पुतिन की यह कैसी देशभक्ति परिवार की तो चिंता, लोगों की नहीं

punjabkesari.in Tuesday, Mar 22, 2022 - 04:31 AM (IST)

24 फरवरी, 2022 को रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने जब अपनी सेना को यूक्रेन पर हमला करने का आदेश दिया तब वह इसी गलतफहमी में था कि रूस चंद दिनों में राजधानी कीव सहित यूक्रेन पर कब्जा कर लेगा। यूक्रेन पर लगातार हमले तेज करते चले जाने के बावजूद पुतिन को मुंह की खानी पड़ रही है परंतु विश्व भर के अग्रणी नेताओं द्वारा उसे युद्ध से बाज आने के लिए कहने के बावजूद वह जिद पर अड़ा है। इनमें अमरीका के राष्ट्रपति जो बाइडेन, इंगलैंड के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन, फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों तथा इसराईल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बैनेट शामिल हैं जो फोन द्वारा या निजी तौर पर भेंट करके पुतिन को युद्ध से बाज आने के लिए कह चुके हैं। 

पुतिन के इस हठधर्मितापूर्ण रवैये के विरुद्ध उनके अपने ही देश के लोग भी उसके विरुद्ध उठ खड़े हुए हैं और रोष व्यक्त करने के लिए बड़ी संख्या में रूसी लोगों ने अपने पासपोर्ट तक जला दिए हैं। युद्ध के 26 दिन बाद भी यूक्रेन पर कब्जा न कर पाने की खीझ में इंगलैंड तथा अमरीका द्वारा उसे युद्ध अपराधी घोषित करने के बावजूद यूक्रेन को तबाह और बर्बाद करने के जुनून में पुतिन ने अपनी सेना को ‘परमाणु हमले के अभ्यास’ का आदेश दिया है जिससे इस युद्ध में न्यूक्लियर बम के इस्तेमाल का खतरा बढ़ गया है। ‘परमाणु हमले के अभ्यास’ की रिपोर्ट ने रूसी अधिकारियों को झकझोर दिया है, जिन्हें स्वयं पुतिन ने चेतावनी दी है कि वह इसमें भाग लेगा। रूस के पूर्व राष्ट्रपति दमित्री मेदवेदेव तथा संसद के दोनों सदनों के नेताओं को परमाणु युद्ध के बारे में जानकारी दी गई है। 

हालांकि रूस के चौतरफा हमलों से अब तक यूक्रेन लगभग तबाह हो चुका है परंतु यूक्रेनी सेना हार मानने के लिए तैयार नहीं है और सेना ही नहीं बल्कि यूक्रेन की महिलाओं सहित वहां की नागरिक आबादी भी यथासंभव रूसी सेनाओं का मुकाबला करने के लिए सड़कों पर उतरी हुई है। विदेशों में रहने वाले यूक्रेनी भी रूसी सेनाओं का मुकाबला करने के लिए स्वदेश लौट रहे हैं। वर्तमान स्थिति को देखते हुए कहना कठिन है कि यह युद्ध कब समाप्त होगा तथा आशंका व्यक्त की जा रही है कि कहीं पुतिन अपने जुनून में यूक्रेन पर परमाणु हमले की भूल ही न कर बैठे। 

उल्लेखनीय है कि अभी तक के युद्ध में दोनों पक्षों की भारी प्राणहानि हो चुकी है। एक अनुमान के अनुसार अभी तक यूक्रेन के 902 नागरिक तथा 2870 सैनिक मारे गए हैं जबकि अमरीकी अधिकाािरयों के अनुसार यह संख्या 2000 से 4000 के बीच हो सकती है। यूक्रेन का दावा है कि युद्ध में 14,700 रूसी सैनिक मारे जा चुके हैं। 

पुतिन की यह कैसी देशभक्ति है कि उसे यूक्रेन तथा अपने देशवासियों की मौत की तो चिंता नहीं है परंतु उसके द्वारा अपने परिवार के सदस्यों, जिनमें उसकी पूर्व पत्नी, उसकी दो बेटियां और एक बेटी की जुड़वां बेटियों के साथ-साथ पुतिन की एक प्रेमिका शामिल हैं, को परमाणु खतरे से दूर साइबेरिया में किसी अज्ञात स्थान पर सर्वसुविधा सम्पन्न सुरक्षित हाई टैक लग्जरी बंकर में भेज देने तथा यूक्रेन पर अधिक खतरनाक हाईपरसोनिक मिसाइलों से हमले शुरू कर देने से परमाणु हमले की आशंका को बल मिल रहा है। दोनों देशों के नेताओं में वार्ताओं के 4 दौर हो चुके हैं परंतु युद्ध विराम को लेकर कोई हल नहीं निकल सका और अब पांचवें दौर की वार्ता होने वाली है। इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा है कि ‘‘रूस के साथ समझौते और बातचीत के लिए हमेशा तैयार हैं और पुतिन का बातचीत से इंकार करना विश्व युद्ध-3 की ओर इशारा है।’’ 

बताया जाता है कि रूसी राष्टï्रपति ने जेलेंस्की का बैठक का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है जिसकी तारीख और स्थान जल्द तय किया जाएगा। यह युद्ध रूसी राष्ट्रपति पुतिन की यूक्रेन को नाटो में शामिल होने से रोकने का नतीजा होने के साथ-साथ पश्चिमी देशों द्वारा यूक्रेन को नाटो में शामिल करने की इच्छा का नतीजा भी है। इस युद्ध में बेशक रूस जीत जाए परंतु यह जीत भी उसकी हार के समान ही होगी।—विजय कुमार 


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