किशिदा पर हुए स्मोक बम हमले ने पी.एम. आबे की याद दिला दी

punjabkesari.in Monday, Apr 17, 2023 - 03:41 AM (IST)

जापान दुनिया के सबसे सुरक्षित देशों में से एक है और उसके पास बंदूक पर नियंत्रण लगाने के लिए बहुत सख्त कानून है। स्मोक बम हमला जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के पूर्ववर्ती शिंजो आबे की हत्या के एक साल से भी कम समय बाद हुआ है। वह भी एक अभियान के दौरान भीड़ में भाषण दे रहे थे। किशिदा अगले महीने हिरोशिमा में ग्रुप ऑफ 7 (जी.-7) नेताओं के शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने वाले हैं। 

आबे के विपरीत किशिदा को बहुत जल्दी से निकाल लिया गया और हमलावर से तुरंत ही निपटा गया। किशिदा के चारों ओर कुछ क्षण एक ढाल दिखाई दे रही थी जब हमलावर को जमीन पर गिरा दिया गया। हालांकि सोशल मीडिया पर कई लोगों ने बताया कि हमलावर से निपटने वाला पहला व्यक्ति वास्तव में एक मछुआरा था जो भीड़ के बीच और हमलावर की बगल में था। पश्चिमी जापान के वाकायामा में एक बन्दरगाह में जो हुआ और पिछले वर्ष पश्चिमी शहर नारा में जो हुआ उसके बीच असहज समानताएं हैं। जब आबे को बुरी तरह से गोली मार दी गई थी। पिछले साल की हत्या ने जापान को झकझोर कर रख दिया था। अब इस स्मोक बम हमले की प्रेरणा अभी भी स्पष्ट रही है लेकिन यह सवाल उठना लाजमी है कि क्या शिंजो आबे की हत्या एक नकली घटना को प्रेरित कर सकती थी। 

जापान में चुनाव अभियान चाहे स्थानीय हो या राष्ट्रीय हो बहुत करीबी और व्यक्तिगत होते हैं। राजनीतिक नेता भीड़ के पास रहना, हाथ मिलाना और लोगों से बात करना पसंद करते हैं। ऐसी बातें जोखिम पैदा करती हैं यह देखते हुए कि जापान में कितने दुर्लभ हिंसक हमले होते हैं फिर भी इन घटनाओं के प्रति हमेशा अपेक्षाकृत ढीला रवैया रहा है। निहोन विश्वविद्यालय में आपातकालीन और संकट जोखिम प्रबंधन के प्रो. मित्सुरु फुकुदा ने एक समाचार एजैंसी को बताया कि किशिदा के भाषण के लिए स्थान खराब तरीके से चुना गया था और उनके और दर्शकों के बीच अधिक दूरी होनी चाहिए थी। 

शिंजो आबे की हत्या के कारण शीर्ष स्थानीय और राष्ट्रीय पुलिस प्रमुखों को इस्तीफा देना पड़ा था। तब से राजनेताओं के इर्द-गिर्द सुरक्षा बढ़ा दी गई है लेकिन घबराहट की भावना भी बढ़ गई है। 
स्मोक बम हमले के बाद अब पुलिस, खुफिया एजैंसी पर सवाल उठने के साथ-साथ यह सवाल भी खड़े होंगे कि जापान के प्रधानमंत्री अपने पूर्ववर्ती की हत्या के कुछ महीने बाद ही इतने असुरक्षित स्थान पर क्यों गए थे। 


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