विवादास्पद बयानों का सिलसिला रुकने वाला नहीं...

punjabkesari.in Friday, Jan 13, 2023 - 04:00 AM (IST)

बिहार के शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर ने नालंदा विश्वविद्यालय में छात्रों से बातचीत के दौरान प्रभु श्री राम के आदर्श चरित्र का बखान करने वाले महान ग्रंथ ‘रामचरित मानस’, ‘मनुस्मृति’ तथा गुरु गोलवलकर की पुस्तक ‘बंच आफ थॉट्स’ बारे अब कुछ विवादास्पद बातें कहीं हैं : 

‘‘धार्मिक पुस्तक ‘रामचरित मानस’ में कहा गया है कि वंचित समाज के लोग शिक्षा लेने के बाद सांप की तरह जहरीले हो जाते हैं।’’ ‘‘यह घृणा फैलाने और समाज को जोडऩे की बजाय तोडऩे वाला ग्रंथ है। इससे समाज में विसंगतियां पैदा होती हैं। यह दलितों, पिछड़ों और महिलाओं को न सिर्फ पढ़ाई से बल्कि उनको हक दिलाने से भी रोकता है।’’ ‘‘मनुस्मृति ने समाज में घृणा का बीज बोया है। गुरु गोलवलकर के विचार समाज में घृणा फैला रहे हैं। ‘मनुस्मृति’ दलितों-वंचितों का हक छीनने की बातें करती है।’’ 

चंद्रशेखर के उक्त बयान से बिहार की राजनीति में बवाल के अलावा देश के धर्माचार्यों में भी नाराजगी फैल गई है। अयोध्या के महंत जगतगुरु परमहंस आचार्य ने कहा है कि उसकी जीभ काटने वाले को वह 10 करोड़़ रुपए देंगे। जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने शिक्षा मंत्री के उक्त बयान से अनभिज्ञता व्यक्त की है वहीं भाजपा ने इसके लिए शिक्षा मंत्री के त्यागपत्र और माफी के अलावा उस पर देशद्रोह का मुकद्दमा चलाने की मांग की है। 

चंद्रशेखर ने माफी मांगने से इंकार करके और यह कह कर विवाद को और बढ़ा दिया है कि वह अपनी बात पर कायम है और माफी उन लोगों को मांगनी चाहिए जिन्होंने अन्याय किया है। कवि डा. कुमार विश्वास ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कहा है कि ‘‘आपके अशिक्षित शिक्षा मंत्री को शिक्षा की बहुत जरूरत है।’’बिहार के शिक्षा मंत्री ने भगवान के चरित्र का बखान करने वाले ग्रंथ बारे शर्मनाक बयान देकर समाज के बड़े वर्ग की भावनाओं को आहत किया है। अत: कानून द्वारा ऐसी कोई अचूक व्यवस्था करने की अनिवार्य रूप से आवश्यकता है।—विजय कुमार 


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