शिक्षा जगत को बदनाम कर रहे चंद अध्यापक-अध्यापिकाएं

Sunday, Nov 29, 2015 - 11:42 AM (IST)

ज्ञान रूपी दान देकर शिष्य का जीवन संवारना और उसका चरित्र निर्माण करना गुरु का प्रमुख कार्य है। इसीलिए हमारे धर्मग्रंथों में गुरु को भगवान के समान कहा गया है जो अपने शिष्य को बुराइयों की ओर बढऩे से रोकते हैं।

इन मापदंडों पर आज के चंद अध्यापक खरे नहीं उतर रहे और अपने शिष्यों को  बुराइयों से रोकने की बजाय स्वयं तरह-तरह की बुराइयों में संलिप्त हो कर उनके जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं जो हाल ही की निम्र चंद घटनाओं से स्पष्टï है : 

 
►14 अक्तूबर को आंध्र प्रदेश के पश्चिमी गोदावरी जिले के इल्लुरु कस्बे के होप नामक निजी स्कूल में क्लास में पेशाब कर देने पर एक चार वर्षीय बच्ची को अमानवीय सजा देते हुए उसकी अध्यापिका ने दोपहर के समय उसे लोहे के गर्म झूले पर बैठा दिया जिससे उसके शरीर के कुछ अंग बुरी तरह जल गए। बच्ची के अभिभावकों द्वारा इस बारे प्रिंसीपल धनलक्ष्मी से शिकायत करने पर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो उन्होंने संबंधित अध्यापिका, प्रिंसीपल और बच्ची की आया के विरुद्ध पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
 
►16 नवम्बर को बेंगलूर के परपाना अग्रहारा थाना के अंतर्गत स्थित एक प्रसिद्ध निजी स्कूल की चार वर्षीय छात्रा के साथ उसके अध्यापक द्वारा दुष्कर्म का मामला प्रकाश में आने पर उसे गिरफ्तार कर लिया गया। 
 
►18 नवम्बर को छत्तीसगढ़ में महासमुंद के कुटेला स्थित आई.आई.एम. बिशप हायर सैकेंडरी स्कूल के अध्यापक संकेत नाग ने गृह कार्य न करने पर 11वीं कक्षा के 31 छात्रों से लगातार 300 बार उठक-बैठक करवाई। इस दौरान कोई छात्र लडख़ड़ाता तो अध्यापक उसे पुन: 1-2 से गिनती शुरू करने का आदेश दे देता था। बच्चे जब थक गए और उनकी हालत चलने-फिरने लायक भी नहीं रही तब भी अध्यापक को उन पर रहम नहीं आया और उसने सब की हथेलियों को उलटा कर 40-40 फुट रूल मारे। 
 
►19 नवम्बर को झज्जर के लोहारी गांव में अध्यापक नरेश कुमार पर एक बच्ची को हवस का शिकार बनाने के आरोप में केस दर्ज किया गया। 
 
►19 नवम्बर को ही जींद के सिनेमा रोड पर स्थित सरकारी कन्या सीनियर सैकेंडरी स्कूल की 11वीं कक्षा की छात्राओं द्वारा होम वर्क न करने पर अध्यापिका संध्या ने उनकी पिटाई की। इस कारण वह 2-3 दिन स्कूल नहीं गईं और जब स्कूल गईं तो अध्यापिका ने उनसे अभद्र भाषा का प्रयोग किया। 
 
►20 नवम्बर को पट्टी स्थित शहीद भगत सिंह सीनियर सैकेंडरी स्कूल  की 12वीं कक्षा का छात्र गौरव दीप सिंह देरी से स्कूल पहुंचा। इस पर प्रिंसीपल तथा एग्जीक्यूटिव डायरैक्टर मृदुला भारद्वाज ने उसकी बेइज्जती की, थप्पड़ मारे और कहा कि यदि उसमें गैरत है तो वह जहरीली दवाई पीकर मर जाए। इससे दुखी होकर छात्र ने जहरीली दवाई निगल ली जिसके परिणामस्वरूप 26 नवम्बर को इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। 
 
►24 नवम्बर को महाराष्ट्र के भायंदर में 3 अध्यापकों संजय पाटिल, नीलेश भोईर और जितेंद्र जाधव को एक 9 वर्षीय बच्ची से पिछले एक वर्ष से बलात्कार किए जाने तथा एक महिला को इन अध्यापकों तक उस बच्ची को पहुंचाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। यह बच्ची कई दिनों से गुमसुम रहती थी। माता-पिता को शक होने पर जब उन्होंने बच्ची को बहला-फुसला कर पूछा तो उसने सारा भेद खोल दिया और यह भी कहा कि अध्यापकों द्वारा घर में न बताने की धमकी के कारण वह उन्हें नहीं बता रही थी। 
 
►24 नवम्बर को ही श्रीमुक्तसर साहिब के निकटवर्ती गांव वाडा कृष्णपुरा में सरकारी प्राइमरी स्कूल की अध्यापिका जसबीर कौर ने अरमान सिंह नामक चौथी कक्षा के छात्र को लोहे के पाइप से इतना पीटा कि उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा। 
 
►27 नवम्बर को मुजफ्फरनगर में नई मंडी स्थित एक इंटर कालेज में एक अध्यापक द्वारा 9वीं कक्षा के एक छात्र को कई बार मुर्गा बना कर उसकी पिटाई करने पर पीड़ित छात्र के अभिभावकों ने भारी हंगामा किया। उक्त घटनाएं निश्चित ही अध्यापकों के एक वर्ग में घर कर गई असहनशीलता, कुंठा, काम लोलुपता और अध्यापन व्यवसाय के उच्च मापदंडों और नैतिकता से भटक जाने के मुंह बोलते प्रमाण हैं। ऐसा अनैतिक आचरण करने वालों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई अपेक्षित है ताकि भविष्य में कुछ मुट्ठी भर लोग समूचे अध्यापक जगत की बदनामी का कारण न बनें।
 
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