‘सुरक्षा बलों के शौर्य और बलिदान का’ ‘अपमान कर रहे कुछ देशद्रोही’
punjabkesari.in Wednesday, May 14, 2025 - 05:32 AM (IST)

दुनिया के सर्वाधिक सम्मानित युद्ध इतिहासकारों में से एक तथा हवाई युद्ध के विशेषज्ञ ऑस्ट्रेलिया के टॉम कूपर ने ‘ऑप्रेशन सिंदूर’ के अंतर्गत भारत की कार्रवाई को पाकिस्तान के विरुद्ध स्पष्ट विजय करार देते हुए भारत और इसके सुरक्षा बलों की सराहना की है। इसके विपरीत कुछ समाज विरोधी तत्वों द्वारा भारतीय सुरक्षा बलों की हौसला अफजाई करने की बजाय सोशल मीडिया पर अपने ही देश के विरुद्ध आपत्तिजनक टिप्पणियां करके सेना और सरकार की सराहना करने की बजाय उनकी आलोचना की जा रही है, जिसके चार दिनों के उदाहरण निम्न में दर्ज हैं :
* 9 मई को ‘चम्बा’ (हिमाचल प्रदेश) पुलिस ने ‘अब्दुल’ नामक युवक को हिरासत में लिया। उसने सोशल मीडिया पर लिखा था कि भारतीय सेना ने सफेद झंडे दिखा कर पाकिस्तान से हार स्वीकार कर ली है। उसने ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ तथा ‘पाक आर्मी हमारा गौरव’ भी लिखा था।
* 9 मई को ही ‘हैदराबाद’ (तेलंगाना) की ‘सातवाहन यूनिवॢसटी’ मेंं प्रोफैसर ‘सुरेपल्ली सुजाता’ ने सेना के जवानों के बलिदान पर आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए सेना के शौर्य को ‘विनाश का प्रतीक’ और भारतीय सेना की कार्रवाई को ‘धर्म विरोधी’ तक बता दिया।
* 9 मई को ही ‘नागपुर’ (महाराष्ट्र) पुलिस ने ‘ऐजाज एम. सिद्दीकी’ नामक छात्र को भारतीय सेना की कार्रवाई को ‘मानवता के विरुद्ध हमला’ बताने के आरोप में गिरफ्तार किया।
* 9 मई को ही मलयालम अभिनेत्री ‘अमीना निजाम’ ने कहा, ‘‘हां मुझे शर्म आती है कि हमारे देश ने हत्या को समाधान के रूप में चुना। देश की आर्थिक स्थिति बदतर है। युद्ध शांति नहीं लाता।’’
* 10 मई को ‘संभल’ (उत्तर प्रदेश) में ‘सरताज अली’ नामक व्यक्ति को फेसबुक पर ‘आप्रेशन सिंदूर’ के सम्बन्ध में आपत्तिजनक बातें लिखने तथा राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
* 10 मई को ही ‘आणंद’ (गुजरात) में ‘निहार अहमद इस्माईल’ नामक छात्र को सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘इंस्टाग्राम’ पर किए पोस्ट में ‘आप्रेशन सिंदूर’ को ‘आतंकी हमला’ बताने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
* 10 मई को ही कुल्लू (हिमाचल प्रदेश) के ‘बशिंग’ में पुलिस ने ‘मो. फारूक’ नामक व्यक्ति को भारत की एकता और अखंडता को प्रभावित करने वाली पाकिस्तान समर्थक पोस्ट करने के आरोप में हिरासत में लिया गया।
* 11 मई को ‘सूरत’ (गुजरात) में गिरफ्तार किए गए व्यापारी ‘दीपेन परमार’ ने फेसबुक पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में लिखा कि ‘‘पहलगाम आतंकी हमला पूर्व नियोजित था तथा आतंकियों के सरगना भारत में रहते हैं।’’
* 11 मई को ही ‘संभल’ (उत्तर प्रदेश) में ‘जमात अली’ नामक व्यक्ति ने अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट किए वीडियो में (पाकिस्तान द्वारा) भारत के लड़ाकू विमान ‘राफेल’ को मार गिराने तथा उसके पायलट को बंदी बना लेने का झूठा दावा बताया।
* 11 मई को ही बरेली (उत्तर प्रदेश) में ‘गिरधरपुर’ गांव के ‘मो. साजिद’ को ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ लिख कर एक वीडियो पोस्ट करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। इस वीडियो में लोगों को पाकिस्तान का झंडा लहराते और जश्न मनाते हुए दिखाया गया था।
* और अब 12 मई को ‘बेंगलुरू’(कर्नाटक) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरुद्ध एक भड़काऊ वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल करने के आरोप में ‘नवाज’ नामक एक युवक को गिरफ्तार किया गया।
* 12 मई को ही ‘रायपुर’ (छत्तीसगढ़) में ‘आप्रेशन सिंदूर’ पर आपत्तिजनक पोस्ट करने पर ‘लुजीना खान’ नामक युवती पकड़ी गई।
* 12 मई को ही ‘आणंद’ (गुजरात ) में भारतीय सेना के विरुद्ध झूठा और भ्रामक प्रचार करने के आरोप में ‘मिथिलेश’ नामक युवक को गिरफ्तार किया गया।
उल्लेखनीय है कि पहलगाम हमले के बाद से अब तक असम में ए.आई.यू.डी.एफ. के विधायक ‘अमीनुल इस्लाम’ सहित 50 लोगों को, गुजरात में 14 व उत्तर प्रदेश में 8 लोगों को सोशल मीडिया पर राष्टï्र विरोधी पोस्ट डालने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। अन्य राज्यों में भी गिरफ्तारियां हुई हैं। पाक प्रायोजित आतंकवाद को समाप्त करने के लिए भारत सरकार द्वारा की गई साहसपूर्ण कार्रवाई का इस तरह उपहास उड़ाने, इसे लेकर लोगों में विद्वेष फैलाने और राष्ट्र की एकता व अखंडता को ठेस पहुंचाने की कोशिश को किसी भी दृष्टिï से उचित तथा राष्ट्र के हित में नहीं कहा जा सकता। अत: इसमें लिप्त होने वालों के विरुद्ध तुरंत और कड़ी कार्रवाई करना समय की मांग है।—विजय कुमार