अपनी गलत हरकतों से चंद पुलिस वाले कर रहे विभाग को बदनाम

punjabkesari.in Tuesday, Oct 08, 2019 - 11:39 PM (IST)

समाज में कानून व्यवस्था तथा शांति बनाए रखने और लोगों को सुरक्षा प्रदान करने की जिम्मेदारी पुलिस विभाग की है परंतु इसमें घुस आई चंद काली भेड़ें अपने गलत आचरण से समूची पुलिस फोर्स की बदनामी का कारण बन रही हैं जो लगभग एक महीने के निम्र उदाहरणों से स्पष्ट है : 

09 सितम्बर को असम पुलिस ने दारांग जिले की एक पुलिस चौकी में गर्भवती महिला और उसकी 2 बहनों पर अत्याचार करने, उनके कपड़े उतारने और पीटने के आरोप में 2 कांस्टेबलों के विरुद्ध केस दर्ज करके उन्हें निलंबित कर दिया। पुलिस की पिटाई सेे महिला का गर्भ गिर गया।

14 सितम्बर को झारखंड में बोकारो के एक ए.एस.आई. राजू सिंह को एक दिवंगत पुलिस इंस्पैक्टर की 14 वर्षीय बेटी से बलात्कार करने और अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करने के आरोप में निलंबित किया गया।
 
26 सितम्बर को बठिंडा में थाना मौड़ के एस.एच.ओ. खेमचंद्र पराशर, हवलदार अवतार सिंह व उसके पुत्र अनूप ग्रोवर द्वारा दुबई से आए व्यापारियों को अगवा कर थाने में बंधक बना कर उनसे 2.4 किलो सोना लूटने के आरोप में एस.एच.ओ. व हवलदार को बर्खास्त कर दिया गया।

28 सितम्बर को पी.ए.पी. की 75 बटालियन के हैड कांस्टेबल तेजिंद्र पाल सिंह उर्फ विक्की पुत्र हरभजन सिंह को 5 वर्षीय एक बच्ची के साथ अश्लील हरकतें करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।

01 अक्तूबर को पुलिस कर्मचारियों के रिकार्ड की जांच कर रही कमेटी द्वारा हवलदार कमलजीत सिंह (324 आर), हवलदार अशोक कुमार (569 आर) तथा हवलदार गुरमीत सिंह (703 आर) का रिकार्ड असंतोषजनक, ड्यूटी से गैरहाजिर और शराब पीने के अभ्यस्त पाए जाने के आधार पर उन्हें समय पूर्व रिटायर करने की सिफारिश की गई। 

01 अक्तूबर को दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने 24 पुलिस कांस्टेबलों के भत्तों की रकम 19.44 लाख रुपए का गबन करने के आरोप में कांस्टेबल अनिल को गिरफ्तार किया।

02 अक्तूबर को विजीलैंस टीम ने ए.पी. रेलवे पुलिस चौकी अलावलपुर के ए.एस.आई. सर्बजीत सिंह को 5000 रुपए रिश्वत लेते हुए पकड़ा। 

02 अक्तूबर को रिलीज हुई तेलुगू मैगा स्टार चिरंजीवी की फिल्म ‘सई रा नरसिम्हा रैड्डी’ देखने के लिए करनूल के कोईकुंतला में तैनात 7 पुलिस कर्मचारी अपनी ड्यूटी छोड़ कर बिना छुट्टी लिए चले गए जिस पर उन्हें निलम्बित कर दिया गया। 

04 अक्तूबर को होशियारपुर के निकट माहिलपुर में छापा मारने पहुंची नार्कोटिक्स टीम की गाड़ी से 3 पैकेट चूरा पोस्त, नशीला पाऊडर और शराब की बोतलें बरामद हुईं। नशे के मामले में फंसाने का आरोप लगाते हुए ग्रामीणों ने एक ए.एस.आई. को पीटा और कार का शीशा तोड़ दिया। इस सिलसिले में छापामारी करने गई टीम के 6 सदस्यों को निलम्बित किया गया है।  

04 अक्तूबर को ही एक महिला ने श्री आनंदपुर साहिब के डी.एस.पी. दफ्तर में तैनात एक ए.एस.आई. पर उससे बलात्कार करने तथा पुलिस पर इस मामले में कार्रवाई न करने का आरोप लगाया। 

05 अक्तूबर को बठिंडा में सी.आई.ए.-2 की पुलिस ने शराब की तस्करी करने वाले एक पुलिस कर्मचारी को उसके साथी के साथ गिरफ्तार किया। 

05 अक्तूबर को ही लुधियाना की अदालत में सुनवाई के बाद एक पुलिस कांस्टेबल नशा तस्करी के एक आरोपी को उसके घर ले गया क्योंकि वह अपनी बीमार मां से मिलना चाहता था तथा उसकी हथकड़ी भी खोल दी। कांस्टेबल ने वहां चाय भी पी और बाद में दवाई लाने के बहाने नशा तस्कर वहां से भाग गया।
 
06 अक्तूबर को मेरठ में एक सेना के सिपाही को अपनी 17 वर्षीय बेटी से बलात्कार और टार्चर करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।   

पुलिस कर्मचारियों का इस प्रकार का जन विरोधी, असंवैधानिक और अनैतिक आचरण सचमुच समूची पुलिस फोर्स की छवि को धूमिल करने वाला है। अत: ऐसा करने वाले पुलिस कर्मियों को कठोरतम दंड दिया जाना चाहिए ताकि दूसरों को नसीहत मिले और कोई भी निर्दोष इनके अत्याचार का शिकार न हो तथा इनकी मनमानियों पर भी रोक लग सके।    —विजय कुमार


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