यह बिहार है यहां चूहे पीते हैं शराब और पुल तथा रेल इंजन होते हैं चोरी

punjabkesari.in Sunday, Nov 27, 2022 - 05:24 AM (IST)

2016 में बिहार में शराबबंदी लागू होने के बाद पुलिस ने बड़ी मात्रा में शराब जब्त की थी। एक वर्ष बाद 2017 में जब अधिकारियों ने पुलिस थानों में जब्त करके रखी गई शराब का हिसाब मांगा तो उन्हें बताया गया कि सारी शराब तो चूहे ही पी गए। 

इस वर्ष अप्रैल में बिहार के ‘रोहतास’ में लुटेरोंं ने 45 वर्ष पुराना लोहे का 500 टन वजनी रेल पुल दिन के समय तोड़ कर बेच दिया। इस घटना में संलिप्त सिंचाई विभाग के एक सहायक इंजीनियर सहित 8 लोगों को गिरफ्तार करके पुलिस ने उनसे कबाड़ बनाया हुआ पुल बरामद किया। हाल ही में बिहार के पूर्णिया रेलवे स्टेशन पर सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए रखे गए एक पूरे ‘विंटेज मीटरगेज स्टीम इंजन’ को चोरों ने बेच दिया। इस घटना में अन्य आरोपियों के अलावा एक रेलवे इंजीनियर को भी संलिप्त पाया गया था। 

एक अन्य गिरोह ने बिहार के अररिया जिले में 2 शहरों को जोडऩे वाले ‘सीताधार’ नदी पर बने लोहे के एक पुल का ताला खोल कर उसके कुछ महत्वपूर्ण हिस्से गायब कर दिए। और अब 24 नवम्बर को बिहार के बेगूसराय जिले में बरौनी रेलवे स्टेशन के यार्ड में मुरम्मत के लिए लाए गए डीजल इंजन को चोरों के एक गिरोह द्वारा सुरंग बनाकर उसके पुर्जे चुराने और बोरियों में भर-भर कर ले जाने का खुलासा हुआ है जिसकी संबंधित रेल अधिकारियों को भनक तक नहीं लगी। 

मुजफ्फरपुर में एक कबाड़ की दुकान से बरामद किए गए एक बैग में ट्रेन के इंजन के पुर्जे भरे हुए मिलने के बाद यह भेद खुला और इस सिलसिले में पुलिस ने 3 लोगों को गिरफ्तार करके उनकी सूचना पर इंजन के पुर्जों की 13 बोरियां बरामद कीं। उक्त घटनाओं से स्पष्ट है कि आज आपराधिक तत्वों के हौसले इतने बढ़ चुके हैं कि वे बड़े से बड़ा कांड करने से भी नहीं डरते। अत: जहां इन घटनाओं के लिए जिम्मेदार लोगों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने की जरूरत है, वहीं सुरक्षा व्यवस्था भी चाक-चौबंद करनी जरूरी है ताकि ऐसी बड़ी चोरियां तो न हों।—विजय कुमार  


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