यह कैसी दीवाली हर ओर धुंध, धुआं, प्रदूषण और धुंध, धुआं, प्रदूषण

punjabkesari.in Monday, Nov 16, 2020 - 03:36 AM (IST)

बड़ी देर से इस आशय की खबरें आ रही थीं कि पहले से ही बेकाबू कोरोना महामारी का खतरा सर्दियां आने के साथ और ज्यादा बढ़ेगा जिसमें हवा की खराब गुणवत्ता और वायु प्रदूषण की बड़ी भूमिका होगी। इसी कारण चिकित्सा जगत और संबंधित विभागों की ओर से लोगों को विशेष रूप से त्यौहारों के मौसम में प्रदूषण का स्तर कम रखने के लिए यथासंभव फसलों के अपशिष्ट पदार्थ अर्थात पराली आदि न जलाने और दीवाली तथा अन्य त्यौहारों और खुशी के मौके पर पटाखे आदि न चलाने के लिए चेताया जा रहा था। यह चेतावनी भी दी जा रही थी कि प्रदूषण बढऩे के साथ-साथ कोविड-19 भी बढ़ेगा। 

अतीत में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यू.एच.ओ.) के साथ काम कर चुके एक संक्रामक रोग विशेषज्ञ का कहना है कि इस वायरस का व्यवहार अन्य श्वसन रोगों से बहुत अलग नहीं होगा जो सर्दियों के दौरान लौट आते हैं। 2020 की सर्दियों में कोरोना के मामले और उसके बाद होने वाली मौतें चरम पर पहुंच सकती हैं तथा एकैडमी ऑफ मैडीकल साइंसेज, यू.के. के अनुमान अनुसार इस साल की सॢदयां बेहद चुनौतीपूर्ण हो सकती हैं। आकलन है कि जनवरी-फरवरी 2021 में अस्पतालों में होने वाले कोविड पीड़ितों के दाखिले तथा मौतें फरवरी 2020 के समान ही हो सकती हैं। इसी कारण पटाखे फोडऩे पर रोक लगाते हुए नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एन.जी.टी.) ने कहा था कि, ‘‘पटाखे खुशी और उत्सव के लिए जलाए जाते हैं, मौतों और बीमारियों का जश्र मनाने के लिए नहीं।’’ 

सुप्रीमकोर्ट और एन.जी.टी. के आदेश के बावजूद दीवाली की रात दिल्ली-एन.सी.आर. के साथ-साथ देश के अधिकांश भागों में खूब आतिशबाजी हुई जिसके परिणामस्वरूप पहले से ही खराब हवा और भी प्रदूषित होकर गंभीर स्थिति में जा पहुंची। दिल्ली में आतिशबाजी और पटाखों के चलते वायु गुणवत्ता  सूचकांक (ए.क्यू.आई.) 999 के खतरनाक स्तर तक पहुंच गया। पूरी दिल्ली तथा देश के अन्य अनेक भाग रात के समय तथा अगले दिन भी पटाखों के प्रदूषण की चादर में लिपटे रहे। 

हालांकि प्रदूषण से निपटने के लिए उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने आधी रात को कुछ इलाकों में पानी का छिड़काव और कुछ हाटस्पॉट वाले इलाकों में फॉङ्क्षगग भी की, परंतु दिल्ली में 15 नवम्बर को तड़के 4 बजे दर्ज किया गया वायु गुणवत्ता सूचकांक आनंद विहार में 572, मंदिर मार्ग इलाके में 785, पंजाबी बाग में 544, शहीद सुखदेव कालेज आफ बिजनैस स्टडी के आसपास 999, जहांगीर पुरी में 777, सत्यवती कालेज क्षेत्र में 818 और बवाना इलाके में 623 दर्ज किया गया। 

सर्दियां आने और मौसम बदलने के चलते कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जाने के कारण गत सप्ताह दिल्ली सरकार ने 30 नवम्बर तक पटाखों पर बैन लगाने की घोषणा की थी परंतु प्रदूषण का स्तर बढऩे से कोरोना रोगियों के लिए कठिनाइयां बढऩे के खतरे के दृष्टिïगत एन.जी.टी. द्वारा लगाए गए प्रतिबंध और दिल्ली सरकार की अपील के बावजूद अंधाधुंध आतिशबाजी हुई तथा राजधानी में प्रदूषण का स्तर पिछले वर्षों की तुलना में लगभग 3 गुणा अधिक हो गया जबकि पहले ही बेकाबू हो रहे कोरोना के कारण बीमार लोगों के लिए उपचार की समस्या पैदा होती दिखाई दे रही है। दीवाली के दिन देश के विभिन्न भागों में पटाखे फोडऩे व अन्य कारणों से बड़ी संख्या में हुए अग्निकांडों से भी जहां करोड़ों रुपए की सम्पत्ति नष्ट हो गई वहीं प्रदूषण बढऩे से लोगों के स्वास्थ्य के लिए भी और खतरा बढ़ गया। 

* राजधानी दिल्ली और एन.सी.आर. में आग लगने की कम से कम 205 घटनाएं हुईं। इनमें से शाम 6 बजे से रात 12 बजे तक 129 घटनाएं हुईं जबकि बाकी घटनाएं दिन के समय हुईं, जिनमें न सिर्फ लाखों रुपए की सम्पत्ति जल कर राख हो गई बल्कि एक व्यक्ति भी जिंदा जल मरा। 
* बिहार के पूर्णिया, मुंगेर, पटना और मोतीहारी सहित कई जगह हुए दर्जनों अग्निकांडों में करोड़ों रुपए की सम्पत्ति स्वाह हो गई। 
* राजस्थान के जयपुर में दीवाली के दिन आग लगने की कम से कम 80 घटनाएं हुईं।
* देहरादून में 14 से अधिक अग्निकांड हुए। 

* उत्तर प्रदेश के वाराणसी, नोएडा तथा अन्य शहरों में अनेक अग्निकांड हुए। 
* मध्य प्रदेश के दमोह, बंगाल में कोलकाता, पंजाब में धारीवाल (गुरदासपुर), जम्मू-कश्मीर के ऊधमपुर तथा हरियाणा व अन्य स्थानों पर भी हुए दर्जनों अग्निकांडों में करोड़ों रुपए की सम्पत्ति नष्टï हुई है। इस तमाम घटनाक्रम के परिणामस्वरूप जहां पहले से ही गंभीर कोरोना की स्थिति अत्यंत गंभीर होने का खतरा पैदा हो गया है।
* अनेक स्थानों पर जंगलों में आग लगने की सूचना भी मिली है। 

अत: लोगों को अभी भी संभलने की आवश्यकता है तथा हालात को और बिगडऩे से बचाने के लिए हमें अपने देश, अपने समाज और अपने परिवार के लिए अपनी जिम्मेदारी समझते हुए लापरवाही छोड़ अधिक सावधानी बरत कर प्रदूषण को यथासंभव कम करने के साथ-साथ अन्य बचावात्मक सावधानियां कठोरतापूर्वक बरतनी होंगी। हालांकि देश के कुछ भागों में 15 नवम्बर को हुई वर्षा, ओलावृष्टि और आंधी से वायु प्रदूषण कुछ कम होने की संभावना पैदा हुई, परन्तु इतना ही काफी नहीं है। आज के ङ्क्षचताजनक माहौल में हर सावधानी बरतने की आवश्यकता है। ऐसा न करने पर हम अपने देश और समाज के प्रति अपराधपूर्ण आचरण करने के दोषी करार दिए जाएंगे।


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