य सुविधाओं से सम्बन्धित नियमों को बदल दिया है। नए कानून के अंतर्गत विधानसभा के सदस्य को आजीवन पैंशन सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए कानून द्वारा निर्धारित कम से कम एक बार अपना पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा करना होगा। 

राज्य के सूचना और संस्कृति मंत्री सुशांत चौधरी (भाजपा) के अनुसार राज्य सरकार ने यह निर्णय विधायकों में जवाबदेही की भावना बढ़ाने तथा दलबदली पर अंकुश लगाने के लिए लिया है। अब राज्य के सभी वर्तमान और भावी विधायकों को 5 वर्ष का कार्यकाल पूरा करना होगा तभी उन्हें पैंशन तथा अन्य सुविधाओं के सभी लाभ प्राप्त होंगे।

त्रिपुरा सरकार का मानना है कि जब अन्य सभी सरकारी कर्मचारियों को एक ही पैंशन मिलती है तो जन प्रतिनिधियों को हर बार चुने जाने पर नई पैंशन देने का कोई औचित्य नहीं है तथा सरकार के इस फैसले से राजस्व की भी बचत होगी। चूंकि केंद्र में भाजपा की सरकार है, अत: हो सकता है कि त्रिपुरा सरकार ने यह फैसला उसके संकेत पर लिया हो ताकि बाद में अन्य भाजपा शासित राज्यों की सरकारें भी इसे अपनाएं। फिर अन्य पाॢटयों द्वारा शासित सरकारें भी इस पर अमल करने के लिए विवश होंगी।—विजय कुमार 


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