लगातार बरामद हो रही है देश में नकली करंसी

Friday, Aug 25, 2017 - 01:34 AM (IST)

केंद्र और राज्य सरकारों के भरपूर प्रयासों के बावजूद देश की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने वाले जाली नोटों का कारोबार लगातार बढ़ता जा रहा है। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री हंसराज अहीर ने राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के हवाले से 8 अगस्त को लोकसभा में बताया था कि देश में नोटबंदी लागू होने के बाद से सरकार ने 2.55 करोड़ रुपए मूल्य के नकली नोट जब्त किए हैं। 

स्पष्ट है कि केंद्र सरकार द्वारा 8 नवम्बर 2016 को देश में काला धन और नकली करंसी समाप्त करने के लिए 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट बंद करके 500 और 2000 रुपए के नए नोट जारी किए जाने के बावजूद नकली करंसी का कारोबार थमा नहीं जो पिछले मात्र तीन सप्ताह के दौरान नई और पुरानी नकली करंसी की बरामदगी से स्पष्ट है: 

31 जुलाई को उत्तर प्रदेश में कुशीनगर पुलिस ने नकली नोट छापने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश करते हुए इनके कब्जे से 32,800 रुपए के नकली नोट, प्रिंटिंर, पेपर कटर, मार्कर पैन व नोट छापने के कागज जब्त किए। 10 अगस्त को मथुरा पुलिस ने 2 भाइयों को 2000-2000 रुपए के नकली नोटों के रूप में 48,000 रुपए की नकली करंसी सहित पकड़ा। 13 अगस्त के एक समाचार के अनुसार नोटबंदी के बाद कुछ समय के दौरान सूरत में  500 व 2000 रुपए वाले नए नोटों सहित 41 लाख रुपए की नकली करंसी जब्त की गई। 

17 अगस्त को अजमेर पुलिस ने बिहार के 4 युवकों को गिरफ्तार करके उनके कब्जे से 2000-2000 रुपए वाले नए नोटों के रूप में 84000 रुपए की नकली करंसी बरामद की जिसे वे सरहद पार पाकिस्तान और बंगलादेश से भारत में लाए थे। मशीन से छापे गए ये नोट हूृ-ब-हू असली जैसे ही लगते थे। पकड़े गए आरोपियों के अनुसार अभी तक वे लाखों रुपयों की नकली करंसी भारतीय बाजारों में खपा चुके हैं। 19 अगस्त को कटनी के एक व्यापारी को 30,000 रुपए के असली नोटों के बदले में एक लाख रुपए के नकली नोट देते हुए एक 3 सदस्यीय गिरोह के 2 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया। 

उन्होंने बताया कि देश में नोटबंदी लागू होने के बाद से अब तक वे 10 लाख रुपए के नकली नोट छाप कर मध्य प्रदेश के जबलपुर, सागर और कटनी में खपा चुके थे। इनके कब्जे से 2 लाख रुपए के नकली नोट, स्कैनर व कलर प्रिंटिंग मशीन बरामद की गई। 22 अगस्त को कटनी पुलिस ने नकली नोट बनाने के एक अंतर्राज्यीय गिरोह का पर्दाफाश कर 3 आरोपियों से 100-100 रुपए के नोटों के रूप में 56,500 रुपए की नकली करंसी जब्त की। 

23 अगस्त को पठानकोट पुलिस ने 500 रुपए के नकली नोट बनाने वाले इंजीनियर अजय कुमार को 9500 रुपए की नकली करंसी सहित पकड़ा। वह 5-6 महीनों से इस कार्य में सक्रिय था तथा अब तक वह 500 रुपए के  नोटों के रूप में 30-40 हजार की नकली करंसी चला चुका है। 23 अगस्त को ही पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में बंगलादेश सीमा के पास 2000 रुपए के 260 नकली नोट यानी कुल 5,20,000 रुपए सीमा सुरक्षा बल ने जब्त किए। बंगलादेश की ओर से फैंके जाने वाले पैकेट को लेने वाले संदिग्ध तस्करों को बी.एस.एफ. के जवानों ने चुनौती दी लेकिन वे अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गए। 

नोटबंदी लागू करते समय सरकार ने दावा किया था कि इससे देश में छिपा हुआ काला धन बाहर निकालने और नकली करंसी समाप्त करने में सहायता मिलेगी परंतु उक्त दावा गलत ही प्रतीत होता है। आई.बी. के सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान और बंगलादेश से नकली नोटों की खेप नेपाल और पश्चिम बंगाल के रास्ते भेजी जा रही है और सरहद पार अभी भी नकली भारतीय करंसी छापने वाले कारखाने काम कर रहे हैं जहां से नए नकली नोट भी बाजार में पहुंचने लगे हैं। नकली करंसी के रूप में समांनातर अर्थव्यवस्था चलाना देशद्रोह से कम नहीं है। अत: केंद्र सरकार नकली करंसी के व्यापारियों को कठोरतम दंड का प्रावधान करके जितनी जल्दी इस पर लगाम लगा पाएगी देश की अर्थव्यवस्था के लिए उतना ही अच्छा होगा।—विजय कुमार 

Advertising