भाजपा विधायक के बेटे के रिश्वत कांड से हुई पार्टी की बदनामी

punjabkesari.in Sunday, Mar 05, 2023 - 04:44 AM (IST)

भष्ट्राचार के प्रति सरकार द्वारा घोषित शून्य सहनशीलता की नीति के बावजूद यह बुराई देश से जाने का नाम नहीं ले रही और इसमें विभिन्न राजनीतिक दलों तथा सत्ता प्रतिष्ठान से जुड़े लोग भी शामिल हैं। 2 मार्च को कर्नाटक में लोकायुक्त के अधिकारियों ने भाजपा विधायक तथा ‘मैसूर संदल सोप’ बनाने वाली सरकारी कम्पनी ‘कर्नाटक सोप एंड डिटर्जैंट लिमिटेड’ (के.एस.डी.एल.) के चेयरमैन ‘के. मदल वीरूपक्षप्पा’ के बेटे ‘प्रशांत मदल’ को 40 लाख रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा है।

प्रशांत ने एक टैंडर ‘क्लीयर’ करने के लिए 80 लाख रुपए रिश्वत की मांग की थी। बताया जाता है कि ‘प्रशांत मदल’ अपने पिता की ओर से ही रिश्वत ले रहा था व उसकी गिरफ्तारी भी उसके पिता के कार्यालय में ही हुई। प्रशांत की गिरफ्तारी के बाद लोकायुक्त ने के.एस.डी.एल. के दफ्तर और प्रशांत के घर पर छापा मारकर वहां से 8 करोड़ रुपए भी बरामद किए तथा इस बीच विधायक ‘वीरूपक्षप्पा’ ने स्वयं को निर्दोष बताते हुए के.एस.डी.एल. के अध्यक्ष पद से त्यागपत्र भी दे दिया है।

ऐसी ही स्थिति पर सुप्रीमकोर्ट ने 3 मार्च को कहा, ‘‘भ्रष्टाचार जीवन के हर क्षेत्र में व्याप्त है। धन के लालच, जिसे हिन्दू धर्म में 7 पापों में से एक माना जाता है, ने भ्रष्टाचार को देश में कैंसर की तरह बढऩे में मदद की है।’’ उल्लेखनीय है कि यह घटना ऐसे समय में सामने आई है जब विरोधी दल कर्नाटक में ‘40 प्रतिशत कमीशन’ तथा ‘सरकारी टैंडरों में रिश्वतखोरी’  को लेकर भाजपा सरकार की आलोचना कर रहे हैं।

अब तक तो भाजपा नेतृत्व दूसरे दलों के नेताओं के भष्ट्राचार को ही बेनकाब करता आ रहा था परंतु अब ‘प्रशांत मदल’ की गिरफ्तारी से भाजपा पर ही आंच आने लगी है और इससे पार्टी की बदनामी हुई है। अत: राज्य सरकार को इस मामले की तेजी से जांच करवा कर दोषी को सजा दिलवाकर सच्चाई सामने लानी चाहिए। -विजय कुमार


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