अध्यापकों द्वारा छात्रों से ‘मारपीट और यौनाचार’

punjabkesari.in Monday, Aug 28, 2017 - 10:50 PM (IST)

किसी भी व्यक्ति के जीवन में माता-पिता के बाद अध्यापक का ही सर्वोच्च स्थान माना गया है। वही अज्ञानता के शिकार बच्चों को सही शिक्षा देकर अज्ञानी से ज्ञानवान बनाता है। परंतु आज अध्यापक-अध्यापिकाओं द्वारा अपनी मर्यादाओं को भूल न सिर्फ स्कूली बच्चों पर अमानवीय अत्याचार बल्कि नैतिकता को भी तार-तार किया जा रहा है। 

22 जुलाई को मध्य प्रदेश के दमोह जिले के मडिय़ादो गांव के स्कूल में एक छात्रा की लिखावट गंदी देख कर अध्यापक ने उसके हाथ पर डंडा मार दिया जिससे उसके अंगूठे की हड्डïी टूट गई। 27 जुलाई को महाराष्ट्र के ठाणे में एक म्यूनिसीपल स्कूल के अध्यापक सुरेश मोरे के विरुद्ध 9वीं कक्षा की छात्राओं (सगी बहनों) से छेड़छाड़ करने और उन्हें बार-बार गलत ढंग से छूने का मामला प्रकाश में आया। 28 जुलाई को हिमाचल के जिला चम्बा के तीसा क्षेत्र में एक अध्यापक पर अपनी एक नाबालिग छात्रा से बलात्कार करने तथा किसी को बताने पर फेल कर देने की धमकी देने का आरोप लगा। 02 अगस्त को रुड़की के लंढौरा कस्बे के एक स्कूल में टैस्ट में कम अंक आने पर शिक्षक ने छठी कक्षा की 2 छात्राओं के कपड़े उतरवा दिए। 

06 अगस्त को इलाहाबाद के एक स्कूल में 7वीं कक्षा के छात्र-छात्राओं द्वारा क्लास रूम में पंखा लगाने की मांग करने पर स्कूल के प्रिंसीपल सत्येंद्र द्विवेदी ने अनेक छात्र-छात्राओं को डंडे से इतना पीटा कि डंडा ही टूट गया। 09 अगस्त को उत्तर प्रदेश में रायबरेली जिले के गांव दौलतपुर स्थित एक इंटर कालेज में शिक्षक ने कक्षा 9 के छात्र को दौड़ा-दौड़ा कर उसकी बेरहमी से पिटाई कर डाली जिससे उसे अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा। 10 अगस्त को राजस्थान में आहोर आदर्श सरकारी सी.सै. स्कूल में पी.टी. टीचर जीवा राम मीणा ने कुछ छात्रों के शरारतें करने पर उन्हें बुरी तरह पीटा तथा छात्रों के परिजनों द्वारा प्रोटैस्ट पर उसे माफी मांगनी पड़ी। 16 अगस्त को मध्य प्रदेश के अशोक नगर जिला में 10वीं की छात्रा के ट्यूशन पढ़ाने वाले अध्यापक अरविंद द्वारा बलात्कार से गर्भवती होने और जबरदस्ती उसका गर्भपात करवाए जाने का मामला प्रकाश में आया। 

16 अगस्त को ही झारखंड में घाटशिला के जगदीश चंद्र उच्च विद्यालय में एक अध्यापक की पिटाई से 7वीं कक्षा का एक छात्र गंभीर रूप से बीमार हो गया और उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा। 18 अगस्त को लोहिया नगर के गीता संजय मैमोरियल स्कूल में 10वीं कक्षा के छात्र को एक अध्यापक ने बेरहमी से पीट डाला जिससे उसे काफी चोटें आईं। दोषी अध्यापक के विरुद्ध पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई गई है। 22 अगस्त को आगरा के रहने वाले 10वीं कक्षा के एक 15 वर्षीय छात्र ने एक कोङ्क्षचग क्लास की अपनी महिला ट्यूटर और उसकी तलाकशुदा बहन के विरुद्ध पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई कि वे दोनों पिछले 9 महीनों से उसका यौन शोषण करती आ रही हैं। इस छात्र ने उससे धन वसूलने के लिए उसके अश्लील चित्र खींचने के अलावा वीडियो भी बनाने का उन पर आरोप लगाया। छात्र का यह भी कहना है कि उन दोनों को ये चित्र सोशल मीडिया पर अपलोड करने से रोकने के लिए उसने अपने घर से पैसे और गहने तक चुरा कर दिए।

23 अगस्त को राजस्थान में कुचामन ब्लाक में रामा स्थित एक स्कूल के प्रिंसिपल ने 9वीं कक्षा के एक छात्र द्वारा स्कूल छोड़ कर जाने के लिए ट्रांसफर सर्टीफिकेट मांगने पर 2 अन्य अध्यापकों के साथ मिल कर उसे बुरी तरह पीटा और 2 दिनों तक होस्टल के कमरे में बंद रखा। 24 अगस्त को हिमाचल में जिला चम्बा के कैरी स्थित सरकारी प्राइमरी स्कूल के गणित के अध्यापक राजेश्वर सिंह ने पांचवीं कक्षा की 2 छात्राओं को ब्लैक बोर्ड पर न लिख पाने के कारण बुरी तरह छड़ी से पीट डाला। अध्यापक-अध्यापिकाओं द्वारा मासूम छात्र-छात्राओं पर मारपीट के अलावा उनके यौन शोषण जैसे अपराध इस आदर्श व्यवसाय पर एक घिनौना धब्बा और अध्यापक वर्ग में भी लगातार बढ़ रही नैतिक गिरावट का परिणाम है। अत: ऐसा करने वाले अध्यापक-अध्यापिकाओं को शिक्षाप्रद सजा दी जाए ताकि दूसरों को सबक मिले।—विजय कुमार 


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