‘ये हैं हमारे आज के नेतागण’ ‘...और पढि़ए इनके बयानात’

Wednesday, Jan 13, 2021 - 04:24 AM (IST)

पिछला साल 2020 कोरोना के अलावा नेताओं के उल्टे-पुल्टे बयानों का साल भी रहा। नया सालशुरू होने पर उम्मीद थी कि नेता अब ऐसे बयानों से बचेंगे लेकिन साल के पहले दो सप्ताहों में ही नेताओं ने अपने बयानों की सारी हदें तोड़ दी हैं जिनका उल्लेख हम निम्र में कर रहे हैं : 

* 4 जनवरी को आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तिहादुल मुसलमीन (ए. आई.एम.आई.एम.) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने अपनी पार्टी पर भाजपा की ‘बी टीम’ होने संबंधी आरोपों पर कहा, ‘‘भारत की सियासत का मैं ‘लैला’ हूं और मेरे मजनूं बहुत हैं।’’
* 4 जनवरी को ही भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा कोरोना वायरस से कांग्रेस की तुलना करते हुए बोले, ‘‘कोरोना वैक्सीन के आने से केवल वायरस और कांग्रेस परेशान है। पिछले कुछ वर्षों में जनता ने कांग्रेस में (कोरोना के वायरस की तरह) कई म्यूटेशन (बदलाव) होते देखे हैं।’’
* 6 जनवरी को उत्तराखंड विधानसभा में सबसे बुजुुर्ग व नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश (कांग्रेस) के बारे में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने भाजपा कार्यकत्र्ताओं के सम्मेलन में बयान देते हुए उन्हें ‘बुढिय़ा और डूबता हुआ जहाज’ करार देते हुए कहा : 

‘‘इंदिरा हृदयेश कहती हैं कि उनके सम्पर्क में कई भाजपा विधायक हैं...भला बुढिय़ा से कौन सम्पर्क करेगा?’’ उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पूर्व इंदिरा ने कहा था कि जल्द ही कई भाजपा विधायक कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं।
* 9 जनवरी को उत्तर प्रदेश में अमेठी के जगदीशपुर में ‘आप’ विधायक सोमनाथ भारती बोले, ‘‘भाजपा सरकार में गुंडों का राज है। उत्तर प्रदेश के अस्पतालों में बच्चे तो पैदा हो रहे हैं लेकिन कुत्तों के बच्चे पैदा हो रहे हैं।’’ 
उक्त बयान के लिए सोमनाथ भारती के विरुद्ध शिकायत मिलने पर अमेठी की अदालत ने उन्हें 14 दिन की हिरासत में भेज दिया है और जब वह जेल जा रहे थे तो एक युवक ने उन पर स्याही फैंक दी। 

* 10 जनवरी को राजस्थान के  कोटा से भाजपा विधायक मदन लाल दिलावर ने आंदोलनकारी किसानों के विरुद्ध बयान देते हुए कहा, ‘‘किसान आंदोलन में उग्रवादी और लुटेरे शामिल होकर पिकनिक मना रहे हैं।’’ 
‘‘वे आंदोलन नहीं कर रहे, मुर्गे-मुर्गियों का मांस और बिरयानी तथा काजू-बादाम खाकर ऐश करने के अलावा अन्य विलासिताओं का आनंद ले रहे हैं।’’
‘‘यह बर्ड फ्लू फैलाने का षड्यंत्र है। यदि किसानों को आंदोलन स्थल से नहीं हटाया गया तो देशभर में बड़े पैमाने पर बर्ड फ्लू का प्रकोप फैल सकता है। आंदोलन के नाम पर पिकनिक मनाने वालों को एकत्रित नहीं होने देना चाहिए।’’
‘‘अगर वे पाकिस्तान से प्यार करते हैं तो वहां चले जाएं और बंगलादेश से प्यार करते हैं तो वहां चले जाएं और यदि दोनों देश उनको नहीं रखना चाहते तो वे हिंद महासागर में डूब सकते हैं।’’

* 11 जनवरी को ही तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने देवी सीता को लेकर टिप्पणी करते हुए कहा, ‘‘सीता ने भगवान राम से कहा, अच्छा हुआ मेरा हरण रावण द्वारा किया गया था, न कि उसके अनुयायियों द्वारा। नहीं तो मेरा हश्र भी हाथरस जैसा होता।’’ इसी दिन एक अन्य तृणमूल सांसद सुखेंदु शेखर राय ने बयान देते हुए कहा, ‘‘बंगाल में यदि शांति भंग करने की कोशिश की गई तो ‘बाहरियों’ के विरुद्ध लडऩे के लिए बंगाली भी हथियार उठा लेंगे। हमारी पार्टी अब तक ऐसे लोगों को नजरअंदाज कर रही है लेकिन जरूरत पडऩे पर सबक सिखाएगी।’’

* 11 जनवरी को ही मध्यप्रदेश के प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा बोले, ‘‘दिग्विजय सिंह काम और व्यवहार से मोहम्मद अली जिन्ना से ज्यादा खतरनाक हैं। पहले जिन्ना ने देश विभाजन किया। 1947 में बापू से भूल हुई और देश के दो टुकड़े हो गए। वैसा ही विभाजन दिग्विजय सिंह कराना चाहते हैं।’’ अपने देश के चंद नेताओं के उक्त बयान हमने पाठकों के सामने रखे हैं। इन्हें पढ़ कर आप स्वयं  ही निर्णय करें कि इन्हें पढ़ कर आप क्या अनुभव करते हैं? राजनीतिक दल इस ओर ध्यान दें और जनभावनाओं को सम्मुख रख कर इनके व्यवहार में अपेक्षित बदलाव लाएं।—विजय कुमार

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