‘शिक्षा के मंदिरों’ में छात्राओं के कपड़े उतरवाना!

punjabkesari.in Saturday, Jul 12, 2025 - 05:17 AM (IST)

अध्यापक ही बच्चों को सही शिक्षा देकर ज्ञानवान बनाते हैं, परंतु आज चंद अध्यापक-अध्यापिकाएं अपनी मर्यादा को भूल कर बच्चों पर अमानवीय अत्याचार कर रहे हैं। हद तो यह है कि कुछ स्कूलों में अध्यापक-अध्यापिकाएं तलाशी के नाम पर छात्राओं के कपड़े उतारने जैसे अमानवीय कृत्यों में संलिप्त पाए जा रहे हैं जिनके चंद उदाहरण निम्न में दर्ज हैं :

* 18 मार्च, 2024 को ‘बेंगलुरू’ (कर्नाटक) के एक स्कूल में एक अध्यापिका के पर्स से 2000 रुपए गायब हो गए तो उसने शक के आधार पर एक छात्रा  के कपड़े उतरवा कर तलाशी ली। इस अपमान के परिणामस्वरूप छात्रा सदमे में चली गई और 2 दिन बाद ही उसने आत्महत्या कर ली। 
* 3 अगस्त, 2024 को ‘इंदौर’ (मध्य प्रदेश) के एक स्कूल में परीक्षा के दौरान एक छात्रा के मोबाइल फोन की घंटी बजने पर एक अध्यापिका ने अन्य सभी छात्राओं को बाथरूम में ले जाकर कपड़े उतारकर तलाशी देने पर मजबूर किया। 
इसके विरुद्ध छात्राओं के माता-पिता ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई। घटना की जांच के लिए गठित समिति द्वारा शिकायत सही पाने पर संबंधित अध्यापिका को स्कूल से हटाकर शिक्षा विभाग में अटैच कर दिया गया। 
* 12 जनवरी, 2025 को ‘धनबाद’ (झारखंड) के एक स्कूल के पिं्रसीपल ने स्कूल में एक समारोह के दौरान दसवीं कक्षा की 80 छात्राओं को अपनी शर्ट उतार कर केवल ‘ब्लेजर’ में घर जाने को मजबूर किया जिस पर छात्राओं के परिजनों ने स्कूल में आकर भारी हंगामा किया।

* 12 मार्च, 2025 को ‘रायसेन’ (मध्य प्रदेश) के ‘उदयपुरा’ में एक अध्यापिका ने 10वीं कक्षा की बोर्ड की परीक्षा देने आई एक छात्रा की तलाशी के नाम पर भरी क्लास में उसके कपड़े उतरवा दिए और छात्रा के विरोध करने पर उसे क्लास से बाहर निकाल दिया। घटना से स्तब्ध छात्रा स्कूल परिसर में ही गिर गई और अपने पिता तथा भाई को फोन करके सूचित किया। 
* 30 मार्च, 2025 को ‘अमेठी’ (उत्तर प्रदेश) में ‘बहादुरपुर’ स्थित एक स्कूल में एक छात्र के 30 रुपए गुम हो जाने की शिकायत मिलने पर एक अध्यापिका द्वारा सातवीं कक्षा की एक छात्रा के कपड़े उतरवा कर तलाशी लेने और पैसे नहीं मिलने पर जातिसूचक गालियां देकर धमकाने से आहत पीड़िता डिप्रैशन में आ गई और 2 दिनों तक डरी-सहमी रही। 
किसी तरह बच्ची की मां ने उसे दिलासा देकर उसकी खामोशी का कारण पूछा तो उसने अपनी मां को सारी बात बताई जिस पर बच्ची की मां ने पुलिस में स्कूल प्रबंधन के विरुद्ध शिकायत दर्ज करवाई।

* और अब 9 जुलाई, 2025 को ‘ठाणे’ (महाराष्टï्र) स्थित एक निजी स्कूल की छात्राओं को मासिक धर्म हो रहा है या नहीं इसका पता लगाने के लिए 10 लड़कियों के कपड़े उतरवाने के आरोप में पुलिस ने स्कूल की पिं्रसीपल तथा एक अन्य कर्मचारी को गिरफ्तार करने के अलावा  4 अध्यापिकाओं व 2 ट्रस्टियों के विरुद्ध ‘पोक्सो अधिनियम’ के तहत केस दर्ज किया है। 

उल्लेखनीय है कि स्कूल के कर्मचारियों ने 8 जुलाई को टायलैट में खून के धब्बे देख कर इसकी सूचना अध्यापिकाओं और पिं्रसीपल को दी थी। इसके पीछे कौन जिम्मेदार है यह जानने के लिए पांचवीं से दसवीं कक्षा तक की छात्राओं को बुला कर पूछा गया कि कौन-कौन मासिक धर्म में है। अध्यापिकाओं ने हाथ उठाने वाली छात्राओं के अंगूठे के निशान सहित सभी विवरण दर्ज किए और अन्य लड़कियों को टायलैट में ले जाकर उनके कपड़े उतरवा कर जांच की। तलाशी के नाम पर छात्राओं को इस प्रकार लज्जित करने के मामलों का सामने आना गंभीर ङ्क्षचता का विषय है जो अध्यापक-अध्यापिकाओं के एक वर्ग में घर कर गई संवेदनहीनता का परिणाम है। इस तरह का आचरण करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने की तुरंत आवश्यकता है।—विजय कुमार 


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