रक्षकों की वर्दी में छुपे कुछ भक्षक धूमिल कर रहे हैं पुलिस बलों की छवि

punjabkesari.in Monday, Dec 28, 2015 - 11:57 PM (IST)

समाज में कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी पुलिस विभाग तथा अन्य सुरक्षा बलों की है परंतु इनमें घुस आई चंद काली भेड़ें अपने अमानवीय कृत्यों से समूचे पुलिस विभाग की बदनामी का कारण बन रही हैं। हाल ही की ऐसी चंद खबरें निम्र में दर्ज हैं : 

* 24 नवम्बर को मुम्बई में मुलुंड पुलिस चौकी के इंस्पैक्टर संतोष पुजारी को पांच हजार रुपए रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार करने के बाद भ्रष्टाचार निरोधक विभाग ने उसके फ्लैट पर छापा मार कर 19 लाख रुपए नकद बरामद किए। इसके अलावा मुम्बई में उसके 2 फ्लैटों का भी पता चला। 
 
* 7 और 10 दिसम्बर को दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के 3 कर्मचारियों हैड कांस्टेबल नरेश कुमार, कांस्टेबल कुलदीप व भूप सिंह को चालान काटे बगैर वाहन चालकों से पैसे वसूलने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। 
 
* 13 दिसम्बर को झारखंड में रांची की ‘लालपुर चौक’ पुलिस चौकी में प्रसिद्ध अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज जब अपनी खोई हुई बाइक की रिपोर्ट लिखवाने गए तो देखा कि उनकी बाइक तो वहीं खड़ी थी। एस.आई. बलबीर सिंह की मौजूदगी में ए.एस.आई. सुरेश ठाकुर ने बाइक देने के बदले उनसे 500 रुपए मांगे। ज्यां द्रेज द्वारा जिले के डिप्टी कमिश्नर से शिकायत करने पर बलबीर सिंह और सुरेश ठाकुर को निलंबित कर दिया गया।
 
* 19 दिसम्बर को नवी मुम्बई में हुई 1 करोड़ रुपए की लूट के सिलसिले में पुलिस ने जिन 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया उनमें 3 पुलिस कर्मी ट्राम्बे पुलिस थाने के एस.आई. पंकज रघुनाथ व नीलेश कुमार तथा सिपाही जनार्दन राजे भी शामिल हैं। इनसे 81 लाख रुपए बरामद किए जा चुके हैं।
 
* 22 दिसम्बर को उत्तर प्रदेश में हापुड़ पुलिस ने कांस्टेबल प्रदीप कुमार को गिरफ्तार किया। लखनऊ में अपनी तैनाती के दौरान उसने अर्चना रावत नामक पुलिस कांस्टेबल से संबंध बना लिए जो प्रदीप पर दबाव डाल रही थी कि वह अपनी पहली पत्नी और दो बच्चों को छोड़ कर उससे शादी कर ले। तंग आकर प्रदीप कुमार ने अपना तबादला मुरादाबाद करवा लिया और 16 दिसम्बर को अर्चना को हापुड़ बुलाकर उसकी हत्या कर दी। 
 
* 22 दिसम्बर को ही मुम्बई में देवनार पुलिस थाने में तैनात हवलदार शिवाजी भाऊ साहब को 50,000 रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया।
 
* 23 दिसम्बर को कोच्चि पुलिस ने वायकोम के पुलिस थाने में तैनात अंसारी टी.ए. नामक पुलिस कर्मचारी के विरुद्ध एक साथी कर्मचारी का मोबाइल चुराने के आरोप में केस दर्ज किया। इससे पूर्व इसी महीने 10 तारीख को उसके विरुद्ध एक दम्पति से 5000 रुपए छीनने तथा धमकियां देने के आरोप में पहले ही केस दर्ज है। 
 
* 27 दिसम्बर सुबह को सहारनपुर से दिल्ली जाने वाली गाड़ी में सीट को लेकर शामली स्टेशन पर हुए विवाद में उसी डिब्बे में ड्यूटी पर तैनात जी.आर.पी. के सिपाहियों ने पहले तो एक यात्री सैनिक को पीटा और फिर उसकी पत्नी व साली से दुव्र्यवहार किया तथा उनके कपड़े भी फाड़ दिए।  
 
* 27 दिसम्बर को ही हिमाचल में घुमारवीं के अंतर्गत एक पुलिस कर्मी कमल एक महिला को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में निलंबित किया गया जिसने 26 दिसम्बर को इसके घर के बाहर जहर खा लिया था।
 
* 28 दिसम्बर को मध्य प्रदेश में आर.टी.ओ. के हैडकांस्टेबल अरुण सिंह के इंदौर एवं रीवा स्थित कई ठिकानों पर एक साथ की गई छापेमारी में करोड़ों रुपए की सम्पत्ति का पता चला। 
 
इनमें इंदौर में  एक 3 मंजिला मकान, 3 कारें, 2 प्लॉट, 30 एकड़ जमीन, 25 एकड़ का फार्म हाऊस, रीवा में 8-8 हजार वर्ग फुट के 2 प्लॉट, 2 मकान और इंदौर के महू रोड पर फार्म हाऊस, इंदौर में बेटे के नाम पर 2 फ्लैट, 8 बैंक खाते और कुछ लॉकरों के दस्तावेज शामिल हैं। 
 
समूचे पुलिस विभाग को शर्मसार करने वाली उपरोक्त घटनाओं से स्पष्टï है कि पुलिस की ज्यादतियां किसी एक क्षेत्र तक सीमित न रह कर एक देशव्यापी रुझान बन चुकी हैं और कानून के रखवाले माने जाने वाले चंद पुलिस कर्मियों का इस प्रकार का आचरण समूचे पुलिस विभाग की छवि धूमिल कर रहा है। 
 
अत: आवश्यकता इस बात की है कि पकड़े गए पुलिस कर्मियों को कठोरतम एवं शिक्षाप्रद दंड दिया जाए ताकि दूसरों को भी नसीहत मिले और वे इस तरह की कोई करतूत करने से पूर्व सौ बार सोचें। 
 

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