अंधविश्वास और जादू-टोने के चक्कर में फंसती जा रही भारतीय जनता

Wednesday, Nov 25, 2015 - 12:05 AM (IST)

अंधविश्वास समाज के लिए बहुत बड़ा नासूर है। हालांकि समय-समय पर ऐसी कई घटनाएं सामने आती रहती हैं जिनमें जादू-टोना करने वालों के चक्कर में पड़ कर लोगों को अपनी समस्याओं से मुक्ति के स्थान पर संकट में ही फंसना पड़ा परंतु स्वतंत्रता के 68 साल बाद भी लोग अंधविश्वास और जादू-टोने के मोहजाल से नहीं निकल पाए। 

आम लोगों की तो बात ही क्या, बड़े-बड़े राजनीतिज्ञ और स्वयं को ‘बुद्धिजीवी’ कहने वाले लोग भी इस जाल में फंसे हुए हैं। हम ऐसी ही चंद घटनाएं निम्र में प्रस्तुत कर रहे हैं जो स्पष्ट प्रमाण हैं कि अंधविश्वासों में पड़ कर स्वार्थ सिद्धि की खातिर मनुष्य किस कदर नीचे गिर सकता है :
 
* ठाणे के घोड़बंदर रोड पर कासर वाडावली इलाके में रहने वाली एक बीमार महिला के इलाज के लिए 29 सितम्बर को उसकी 15 वर्षीय बेटी ‘कारपेंटर बाबा’ नामक एक तांत्रिक को बुला कर लाई। 
 
तांत्रिक ने बीमार महिला के शरीर में प्रविष्ट ‘दुष्ट आत्माओं’ को भगाने के बहाने लड़की को घर की रसोई में ले जाकर उससे बलात्कार किया। बाद में उसने महिला के साथ भी वही सब करने की कोशिश की लेकिन किसी तरह उसने कारपेंटर बाबा की कोशिश नाकाम कर दी और पुलिस में रिपोर्ट लिखवाई जिस पर उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
 
* ‘काला जादू’ से दिव्य शक्तियां प्राप्त करने के लिए आंध्र प्रदेश के प्रकाशम जिले में पोकुर के तिरुमाला राव ने 30 सितम्बर को 4 वर्षीय एक बच्चे की हत्या करके उसका खून देवी प्रतिमा पर चढ़ाया। पता चलने पर लोगों ने उसे पकड़ लिया और घर में बंद करके उसको आग लगा दी।
 
* 4 अक्तूबर को महाराष्ट के भिवंडी में एक कब्रिस्तान से दो शव मिले जिनकी हत्या सिर पर पत्थर से चोट और पेट में चाकू से वार करके की गई थी। कुछ ही दूरी पर नींबू, मिर्च, सिंदूर, लौंग, कील, फूल आदि पड़े थे। 
 
पुलिस ने इस सिलसिले में 19 अक्तूबर को रफीक  नामक एक आरोपी को गिरफ्तार किया जिसने बताया कि उसने अपने दो अन्य फरार साथियों के साथ मिल कर ये हत्याएं तंत्र-मंत्र करने के लिए की थीं क्योंकि उन्हें बताया गया था कि ऐसा करके वे मालामाल हो जाएंगे।
 
* अलीगढ़ के निकट कोतवाली इगलास इलाके के बेसवां कस्बे में एक अंधविश्वासी नि:संतान महिला राधा ने संतान प्राप्ति की चाह में अपने पड़ोसी विनोद की 2 वर्षीय बेटी मोहिनी की 23 अक्तूबर को बलि दे दी।
 
* अपने पिता को हर हाल में कनाडा से वापस स्वदेश बुलाने की इच्छुक नई दिल्ली की एक युवती ने, जो इसके लिए कोई भी कीमत चुकाने को तैयार थी, हर समस्या सुलझाने का दावा करने वाले एक तथाकथित तांत्रिक  से सम्पर्क किया। तांत्रिक ने कुछ दिन उससे पैसे ऐंठते रहने के बाद 6 नवम्बर को उसे बेहोश करके अपनी वासना का शिकार बना डाला। युवती की शिकायत पर 8 नवम्बर को उसे गिरफ्तार किया गया।
 
* मुम्बई की सबीना नामक 40 वर्षीय एक महिला को एक व्यक्ति अक्सर छेड़ा करता, उसका पीछा करता और फोन पर गंदी-गंदी बातें करके उसे परेशान करता था। उससे बचने के लिए वह ‘सिकंदर बाबा’ नामक तांत्रिक की शरण में पहुंची जिसने महिला को कहा कि वह अपने उपाय से उस व्यक्ति को ऐसा करने से रोक देगा। सचमुच ही सिकंदर बाबा की शरण में आने के बाद उस व्यक्ति ने महिला को तंग करना बंद कर दिया। 
 
अब तो वह अक्सर अपनी घरेलू समस्याएं लेकर उसके पास आने लगी। एक दिन उसी बाबा ने उसे नशीली चाय पिला कर उसकी इज्जत लूट ली तथा उसका वीडियो भी बना लिया। होश में आने पर महिला ने देखा कि उसे छेडऩे वाला व्यक्ति भी बाबा के घर में ही मौजूद था और दोनों ने साजिश रच कर उसे फंसाया था। उसने यह सब अपने पति को बताया और उसकी शिकायत पर 19 नवम्बर को पुलिस ने बाबा को गिरफ्तार कर लिया।
 
 हालांकि जादू-टोने को अपराध की श्रेणी में रखा गया है पर इसके बावजूद यह सिलसिला जारी है और ये तो ऐसी चंद घटनाएं हैं जो प्रकाश में आ पाईं, इनके अलावा इतने बड़े देश में न जाने कितनी ऐसी घटनाएं हुई होंगी जो रिपोर्ट दर्ज न होने के कारण प्रकाश में नहीं आ पाईं।
 
स्पष्ट है कि लोगों को कष्ट से मुक्ति दिलाने के नाम पर न सिर्फ उनसे ठगी की जा रही है बल्कि महिलाओं से बलात्कार व नरबलि तक दी जा रही है। यह दुष्चक्र रोकने का एक ही उपाय है-लोगों में जागरूकता बढ़ाना व ऐसे अपराधों में संलिप्त लोगों को कठोरतम दंड देना। 
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