आर्थिक सुस्ती दूर करने की दिशा में केंद्र सरकार उठा रही है पग

Friday, Nov 08, 2019 - 12:36 AM (IST)

इस समय सरकार देश की विकास दर में पिछले 6 साल की सबसे बड़ी गिरावट से जूझ रही है। कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, सीमैंट और बिजली उद्योग में भारी सुस्ती के चलते कोर सैक्टर के प्रमुख उद्योगों के उत्पादन में अगस्त महीने में 0.50 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है जो पिछले 45 महीनों में औद्योगिक उत्पादन में आने वाली सर्वाधिक गिरावट है।
 
इस स्थिति को भांपते हुए नरेन्द्र मोदी नीत केंद्र सरकार ने अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए कुछ समय से प्रयास शुरू कर रखे थे जिनके अंतर्गत इसने चंद सुधारात्मक पग उठाए हैं। इसी कड़ी में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घाटे में चल रहे अनेक बैंकों के विलय, जी.एस.टी. का रिफंड 60 दिनों के भीतर देने, हाऊसिंग फाइनांस कम्पनियों के लिए लिक्विडिटी सपोर्ट बढ़ाकर 30,000 करोड़ रुपए करके होम लोन वितरण में बढ़ौतरी करने, आटो सैक्टर को विभिन्न प्रोत्साहन देने और निर्यात बढ़ाने के लिए कई पग उठाने की घोषणा की थी। 

और अब केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में 6 नवम्बर को हुई बैठक में अपने मकान का आम लोगों का सपना पूरा करने के उद्देश्य से 1600 अटकी पड़ी आवासीय परियोजनाओं को पूरा करने के लिए 25,000 करोड़ रुपए का कोष स्थापित करने का निर्णय किया है।

इन परियोजनाओं के अंतर्गत देश में 4.58 लाख फ्लैट बनाए जाने हैं जिसके लिए सस्ती और आसान शर्तों पर रकम उपलब्ध करवाई जाएगी तथा इससे किफायती और सस्ती आवासीय परियोजनाओं को लाभ मिलने से फ्लैट खरीदारों के सपने सच हो सकेंगे। अन्य योजनाओं की भांति ही उक्त योजना भी केंद्र सरकार के अधूरे पड़े चुनावी वायदों को पूरा करने की दिशा में एक पग है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अनुसार सरकार इस वैकल्पिक निवेश कोष में 10,000 करोड़ रुपए डालेगी जबकि भारतीय स्टेट बैंक और भारतीय जीवन बीमा निगम 15,000 करोड़ रुपए का योगदान करेंगे।

इससे जहां कुछ हद तक आम आदमी का अपना फ्लैट खरीदने का सपना पूरा होगा वहीं इससे देश में रोजगार के नए मौके पैदा होने के अलावा मंदी के शिकार इस्पात, लोहा और सीमैंंट उद्योगों की मांग में वृद्धि होने से देश की अर्थव्यवस्था में छाई सुस्ती भी दूर करने में सहायता मिलेगी।  —विजय कुमार

Advertising