बृजभूषण सिंह पर लगे आरोपों का फैसला जल्द हो

punjabkesari.in Saturday, Jun 03, 2023 - 04:55 AM (IST)

भारतीय कुश्ती महासंघ के तत्कालीन अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के विरुद्ध साक्षी मलिक, विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया जैसे शीर्ष पहलवानों द्वारा 7 महिला पहलवानों के यौन शोषण के आरोप में उसकी गिरफ्तारी के लिए 18 जनवरी से चलाया जा रहा आंदोलन जारी है। 

सरकार का उपेक्षापूर्ण रवैया देखते हुए पहलवान 30 मई को अपने पदक गंगा में विसर्जित करने के लिए हरिद्वार पहुंच गए लेकिन ऐसा न करने के लिए उन्हें मनाने पहुंचे ‘भारतीय किसान यूनियन’ के अध्यक्ष नरेश टकैत ने उनसे पदकों की पोटली ले ली और उन्हें न्याय दिलाने का आश्वासन दिया। इस मामले में हरियाणा के भाजपा सांसद बृजेंद्र सिंह ने कहा कि पहलवानों को अपने पदक गंगा में विसर्जित करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। पहलवानों के समर्थन में अनेक राज्यों में प्रदर्शन हो रहे हैं तथा ‘संयुक्त किसान मोर्चा’ के आह्वान पर किसान संगठनों द्वारा प्रदर्शन करने के अलावा बृजभूषण और केंद्र की भाजपा सरकार के पुतले फूंके जा रहे हैं। 

बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ 6 वयस्क पहलवानों और एक नाबालिग पहलवान के पिता की ओर से दी गई शिकायत के आधार पर दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज दो एफ.आई.आर. में करीब एक दशक की अवधि में आरोपी द्वारा यौन उत्पीडऩ, अनुचित तरीके से छूने (बैड टच), टटोलने, पीछा करने और डराने-धमकाने के करीब 10 मामलों का उल्लेख किया गया है। वयस्क पहलवानों द्वारा दी गई शिकायत के आधार पर दर्ज प्राथमिकी में एक ने आरोप लगाया, ‘‘जब मैं प्रशिक्षण ले रही थी, तब आरोपी ने मुझे अलग से बुलाया, आरोपी ने मेरी टी-शर्ट खींची। अपना हाथ मेरे पेट के नीचे सरका दिया और मेरी सांस की जांच के बहाने मेरी नाभि पर हाथ रख दिया।’’ 

दूसरी पहलवान के अनुसार, ‘‘जब मैं मैट पर जमीन पर स्ट्रैङ्क्षचग/वार्मअप कर रही थी तभी आरोपी अचानक मुझ पर झुक गया और मेरी अनुमति के बिना मेरी टी-शर्ट खींची। उसने अपना हाथ मेरे स्तन पर रख दिया तथा मुझे अनुपयुक्त तरीके से छुआ।’’ एक अन्य पहलवान ने आरोप लगाया कि ‘‘टीम की तस्वीर लेने के दौरान जब मैं आखिरी कतार में खड़ी थी तभी मैंने अचानक अपने नितंब पर किसी का हाथ महसूस किया। मैं डर गई, आरोपी ने अपने हाथ मेरे नितंब पर रख दिए थे... जब मैंने वहां से जाने की कोशिश की, तो आरोपी ने जबरन मेरा कंधा पकड़ लिया। मैं किसी तरह आरोपी के चंगुल से छूटी।’’ एक अन्य महिला पहलवान ने अपनी शिकायत में कहा कि एक स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने के बाद वह अपने कमरे में आराम कर रही थी, तभी एक फिजियोथैरेपिस्ट ने आकर उससे कहा कि बृजभूषण सिंह उससे अपने कमरे में मिलना चाहते हैं। 

यह सोच कर कि वह उसे बधाई देना चाहते होंगे, वह उनके कमरे में चली गई, जहां बृजभूषण शरण सिंह ने उसकी इच्छा के विपरीत उसे अपने बिस्तर पर बैठने को विवश किया और उसकी सहमति के बिना उसे बांहों में भर लिया जिस पर वह दहल गई और चिल्लाना शुरू कर दिया। उसने इस बारे एक वरिष्ठï पहलवान को बताया था परंतु कोई परिणाम नहीं निकला। उसने इस बारे अपनी मां को भी बताया था। इस पहलवान ने आरोप लगाया कि उसके प्रबल प्रतिरोध के बावजूद बाद के वर्षों में भी उसका यह व्यवहार जारी रहा तो उसने अपना निजी मोबाइल नम्बर भी बदल लिया। अंतर्राष्ट्रीय पदक जीतने के लिए किसी भी खिलाड़ी को जीवन भर मेहनत करने के साथ-साथ कड़े अनुशासन का पालन करना पड़ता है। 

ओलिम्पिक खेलों में हाकी के बाद यदि हमारे खिलाडिय़ों ने किसी अन्य खेल में सर्वाधिक पदक जीते हैं तो वह कुश्ती ही है। इसी से अनुमान लगाया जा सकता है कि अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत को सम्मान दिलाने में हमारे पहलवानों का कितना बड़ा योगदान है। अत: महिला पहलवानों की मेहनत और उनके प्रयास का सम्मान किया ही जाना चाहिए। यदि इनके साथ ऐसा व्यवहार जारी रहा तो इनसे खेल प्रतियोगिताओं में बेहतर प्रदर्शन की आशा किस प्रकार की जा सकती है! 

इस बीच जहां बृजभूषण सिंह द्वारा इस मामले में झुकने का संकेत देने की बजाय उनके तेवर कड़े होते जा रहे हैं वहीं इस मुद्दे पर मुजफ्फरनगर व कुरुक्षेत्र में सर्वखाप महापंचायत के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने सरकार को 9 जून तक का अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि, ‘‘बृजभूषण सिंह की गिरफ्तारी से कम किसी बात पर समझौता नहीं होगा और पहलवान फिर से दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने के लिए लौट आएंगे।’’कोई अप्रिय स्थिति पैदा न हो, अत: सरकार को यह मामला तुरंत सुलझाना चाहिए क्योंकि इस मामले में पहले ही काफी देर हो चुकी है।—विजय कुमार


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