‘देश में नकली करंसी का धंधा जोरों पर’ ‘आरोपियों पर देशद्रोह का मुकद्दमा चलाया जाए’

punjabkesari.in Tuesday, Jul 23, 2024 - 04:56 AM (IST)

नकली करंसी को समाप्त करने के नाम पर देश में 8 नवम्बर, 2016 को लागू की गई नोटबंदी को 8 वर्ष हो चले हैं परंतु नकली करंसी की चुनौती अभी भी कायम है। नोटबंदी के बाद पहले वर्ष में तो नकली नोटों के धंधे में कमी आई थी परंतु बाद में इसने दोबारा रफ्तार पकड़ ली है जो पिछले 5 महीनों के दौरान सामने आए निम्न उदाहरणों से स्पष्ट है : 

* 17 मार्च, 2024 को राजस्थान के ‘कुचामन सिटी’ के गांव ‘बावडिय़ा’ में ग्रामीणंों ने 2 युवकों को सामान खरीदने के बहाने 100-100 रुपए के नकली नोट चलाते पकड़ कर पुलिस के हवाले किया। इनके कब्जे से 100-100 रुपए के नकली नोटों के अलावा 50 रुपए और 500 रुपए के नकली नोट भी बरामद किए गए। 
* 5 अप्रैल को पुलिस ने बटाला के निकटवर्ती गांव सैद मुबारक में दंपति सुखबीर सिंह उर्फ सुक्खा और गुरिंद्र कौर उर्फ सोनिया को 30 लाख रुपए मूल्य के नकली नोटों के साथ गिरफ्तार करके उनके जाली नोट बनाने से सम्बन्धित सामग्री पिं्रटर, लैमीनेशन मशीन व कागजों के दस्ते जब्त किए। 

* 1 मई को हिमाचल प्रदेश में चिंतपूर्णी थाना के अधीन पड़ते गांव ‘थनीकपुरा’ में जालंधर के 3 युवकों को गिरफ्तार करके हिमाचल पुलिस ने उनके कब्जे से 42,000 रुपए की नकली करंसी बरामद की। 
* 27 मई को उत्तर प्रदेश में फतेहपुर के ‘छीपीटोला’ स्थित स्टेट बैंक की शाखा में 22,000 रुपए के नकली नोट बरामद होने पर शाखा प्रबंधक तथा अन्य कर्मचारियों के विरुद्ध केस दर्ज किया गया।
* 12 जुलाई को पटियाला के सनौर में पुलिस ने घर में नकली करंसी तैयार करने वाले युवक को गिरफ्तार करके 56,000 रुपए के नकली नोट बरामद किए।
* 13 जुलाई को उत्तर प्रदेश के लखनऊ में स्पैशल टास्क फोर्स (एस.टी.एफ.) ने 2 तस्करों रामस्वरूप बिश्नोई तथा विष्णु शर्मा को गिरफ्तार करके उनके कब्जे से 500-500 रुपए मूल्य वाले नकली नोटों की 50 गड्डियां बरामद कीं।  

* 17 जुलाई को राजस्थान में जोधपुर स्थित स्टेट बैंक, एक्सिस बैंक और यूको बैंक में जमा राशि की रिजर्व बैंक द्वारा जांच के दौरान 100, 50 और 2000 रुपए वाले 11,450 रुपए के नोट नकली पाए गए।   
* 20 जुलाई को उत्तर प्रदेश में अलीगढ़ पुलिस ने एक महिला सुधा और 2 पुरुषों नाथू राम तथा सुखबीर सिंह को गिरफ्तार करके उनके कब्जे से 500-500 रुपए वाले 40 नकली नोट बरामद किए। 
* और अब 21 जुलाई, 2024 को दिल्ली पुलिस ने नकली नोटों का धंधा करने वाले 2 आरोपियों रामप्रवेश और अली असगर के कब्जे से 500 रुपए मूल्य वाले 582 (कुल 2.91 लाख रुपए) नोट जब्त किए। पाकिस्तान में छपे नकली नोटों को आरोपी नेपाल और बंगलादेश सीमा के रास्ते बिहार से ला रहे थे। गैंग का सरगना आसिफ किसी अंसारी नामक व्यक्ति के साथ मिल कर इन नकली नोटों को पाकिस्तान से मंगवा रहा था। 

पुलिस के अनुसार आम तौर पर 1 लाख रुपए कीमत वाले नकली नोट 30,000 से 35,000 रुपए में सप्लायर को बेच दिए जाते हैं। पाकिस्तान के अंसारी का वहां छिपे दाऊद के सिंडीकेट से संबंध बताया जाता है और इसमें पाकिस्तान की गुप्तचर एजैंसी आई.एस.आई. का सपोर्ट भी रहता है। इन हाई क्वालिटी नोटों की कराची के प्रिंटिग प्रैस में छपाई होती है। पुलिस के एक अधिकारी के अनुसार यह सिंडीकेट इतना बड़ा है कि भारत की सीमा में प्रवेश करते ही नकली नोटों की खेप के लिए बोली लगती है। नकली नोटों के बड़े डीलर इस जाली करंसी को खरीदते हैं और फिर छोटे-छोटे सप्लायरों की मदद से दिल्ली व आसपास के इलाकों के अलावा पूरे देश में पहुंचाते हैं। ये लोग सड़क मार्ग की बजाय नकली करंसी पहुंचाने के लिए रेल मार्ग, विशेषकर कम स्टेशनों पर रुकने वाली सुपर फास्ट रेलगाडिय़ां इस्तेमाल करना पसंद करते हैं क्योंकि कुछ मिनट के ठहराव में रेलगाडिय़ां चैक नहीं हो पातीं। इनके ‘एजैंट’ बिहार, झारखंड और दिल्ली के साथ-साथ पश्चिम बंगाल में भी सक्रिय हैं। चूंकि नकली करंसी चलाना किसी भी देश की अर्थव्यवस्था को कमजोर कर उसकी जड़ें खोदने जैसा है, अत: इनके निर्माण या सप्लाई से जुड़े लोगों के विरुद्ध देशद्रोह के आरोप में कठोर कार्रवाई करनी चाहिए। इसके साथ ही देश में लेन-देन के लिए नैट बैंकिंग को बढ़ावा देना चाहिए।—विजय कुमार


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