‘देश में बेकाबू होती जा रही’ ‘बेरोजगारी की समस्या’

punjabkesari.in Saturday, Sep 04, 2021 - 03:10 AM (IST)

एक अनुमान के अनुसार देश में 3.8 करोड़ से अधिक युवा बेरोजगार हैं। ‘सैंटर फार मॉनीटरिंग इंडियन इकोनोमी’ के अनुसार राष्ट्रीय बेरोजगारी दर जुलाई में 6.95 प्रतिशत थी जो अगस्त में 1.37 प्रतिशत बढ़कर 8.32 प्रतिशत हो गई। इस माह में देश में 16 लाख से अधिक लोग बेरोजगार हुए। अगस्त में सर्वाधिक 35.7 प्रतिशत बेरोजगारी की दर हरियाणा में रही। एक ओर बेरोजगारी के कारण कम शैक्षिक योग्यता वाले पदों के लिए भी उच्च शैक्षिक योग्यता वाले युवा आवेदन करने को विवश हो रहे हैं तो दूसरी ओर चंद अवांछित तत्व लोगों की मजबूरी का फायदा उठाकर नौकरी दिलाने का झांसा देकर युवाओं को ठग रहे हैं। 

* 26 अगस्त को झारखंड में रांची की ‘नामकुम’ पुलिस ने सेना में नौकरी दिलाने के नाम पर युवाओं को ठगने के फरार आरोपी को काबू किया।
* 28 अगस्त को बिहार के ‘जमुई’ में एक महिला ने जिला कांग्रेस के अध्यक्ष रामानुज सिंह पर उसके साथ नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने तथा कई महीनों तक यौन शोषण करने का आरोप लगाया।
* 29 अगस्त को बिहार के ही ‘मोतीहारी’ में एक युवक ने रेलवे में नौकरी दिलाने के बहाने उसे फर्जी नियुक्ति पत्र तक देकर उससे 3 लाख रुपए ठग लेने के मामले में 4 लोगों के विरुद्ध शिकायत दर्ज करवाई। 

* 2 सितम्बर को आजाद नगर पुलिस ने हांसी में नौकरी दिलाने के बहाने एक युवक से 80,000 रुपए ठगने के आरोप में एक व्यक्ति को पकड़ा।
* 2 सितम्बर को बाराबंकी में एक महिला ने एक भाजपा नेता पर अपने बेटे को नौकरी दिलाने के बहाने उससे 2 लाख रुपए ठगने का आरोप लगाया।
* 2 सितम्बर को श्रीगंगानगर पुलिस ने राजस्थान पुलिस में नौकरी दिलाने का झांसा देकर युवकों से लाखों रुपए ठगने के आरोप में एक महिला को पकड़ा। 

* 3 सितम्बर को भोपाल के हबीबगंज थाना क्षेत्र में एक महिला खिलाड़ी को बैंक में स्पोटर््स कोटे से नौकरी दिलाने का झांसा देकर 6 लाख रुपए ठगने के आरोप में एक पति-पत्नी को पकड़ा गया।
* 3 सितम्बर को मध्य प्रदेश वन विभाग की फर्जी वैब साइट बना कर नौकरियां दिलाने के बहाने युवाओं से लाखों रुपए ठगने वाले गिरोह के 2 सदस्यों को मध्य प्रदेश की ‘साइबर पुलिस’ ने महाराष्ट्र से काबू किया।
ये तो जरूरतमंदों की मजबूरी का फायदा उठाने और उन्हें नौकरी दिलाने के बहाने ठगने के मात्र एक सप्ताह के चंद उदाहरण हैं। इस बुराई में जहां अपराधियों का नैटवर्क सक्रिय है वहीं कुछ राजनीतिज्ञ भी इसमें संलिप्त पाए जा रहे हैं जिन पर भी कठोरतम कार्रवाई करने की जरूरत है।—विजय कुमार


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