‘बढ़ता जा रहा आवारा कुत्तों का आतंक’ बच्चे-बड़े सभी बन रहे शिकार!
punjabkesari.in Tuesday, Nov 04, 2025 - 03:31 AM (IST)
भारत में आवारा कुत्तों द्वारा हमलों की घटनाओं में तेजी से वृद्धि हो रही है तथा बच्चे और बड़े सभी उनका शिकार बन रहे हैं। वर्ष 2024 में रोज औसतन 10,178 लोगों को कुत्तों ने काटा और कोई भी स्थान इनके उत्पात से मुक्त नहीं। कुत्तों के अधिकांश शिकार 15 वर्ष से कम आयु के बच्चे होते हैं। मौका पाते ही विभिन्न स्थानों पर अकेले या समूहों में बैठे आवारा कुत्ते लोगों पर टूट पड़ते हैं। कुत्तों के काटने के लगभग 2 महीनों के उदाहरण निम्न में दर्ज हैं :
* 27 अगस्त को ‘मुजफ्फरनगर’ (उत्तर प्रदेश) में ‘चंधेड़ी’ गांव के रहने वाले ‘शिवा’ नामक 15 वर्षीय बच्चे, जिसे एक माह पूर्व गांव के आवारा कुत्तों ने काट लिया था, की तड़प-तड़प कर मौत हो गई।
* 29 अगस्त को ‘सैफई’ (उत्तर प्रदेश) में ‘नितिन वाल्मीकि’ नामक 11 वर्षीय बालक की एक कुत्ते के काटने से मौत हो गई।
* 21 सितम्बर को ‘देहरादून’ (उत्तराखंड) के गांव ‘बिदौली’ में एक ‘राटवीलर’ नस्ल के पालतू कुत्ते ने, जिसे उसके मालिक ने गली में छोड़ रखा था, राह चलती ‘मोहिनी’ नामक महिला पर हमला करके उसका सिर अपने जबड़े में दबा कर उसे बुरी तरह घायल कर दिया।
* 5 अक्तूबर को ‘मेरठ’ (उत्तर प्रदेश) में एक आवारा कुत्ते ने पीछे से आकर ‘मीनाक्षी’ नामक एक महिला की टांग दबोच ली और नोच-नोच कर उसे लहू-लुहान कर दिया।
* 8 अक्तूबर को ‘छत्रपति संभाजी नगर’ (महाराष्टï्र) में एक आवारा कुत्ते ने ‘अरमान’ नामक बच्चे के सिर पर हमला करके उसे मार डाला।
* 20 अक्तूबर को ‘जालना’ (महाराष्टï्र) में आवारा कुत्ते ने एक 3 वर्षीय बच्ची पर हमला करके उसका चेहरा नोच डाला जिससे उसकी मौत हो गई।
* 28 अक्तूबर को ‘इटावा’ (उत्तर प्रदेश) के ‘बसरेहर’ कस्बे में एक आवारा कुत्ते के काटने से ‘अनमोल’ नामक 15 वर्षीय बालक की मृत्यु हो गई।
* 30 अक्तूबर को ‘खंडवा’ (मध्य प्रदेश) के ‘इमलीपुरा’ में आवारा कुत्ते के काटने से ‘अर्शीन’ नामक 7 वर्षीय बच्ची की मौत हो गई।
* 2 नवम्बर को ‘नूरमहल’ (पंजाब) में आवारा कुत्तों के झुंड ने मोहल्ला ‘खटीकान’ के एक युवक पर हमला करके उसे नोच-नोच कर मार डाला। यहां तक कि उस युवक का सिर उसके धड़ से अलग कर दिया।
* और अब 3 नवम्बर को ‘बागलकोट’ (कर्नाटक) में एक पागल कुत्ते ने विभिन्न क्षेत्रों में 10 लोगों को काट कर लहू-लुहान कर डाला।
कुत्तों के इसी उत्पात तथा लोगों की शिकायतों को देखते हुए चंडीगढ़ प्रशासन ने ‘अमरीकन बुल डॉग’, ‘अमरीकन पिटबुल’, ‘बुल टैरियर’, ‘केन कार्सो’, ‘डोगो अर्जेन्टीनो’ तथा ‘राटवीलर’ नस्ल के कुत्तों Þपर बैन लगा दिया है। इसके अंतर्गत शहर में इन नस्लों के कुत्ते न तो पाले जा सकेंगे और न ही खरीदे या बेचे जा सकेंगे तथा इन नस्लों के कुत्तों को शहर में लाने पर पूरी तरह रोक होगी। उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट 28 जुलाई, 2025 के एक समाचार पर स्वत: संज्ञान ले कर आवारा कुत्तों के काटने के मामले पर सुनवाई कर रहा है जिसमें आवारा कुत्तों के काटने से विशेषकर बच्चों में रैबीज़ फैलने की बात कही गई थी। एक बड़ी समस्या ‘डॉग लवर्स’ की भी है, जोआवारा कुत्तों को पकडऩे आने वाली टीमों का विरोध करते हैं। इसका समाधान होना भी जरूरी है।
इसी सिलसिले में सुप्रीम कोर्ट की राज्यों को फटकार के बाद 3 नवम्बर को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों ने सुप्रीम कोर्ट में पेश होकर ‘एनीमल बर्थ कंट्रोल’ नियमों के पालन को लेकर हल्फनामा दायर न करने के लिए माफी मांगी। सुप्रीम कोर्ट ने कुत्तों के काटने से प्रभावित लोगों की याचिका भी स्वीकार कर ली है तथा अदालत इस पर 7 नवम्बर, 2025 को फैसला सुनाएगी। जब तक केंद्र और राज्य सरकारें आवारा कुत्तों को इधर-उधर घूमने से रोकने के लिए उन्हें पकड़ कर ‘डॉग हाऊसों’ में बंद करने तथा उनकी बढ़ती संख्या पर रोक लगाने के लिए ठोस कदम नहीं उठाएंगी, तब तक इस समस्या से मुक्ति मिल पाना मुश्किल है और ऐसे में आवारा कुत्तों के काटने से होने वाली मौतें लगातार बढ़ती ही जाएंगी।—विजय कुमार
