‘आतंकवादियों के मददगारों’ की गिरफ्तारी में तेजी लाने की जरूरत!

punjabkesari.in Friday, Nov 07, 2025 - 03:34 AM (IST)

 22 अप्रैल को आतंकवादियों द्वारा ‘पहलगाम’ में 26 हिंदू पर्यटकों की हत्या के बाद केंद्र सरकार ने ‘आप्रेेशन सिंदूर’ के अंतर्गत जहां आतंकियों के अनेक ठिकानों को तबाह किया, वहीं जम्मू-कश्मीर प्रशासन एवं सुरक्षा बलों ने देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्त तत्वों को शह देने वाले देशद्रोहियों के विरुद्ध भी अभियान चला रखा है। इसके अंतर्गत ऐसे गद्दारों की शिनाख्त करके उन्हें उनके अंजाम तक पहुंचाया जा रहा है जिनमें सरकारी कर्मचारी तथा अन्य लोग शामिल हैंै। इसी कड़ी में हाल ही में आतंकवादियों के 4 मददगारों को गिरफ्तार किया गया। इनमें 2 सरकारी कर्मचारी भी हैं जिनका विवरण निम्न में दर्ज है :

* 23 अगस्त, 2025 को जम्मू-कश्मीर की ‘स्टेट इन्वैस्टीगेशन एजैंसी’ (एस.आई.टी.) ने शोपियां में ‘हिज्ब-उल-मुजाहिदीन’ के एक मददगार ‘अल्ताफ हुसैन वागे’ को भारत विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देने के आरोप में गिरफ्तार किया। वह एक पाकिस्तानी हैंडलर के सम्पर्क में था।
* 24 सितम्बर को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने 22 अप्रैल के ‘पहलगाम आतंकी हमले’ को अंजाम देने वाले आतंकवादियों को हथियार, राशन तथा अन्य जरूरी वस्तुएं सप्लाई करने वाले उनके मददगार तथा ‘लश्कर-ए-तैयबा’ के सदस्य ‘मोहम्मद यूसुफ कटारिया’ को ‘ब्रिनाल लामड़’ इलाके से गिरफ्तार किया।‘मोहम्मद यूसुफ कटारिया’ कुलगाम के ऊपरी इलाकों में रहने वाले कबायली समुदाय, जिनकी झोंपडिय़ां पहाड़ी क्षेत्रों में स्थित हैं, से सम्बन्ध रखता है। ये इलाके ‘लश्कर-ए-तैयबा’ के आतंकवादियों द्वारा दक्षिण कश्मीर के विभिन्न क्षेत्रों तक पहुंचने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। 
* 30 अक्तूबर को शिक्षा विभाग के 2 कर्मचारियों ‘गुलाम हुसैन’ और ‘माजिद इकबाल डार’ को आतंकवादी समूहों से संबंधों के लिए बर्खास्त किया गया। इनमें से ‘गुलाम हुसैन रियासी’ जिले के सरकारी प्राइमरी स्कूल, ‘कालवा’ में तैनात था। वह भी ‘लश्कर-ए-तैयबा’ से जुड़ा हुआ था तथा उसे ‘लश्कर-ए-तैयबा’ द्वारा रियासी तथा आसपास के इलाकों में आतंकी नैटवर्क मजबूत करने की जिम्मेदारी दी गई थी।
इसी प्रकार दूसरे बर्खास्त किए गए आतंकवादियों के मददगार ‘माजिद इकबाल डार’ को उसके पिता की मौत के बाद शिक्षा विभाग में दया के आधार पर नौकरी दी गई थी जो लैबोरेटरी असिस्टैंट के रूप में काम करने के साथ-साथ आतंकवादी संगठन के लिए काम करके देशद्रोह कर रहा था।

भारी बेरोजगारी के दौर में सरकारी नौकरी पाकर देश का आभार मानने की बजाय देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्त ऐसे लोग न जाने अपने ही कितने लोगों को मरवा और देश का कितना नुकसान करवा चुके होंगे। हालांकि हाल ही में उप राज्यपाल ‘श्री मनोज सिन्हा’ ने एक सुरक्षा समीक्षा बैठक में यहां से आतंकवाद और उसके समर्थकों को जड़ से खत्म करना अपनी प्राथमिकता बताई तथा सुरक्षा बल ऐसा कर भी रहे हैं, परंतु इस काम में और तेजी लाने की आवश्यकता है क्योंकि अभी भी न जाने कितने देशद्रोही बचे हुए होंगे। अत: जहां जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद समाप्त करके शांति एवं सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए यहां सक्रिय आतंकवादियों के साथ-साथ उनकी सहायता करने वाले देशद्रोहियों का पता लगाकर उन्हें सलाखों के पीछे पहुंचाना और कठोरतम दंड देना बहुत जरूरी है। इसके लिए इस अभियान में और तेजी लाने की जरूरत है, वहीं आतंकवादियों तथा उनके मददगारों के बारे में सूचना देने वाले लोगों को ईनाम देने की भी जरूरत है।—विजय कुमार


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Related News