सड़कों पर ‘मौत’ बन कर घूम रहे ‘आवारा और बेसहारा पशु’

punjabkesari.in Thursday, Feb 22, 2024 - 05:00 AM (IST)

देश में बड़ी संख्या में सड़कों पर घूम रहे बेसहारा पशु, विशेष रूप से गौवंश लोगों की सुरक्षा के लिए भारी समस्या बन गए हैं। इससे वाहनों का आवागमन अवरुद्ध होने के अलावा दुर्घटनाओं से लोगों की जानें जा रही हैं, जिसके चंद ताजा उदाहरण निम्न में दर्ज हैं : 

* 17 जनवरी को मथुरा (उत्तर प्रदेश) के थाना ‘राया’ के अंतर्गत सूरज नहर पुल के निकट सड़क पर अचानक एक सांड के आ जाने से एक बाइक सवार की उससे टक्कर के परिणामस्वरूप घटनास्थल पर ही मौत हो गई।
* 24 जनवरी को मिर्जापुर (उत्तर प्रदेश) के ‘कोटवा’ गांव के निकट  सड़क पर जा रही बेसहारा गाय को बचाने की कोशिश में एक कार डिवाइडर से टकरा कर पलट जाने से उसमें सवार एक व्यक्ति की मृत्यु तथा 5 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। 

* 9 फरवरी को ‘बलौदा बाजार’ (छत्तीसगढ़) जिले के ‘कौडिय़ा’ गांव के निकट देर रात एक बेसहारा गाय से टकरा कर एक कार उलट गई, जिससे उसमें सवार एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई। 
* 9 फरवरी को ही जोधपुर (राजस्थान) में एक बेसहारा पशु को बचाने की कोशिश में एक बाइक सवार एक वाहन से टकरा कर मारा गया।
* 11 फरवरी को श्योपुर (मध्य प्रदेश) में अचानक सड़क पर मवेशी के आ जाने से एक बाइक बेकाबू होकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई जिससे उस पर सवार 3 में से 1 व्यक्ति की मृत्यु तथा 2 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए।
* 15 फरवरी को शाहजहांपुर (उत्तर प्रदेश) में अपनी साली के विवाह समारोह में शामिल होने के लिए दिल्ली से आए एक युवक की बाइक सड़क पर घूम रही गाय से टकरा जाने से उसकी दर्दनाक मौत हो गई। 
* 18 फरवरी को पाली (राजस्थान) में ‘देसूरी’ थाना के अंतर्गत एक सांड से टकराकर गंभीर रूप से घायल हुए बाइक सवार की मौत हो गई। 

* 18 फरवरी को ही कांगड़ा (हिमाचल प्रदेश) के ‘कुंदलीहार’ में बेसहारा पशु से टक्कर होने के परिणामस्वरूप एक बाइक सवार की मौत हो गई। 
* 19 फरवरी को होशियारपुर (पंजाब) के कस्बा ‘हरियाना’ के निकट एक बेसहारा गाय को बचाने का प्रयास करते हुए साहिल कटोच और उनके दादा रिटायर्ड कैप्टन रोशन लाल कटोच की कार दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से उनकी घटनास्थल पर ही तथा 82 वर्षीया वेद कुमारी कटोच की बाद में अस्पताल में इलाज के दौरान जान चली गई जबकि गंभीर रूप से घायल 18 वर्षीय दोहता उपचाराधीन है। 

* 21 फरवरी को सिरोही (राजस्थान) के ‘सांतपुर’ गांव में सड़क पर 2 गायों की लड़ाई की चपेट में एक बाइक सवार के पीछे बैठी 6 वर्षीय बच्ची नीचे गिर कर एक गाय के पैर तले कुचली जाने से मारी गई। आवारा पशुओं की समस्या नासूर बनती जा रही है लेकिन प्रशासन इसे लेकर बिल्कुल भी गंभीर दिखाई नहीं देता। आए दिन इनकी चपेट में आकर निर्दोष लोग अपने हाथ-पैर तुड़वाने के अलावा जान गंवा रहे हैं। पंजाब में 2019 में की गई पशुधन गणना के अनुसार अढ़ाई लाख के लगभग बेसहारा पशु थे जबकि उत्तर प्रदेश में इनकी संख्या 11 लाख 84 हजार 494 बताई गई थी जो अब और भी बढ़ चुकी होगी। वर्ष 2022 में स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी एक भाषण में बेसहारा पशुओं की समस्या का उल्लेख कर चुके हैं तथा 13 फरवरी, 2024 को दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस सी. हरिशंकर ने एक याचिका पर फैसला सुनाते हुए कहा था कि : 

‘‘नगर निगम अधिकारियों का कत्र्तव्य यह सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाना है कि आवारा जानवरों का पुनर्वास किया जाए और वे निवासियों, राहगीरों या सड़क पर चलने वाले वाहनों के लिए खतरा न बनें।’’प्रशासन द्वारा बेसहारा पशुओं से मुक्ति दिलाने में असफल रहने से लोगों में रोष बढ़ रहा है। इस समस्या से निपटने के लिए इन्हें बेसहारा छोडऩे वाले लोगों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई तथा इनके पुनर्वास के लिए संतोषजनक व्यवस्था करने की जरूरत है।—विजय कुमार   


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