लखीमपुर कांड के दोषियों को जल्द से जल्द पकड़ा जाए

punjabkesari.in Thursday, Oct 07, 2021 - 03:10 AM (IST)

3 अक्तूबर को लखीमपुर खीरी (उत्तर प्रदेश) में वहां के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य द्वारा केंद्रीय राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा के गांव बनबीरपुर के दौरे का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों में से 4 किसानों के एक वाहन से कुचले जाने के बाद ङ्क्षहसा भड़क उठी।
इस हिंसा में उन किसानों सहित 9 लोगों की मौत हो गई। किसान नेता राकेश टिकैत का आरोप है कि गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष द्वारा किसानों पर गाड़ी चढ़ाने से उनकी मौत हुई। जहां किसान इस घटना के लिए अजय मिश्रा के त्यागपत्र और उनके पुत्र आशीष मिश्रा को गिरफ्तार करने की मांग कर रहे हैं, वहीं अजय मिश्रा ने कहा है कि उनका बेटा आशीष तो घटनास्थल पर था ही नहीं। 

4 अक्तूबर को इस मामले पर मचे बवाल के बीच एक ओर किसानों ने  मंत्री अजय मिश्रा और उनके पुत्र आशीष मिश्रा सहित 14 लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज करवाया तो दूसरी ओर अजय मिश्रा के करीबी सुमित जायसवाल ने 10-15 प्रदर्शनकारी किसानों के विरुद्ध हत्या, बलवा और तोड़-फोड़ सहित अनेक धाराओं के अंतर्गत मामला दर्ज करवा दिया। मामला शांत करने के लिए 4 अक्तूबर को ही प्रशासन ने किसानों से समझौता करके  8 दिनों में आरोपियों की गिरफ्तारी, मृतकों के आश्रितों को 45-45 लाख रुपए तथा घायलों के परिजनों को 10-10 लाख रुपए क्षतिपूर्ति देने व हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज से घटना की न्यायिक जांच करवाने का आश्वासन दिया। इसी दिन लखीमपुर खीरी जाते हुए प्रियंका गांधी के साथ हरियाणा के सांसद दीपेंद्र हुड्डा के अलावा सपा के अखिलेश यादव, प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के शिवलाल यादव, रालोद के जयंत चौधरी, ‘आप’ के संजय सिंह व बसपा के सतीश चंद्र मिश्रा को हिरासत में लिया गया। 

जहां विपक्ष ने उक्त घटना की सी.बी.आई. से जांच की मांग की है वहीं किसानों से मिलने जा रही प्रियंका गांधी को पुलिस ने सीतापुर में 30 घंटे हिरासत में रखने के बाद 5 अक्तूबर को विभिन्न धाराओं के तहत गिरफ्तार कर लिया तथा 10 अन्य कांग्रेस नेताओं पर केस भी दर्ज किए गए। इसके विरुद्ध उत्तर प्रदेश तथा देश में अन्य स्थानों पर जगह-जगह कांग्रेस तथा अन्य दलों ने प्रदर्शन शुरू कर दिए तथा नवजोत सिंह सिद्धू ने आरोपियों के गिरफ्तार न होने पर लखीमपुर खीरी की ओर पंजाब कांग्रेस द्वारा कूच करने की घोषणा कर दी तथा पंजाब के कांग्रेसियों के 7 अक्तूबर को लखीमपुर जाने की संभावना है, वहीं राकांपा सुप्रीमो शरद पवार ने भी चेतावनी दी है कि लखीमपुर खीरी कांड की भाजपा को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। 5 अक्तूबर को लखीमपुर कांड की जांच के लिए ‘स्पैशल इंवैस्टीगेशन टीम’ (सिट) का गठन करने के अलावा किसानों से हुए समझौते के अनुसार 6 अक्तूबर को प्रदेश सरकार ने न्यायिक जांच कमेटी भी गठित कर दी। 

यही नहीं एक अच्छा कदम उठाते हुए मृत किसानों के परिजनों से मिलने जा रही प्रियंका गांधी को 6 अक्तूबर को रिहा कर दिया गया तथा राहुल गांधी और प्रियंका गांधी सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं को 5-5 के समूह में लखीमपुर में पीड़ित परिवारों से मुलाकात के लिए जाने की सशर्त अनुमति दे दी गई। इसके बाद राहुल और प्रियंका गांधी पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आदि के साथ लखनऊ पहुंचे और वहां से नाटकीय घटनाक्रम के बाद उन्हें प्रशासन ने लखीमपुर खीरी जाने की अनुमति दे दी। इस बीच वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय से स्वत: संज्ञान लेते हुए कदम उठाने का आग्रह किया है जिस पर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस की बैंच 7 अक्तूबर को सुनवाई करेगी तथा दूसरी ओर केंद्र सरकार द्वारा गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा को दिल्ली तलब कर लेने के बाद उन्होंने 6 अक्तूबर को गृह मंत्री अमित शाह से भेंट की, जिसके बाद उन्होंने स्पष्ट किया कि वह इस्तीफा नहीं देंगे। 

जहां उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों की नाराजगी दूर करने की दिशा में कुछ पग उठाए हैं वहीं पंजाब तथा छत्तीसगढ़ की सरकारों ने भी 4 मारे गए किसानों के परिवारों तथा एक पत्रकार के परिवार को 50-50 लाख रुपए क्षतिपूर्ति देने की घोषणा करके उनके घावों पर मरहम लगाने की कोशिश की है। इसी बीच जहां किसान नेता राकेश टिकैत ने आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार करने की मांग करते हुए ऐसा न होने की स्थिति में राष्ट्रव्यापी आंदोलन करने की चेतावनी दे दी है वहीं महाराष्टï्र सरकार की गठबंधन सरकार में शामिल तीनों सहयोगी दलों शिवसेना, कांग्रेस व राकांपा ने लखीमपुर कांड के विरुद्ध 11 अक्तूबर को महाराष्ट्र बंद का आह्वान भी कर दिया है। अत: ये हालात आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार करने और सभी पक्षों की परस्पर सहमति से जल्द से जल्द इस समस्या को सुलझाने की मांग करते हैं ताकि गर्म हो रहा राजनीतिक माहौल शांत हो।—विजय कुमार 


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