शुक्र है! मौसम का बदलने लगा मिजाज हिमाचल की चोटियों पर ‘पहला हिमपात’

Thursday, Sep 07, 2023 - 04:52 AM (IST)

एक रिपोर्ट के अनुसार इस वर्ष मानसून के दौरान देश के विभिन्न भागों में बाढ़, आकाशीय बिजली गिरने, भूस्खलन आदि प्राकृतिक आपदाओं के परिणामस्वरूप कुल 2038 लोगों की जान गई तथा देश के 335 जिले वर्षा, भूस्खलन और आकाशीय बिजली गिरने से प्रभावित हुए। उत्तराखंड के 7 जिलों में वर्षा, भूस्खलन आदि के परिणामस्वरूप कम से कम 90 लोगों की मौत और बड़ी संख्या में सार्वजनिक सम्पत्ति की क्षति हुई। प्रदेश में 3093 सड़कें और 91 पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं। 

उत्तराखंड का 72 प्रतिशत अर्थात 39000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र भूस्खलन से प्रभावित हुआ है। वहां इस वर्ष प्राकृतिक आपदाओं के परिणामस्वरूप लगभग 1000 करोड़ रुपए से अधिक की क्षति का अनुमान है। इस वर्ष मौसम की करवट का सर्वाधिक दुष्प्रभाव हिमाचल प्रदेश ने झेला है जिसके 12 जिलों में भूस्खलन, वर्षा, बाढ़, बादल फटने तथा अन्य प्राकृतिक आपदाओं के परिणामस्वरूप भारी विनाश होने के कारण प्रदेश को ‘प्राकृतिक आपदा प्रभावित क्षेत्र’ घोषित कर दिया गया है। 

इस वर्ष 24 जून से शुरू हुए मानसून सीजन के बाद से अब तक हिमाचल में विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं के परिणामस्वरूप 408 लोगों की जान गई है। प्रदेश में भूस्खलन की 164 तथा बाढ़ आने की 72 घटनाओं के अलावा बादल फटने आदि की अनेक घटनाएं हुई हैं। 2556 मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए जबकि 10,865 को आंशिक रूप से क्षति पहुंची। प्रदेश में कुल 8675.11 करोड़ रुपए की क्षति का अनुमान है। सितम्बर महीने के शुरू में ही मौसम ने कुछ करवट ली है। हालांकि अभी बरसात का माहौल कहीं-कहीं और हल्का-हल्का जारी है। 

इसी का परिणाम है कि 5 सितम्बरको हिमाचल प्रदेश के बारालाचा व तंगलांगला दर्रे सहित लाहौल एवं मनाली के 15,000 फुट से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों चंद्र्रभागा रेंज शिंकुला, तंगलांगला, लाचुंगला व कुंजुम दर्रे में पहला हिमपात हुआ है।लोगों ने इस से थोड़ा सुख का सांस लिया है। वे अब उम्मीद कर रहे हैं कि आने वाले दस दिनों में मौसम और खुशगवार हो जाएगा तथा जो तबाही हुई है सरकारें उसकी क्षतिपूर्ति करने की तेजी से कोशिश करेंगी।—विजय कुमार 

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