चंद पुलिस कर्मचारियों और उनकी संतानों की करतूतें

Thursday, Jun 23, 2016 - 01:35 AM (IST)

देश में अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं और सर्वाधिक चिंताजनक बात यह है कि न सिर्फ वे लोग, जिन पर अपराध रोकने की जिम्मेदारी है, इन अपराधों में शामिल पाए जा रहे हैं बल्कि अब तो उनकी संतानें भी समाज विरोधी गतिविधियों में संलिप्त होने लगी हैं। हाल ही में हुई ऐसी चंद घटनाएं निम्न में दी जा रही हैं :

 
* 30 मई को उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के चरथावल थाने में  जूते पालिश करने वाला एक व्यक्ति अपना मोबाइल गुम होने की रिपोर्ट लिखवाने आया तो संबंधित अधिकारी ने उसकी रिपोर्ट दर्ज करने से पहले उसे थाने में बिठा कर सभी पुलिस वालों के जूते पालिश करने के लिए उसके आगे रखवा दिए। 
 
यह भी आरोप है कि इस घटना से कुछ ही दिन पूर्व जब एक विधवा इसी पुलिस अधिकारी के पास अपने बेटे और बहू द्वारा उसे पीटने की शिकायत करने आई तो इसने यह कह कर उसे अपमानित किया था कि ‘‘तेरा थाने में आने से तो यह अच्छा है कि मैं तेरा दूसरा निकाह ही करवा दूं।’’
 
* 2 जून को चंडीगढ़ में कार पार्किंग को लेकर हुए विवाद में एक युवक को पीटने के आरोप में पंजाब पुलिस के एक सब-इंस्पैक्टर के बेटे हैरी बाजवा तथा उसके दो साथियों के विरुद्ध केस दर्ज किया गया।
 
* 12 जून को छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में 13 वर्षीय एक नाबालिगा से बलात्कार करने के आरोप में पुलिस के ‘जराम शिविर’ में सहायक कांस्टेबल के तौर पर नियुक्त ‘जशमन नेताम’ को गिरफ्तार किया गया। 
 
* 15 जून को राजस्थान के राजसमंद जिले की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ने किसी विवाद को सुलझाने की एवज में 30,000 रुपए रिश्वत लेते हुए ‘कास्या गांव’ के चौकी प्रभारी प्रेमशंकर, एक कांस्टेबल अंकुर अहीर तथा एक दलाल मुन्ना को रंगे हाथों गिरफ्तार किया। 
 
* 15 जून को ही उत्तर प्रदेश में मैनपुरी के एक दरोगा राधारमण यादव का एक निजी कार्यक्रम में डांस कर रही बार बालाओं पर बेशर्मी से खुलेआम रुपए लुटाते हुए वीडियो वायरल होने पर उसे निलंबित कर दिया गया। 
 
* 16 जून को उत्तर प्रदेश में हरदोई जिले के शहर कोतवाली पुलिस चौकी के एक दरोगा संजय यादव का वीडियो वायरल हुआ जिसमें वह एक महिला फरियादी की शिकायत दर्ज करने के एवज में अपने कपड़े उतार कर उससे मालिश करवाता दिखाई दे रहा है।
 
* 16 जून को रांची के सरकारी अस्पताल में उपचाराधीन निवेदिता नामक युवती ने आरोप लगाया कि लातेहार जिले में मनिका पुलिस थाने के ए.एस.आई. ने अपराध स्वीकार करवाने के लिए 10 घंटे तक उस पर थाने के अंदर शारीरिक और मानसिक तौर पर अमानवीय अत्याचार किया। 
 
इस युवती ने आरोप लगाया, ‘‘अब मैं कभी भी सामान्य जीवन नहीं जी सकूंगी। वे 10 घंटे मेरे जीवन के सर्वाधिक भयावह क्षण थे। मुझसे गंदे-गंदे सवाल पूछे गए और मुझे उस अपराध को स्वीकार करने के लिए मजबूर किया गया जो मैंने कभी किया ही नहीं।’’ 
 
* 16 जून को उल्हास नगर के पुलिस उपायुक्त सुनील बावस्कर के बारे में खुलासा हुआ कि उसने यह पद पाने के लिए अपने वरिष्ठïों से एक करोड़ रुपए में सौदा किया है। इसमें से वह 50 लाख रुपए दे चुका है और 50 लाख रुपए देने बाकी हैं। यह रकम पूरी करने के लिए उसने अपने मातहत सिपाहियों की मलाईदार स्थानों पर ड्यूटी लगाने के लिए बाकायदा बोली लगानी शुरू कर दी है। वह सबसे ज्यादा बोली लगाने वाले कांस्टेबलों को ही मलाईदार स्थानों पर तैनात कर रहा है और प्रत्येक कांस्टेबल से 1 लाख 25 हजार रुपए प्रति सप्ताह तक के हिसाब से वसूली कर रहा है।
 
* 20 जून को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के निर्वाचन क्षेत्र करनाल के अंतर्गत पड़ते सदर पुलिस थाने के 5 सिपाहियों को ड्यूटी के दौरान कथित रूप से शराब पीते पकड़े जाने पर तथा 3 अन्य को रात की ड्यूटी के दौरान लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित किया गया। 
 
* 20 जून को ही भटिंडा के पुलिस थानों की चैकिंग के दौरान थाना सिविल लाइन में ड्यूटी अफसर ए.एस.आई. जरनैल सिंह गैर-हाजिर पाया गया जबकि सिपाही यादविंद्र सिंह को ड्यूटी के दौरान सोते हुए पाए जाने पर लाइन हाजिर किया गया। ऐसी ही कुछ काली भेड़ों की करतूतों के चलते हमारा पुलिस विभाग बदनाम हो रहा है और यह रोग किसी एक हिस्से तक ही सीमित न रह कर पूरे देश में फैल गया है। अत: ऐसे तत्वों की छांटी करके फौलादी हाथों से पुलिस में शुचिता लाना अत्यंत आवश्यक है।  
 
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