‘रिश्वत को समाप्त करने के लिए’ ‘दोषियों को बर्खास्त ही किया जाए’

punjabkesari.in Saturday, Apr 26, 2025 - 04:07 AM (IST)

केंद्र और राज्य सरकारों के प्रयासों के बावजूद देश में भ्रष्टाचार रूपी विषबेल फैलती ही जा रही है जिसमें छोटे से लेकर बड़े अधिकारी तक शामिल पाए जा रहे हैं। मात्र एक सप्ताह के ही उदाहरण निम्र में दर्ज हैं : 
* 18 अप्रैल को ‘फतेहाबाद’ (हरियाणा) में भ्रष्टाचार निरोधक विभाग की टीम ने ‘एक्साइज डिपार्टमैंट’ के असिस्टैंट एक्साइज एंड टैक्सेशन मैनेजर ‘कृष्ण लाल वर्मा’ को 15,000 रुपए रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया। 
* 19 अप्रैल को ‘कैथल’ (हरियाणा) में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने पूर्व पार्षद ‘कमल मित्तल’ को शिकायतकत्र्ता से 4 लाख रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा। 

*  21 अप्रैल को सतर्कता विभाग ने ‘फगवाड़ा’ (पंजाब) के सहायक टाऊन प्लानर ‘राजकुमार’ व एक निजी आर्कीटैक्ट ‘राजेश कुमार’ को शिकायतकत्र्ता से 50,000 रुपए रिश्वत लेने के आरोप में पकड़ा। 
* 21 अप्रैल को ही सतर्कता विभाग ने ब्लाक विकास एवं पंचायत कार्यालय ‘बरनाला’ में तैनात पंचायत सचिव ‘गुरमेल सिंह’ को एक ठेकेदार की शिकायत पर 20,000 रुपए की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया। 
* 21 अप्रैल को ही अधिकारियों ने ‘सवाई माधोपुर’ (राजस्थान) में ‘रवांजना डूंगर’ थाने में तैनात हैड कांस्टेबल ‘रणजीत सिंह’ को शिकायतकत्र्ता के विरुद्ध दर्ज एक मामला रफा-दफा करने के आरोप में उससे 10,000 रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया।

* 22 अप्रैल को ‘भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो’ ने ‘मडगांव’ में ‘कोंकण रेलवे पुलिस थाने’ में 25000 रुपए रिश्वत लेने के आरोप में एक इंस्पैक्टर ‘सुनील गुडलर’ तथा कांस्टेबल ‘हुसैन शेख’ को गिरफ्तार किया। इससे पूर्व 2011 में भी ‘गुडलर’ को रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार करके निलंबित किया गया था परंतु बाद में वह बहाल हो गया था। 
* 22 अप्रैल को ही ‘झज्जर’ (हरियाणा) में विजीलैंस विभाग ने सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के जे.ई. ‘अंकित’ को एक ठेकेदार के 15 लाख रुपए के बिल पास करवाने के नाम पर 48,000 रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। 
* 23 अप्रैल को ‘फरीदाबाद’ (हरियाणा) के जिला राजस्व कार्यालय में तैनात क्लर्क ‘राजेश’ को भ्रष्टïाचार निरोधक विभाग की टीम ने शिकायतकत्र्ता से 12,000 रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। 

* 23 अप्रैल को ही सतर्कता विभाग की टीम ने ‘पंजाब स्टेट पावर कार्पोरेशन लिमिटेड’ में तैनात जूनियर इंजीनियर ‘जसमेल सिंह’ को 30,000 रुपए रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया।
* 23 अप्रैल को ही सतर्कता विभाग ने एस.डी.एम. कार्यालय ‘पटियाला’ में संविदा कर्मचारी के रूप में तैनात क्लर्क ‘जसपाल सिंह’ को शिकायतकत्र्ता से 8,000 रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया।
* 24 अप्रैल को ‘केंद्रीय जांच ब्यूरो’ (सी.बी.आई.) ने एक रिटायर्ड लैफ्टीनैंट कर्नल ‘अमरजीत सिंह’ तथा एक अन्य संविदा कर्मचारी को  शिकायतकत्र्ता का एक मामला निपटाने के आरोप में 22 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। 
* 25 अप्रैल को ‘बांसवाड़ा’ (राजस्थान) में अधिकारियों ने ‘राजा तालाब’ के थाना अधिकारी ‘दिलीप सिंह’ तथा दलाल ‘शरीफ खान’ को शिकायतकत्र्ता की सम्पत्ति की कुर्की की बची गाडिय़ां जब्त नहीं करने और परेशान नहीं करने की एवज में अढ़ाई लाख रुपए रिश्वत लेते हुए पकड़ा। 

* 25 अप्रैल को ही ‘हरदोई’ (उत्तर प्रदेश) के ‘बेहंदर’ में लखनऊ से आई एंटी क्रप्शन की टीम ने ‘ग्राम विकास अधिकारी’ (वी.डी.ओ.) ‘सुरेश यादव’ को 20,000 रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया।
उपरोक्त उदाहरणों से स्पष्टï है कि आज संभवत: देश का ऐसा कोई भी कोना नहीं बचा जहां यह रोग फैल न चुका हो। अत: उस पर रोक लगाने के लिए पकड़े जाने वाले दोषियों को तुरंत जांच के बाद बर्खास्त ही किया जाना चाहिए तभी उन्हें और दूसरे कर्मचारियों को नसीहत मिलेगी।—विजय कुमार 


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