कुछ ए.टी.एम्स में पैसे की कमी अभी भी बरकरार

punjabkesari.in Wednesday, Apr 12, 2017 - 10:50 PM (IST)

देश से काला धन और नकली करंसी समाप्त करने की दिशा में एक बड़ा पग उठाते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नवम्बर 2016 को देश में 500 और 1000 रुपए वाले पुराने नोट रद्द करके 500 और 2000 रुपए के नए नोट जारी करने की घोषणा की थी। केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए इस अप्रत्याशित पग से देश भर में अफरा-तफरी मची और नोट बदलवाने के लिए होने वाली मारामारी की घटनाओं के अलावा कतार में खड़े असंख्य लोगों को अपनी जान से हाथ धोने पड़े। 

इस बीच नोटबंदी के विरुद्ध भड़के जनरोष को देख कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 13 नवम्बर को देशवासियों से कुछ समय की मोहलत मांगते हुए घोषणा की थी कि ‘‘50 दिनों तक स्थिति सामान्य हो जाएगी।’’ उक्त घोषणा के 150 दिन बाद आज तक भी स्थिति पूर्णत: सामान्य नहीं हुई और बैंकों के ए.टी.एम्स में कैश की 30 प्रतिशत कमी चल रही है। बैंकों को ए.टी.एम्स में कैश भरने की सेवाएं देने वाली ‘कैश लॉजिस्टिक कम्पनीज एसोसिएशन’ के सचिव श्री एन.एस.जी. राव का कहना है कि ‘‘अभी भी बैंकों के ए.टी.एम्स. में भरने के लिए पूरी राशि नहीं मिल रही और इनमें 30 प्रतिशत की कमी चल रही है।’’ 

‘‘हमें अनेक स्थानों से ए.टी.एम. में कैश न होने की शिकायतें मिल रही हैं। वास्तव में 65 प्रतिशत ए.टी.एम्स में ही पैसे डाले जा रहे हैं। अभी भी सभी ए.टी.एम्स को भरने के लिए करंसी नोट नहीं मिल रहे।’’ श्री राव के उक्त दावे से वित्त मंत्री द्वारा 17 फरवरी को ‘सिक्योरिटी प्रिंटिंग मिंटिंग कार्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड’ के 11वें स्थापना दिवस पर किया गया यह दावा भी झूठा पड़ गया कि ‘‘सरकार के नोटबंदी के फैसले के बाद कुछ ही सप्ताह में नकदी आपूर्ति की स्थिति सामान्य हो गई है।’’

बेशक अब समस्या पहले जैसी नहीं रही है फिर भी 35 प्रतिशत ए.टी.एम्स का शुष्क रहना इस बात का स्पष्टï प्रमाण है कि अभी कुछ समय तक और लोगों को ए.टी.एम्स से किसी भी समय पैसा निकालने में सक्षम होने के लिए इंतजार करना पड़ेगा। —विजय कुमार


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