देश-विदेश पर ‘कहर कुदरत का’ यह ‘शनि की साढ़ेसाती’ नहीं तो और क्या है

Sunday, Jun 28, 2020 - 02:41 AM (IST)

जैसा कि हम अक्सर लिखते रहते हैं कुछ समय से देश-विदेश के हालात देखते हुए अनेक लोगों का कहना ठीक ही लगता है कि शनिदेव नाराज हैं और विश्व पर साढ़ेसाती आई हुई है। इस कारण समस्त विश्व में लगातार जंगलों की आग, भूकंप, बाढ़, आसमानी बिजली आदि से जान-माल की भारी हानि हो रही है जिसके चंद ताजा उदाहरण निम्र में दर्ज हैं : 

* 19 जून को अमरीका के उत्तरी कैलिफोर्निया के जंगलों तथा ऐरीजोना राज्यों में लगी भीषण आग से 12,000 एकड़ भूमि प्रभावित हुई तथा बड़ी संख्या में जंगल और मकान जल कर राख हो गए। 
* 21 जून को मिजोरम, मेघालय, मणिपुर और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में रिक्टर पैमाने पर 5.1 तीव्रता का भूकंप आया फिर 22, 23 और 24 जून को भी मिजोरम के आइजोल व अन्य स्थानों पर क्रमश: 5.3, 3.7 और 4.1 तीव्रता के भूकंप आए जिनसे अनेक मकानों को क्षति पहुंंची। 

* 24 जून को मैक्सिको के अनेक राज्यों में 7.4 तीव्रता के भूकंप के झटकों से दर्जनों इमारतें ढह गईं और 6 लोगों की मौत हो गई। 
* 25 जून को उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल, झारखंड में वर्षा से भारी विनाश हुआ और आसमानी बिजली गिरने से 125 लोगों की मृत्यु हो गई। 
* 26 जून को चीन के झेजियांग इलाके में 2 बार रिक्टर पैमाने पर क्रमश: 6.4 तथा 4.4 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए जिनसे इमारतें हिलने लगीं और लोग घरों से निकल भागे। इसी दिन तुर्की में 5.5 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए और रोहतक में भी भूकंप आया।

* 26 जून रात को लद्दाख में 4.5, मेघालय में 3.3 और मिजोरम के अलावा रोहतक में भूकंप के झटके महसूस किए गए। 
* 27 जून को असम में बाढ़ का पानी राज्य के 16 जिलों में प्रवेश कर गया। राज्य में बाढ़ से 2.53 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं जबकि मृतकों की संख्या बढ़कर 16 हो गई है।
विश्व इस समय कुछ ऐसेे हालात से जूझ रहा है। शनि देव नाराज हैं या नहीं यह अलग बात है, परंतु इस समय जो कुछ हो रहा है, उसके पीछे कुछ तो बात है! शायद कुदरत समूचे विश्व को चेतावनी दे रही है कि अभी भी संभल जाओ और मुझ से छेड़छाड़ तथा गलत काम करना बंद कर दो वर्ना यदि मेरा क्रोध और बढ़ा तो तुम्हें वर्तमान से भी अधिक विनाशलीला के हृदय विदारक दृश्य देखने पड़ेंगे।—विजय कुमार  

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