रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा ‘रेलवे में गैर राजपत्रित कर्मचारियों की कमी’ ‘तुरंत दूर करने की जरूरत’

punjabkesari.in Thursday, Sep 19, 2024 - 04:33 AM (IST)

भारतीय रेल नैटवर्क एशिया का दूसरा सबसे बड़ा नैटवर्क है और इसमें लगातार विस्तार हो रहा है। बड़ी संख्या में नई यात्री एवं मालगाडिय़ां चलाई जा रही हैं, परंतु इसके साथ ही भारतीय रेल प्रणाली के रख-रखाव में त्रुटियों के कारण रेलगाडिय़ां लगातार दुर्घटनाओं की शिकार हो रही हैं। पिछले 6 दिनों में ही निम्न दुर्घटनाएं हो चुकी हैं : 

* 11 सितम्बर को उत्तर प्रदेश में लखनऊ-शाहजहांपुर रेलवे लाइन पर मुरादाबाद जिले के ‘दलेल नगर’ और ‘उमरताली’ स्टेशनों के बीच ओ.एच.ई. (ओवर हैड इक्विपमैंट) टूटने के बाद  ‘दुग्र्याणा एक्सप्रैस’ बिजली की तारों की चपेट में आ गई जिसके बाद ब्लास्ट हो गया। इससे पूरे रेलवे सैक्शन में बिजली की सप्लाई रुक गई। 
* 13 सितम्बर को बिहार में ‘गया’ तथा ‘किऊल’ रेलवे लाइन पर ‘वजीरगंज स्टेशन’ तथा ‘कोलहाना हाल्ट’ के बीच रघुनाथपुर गांव के निकट एक रेलगाड़ी का इंजन अचानक बेकाबू होकर तेजी से लूप लाइन से आगे बढ़ गया तथा रेलवे ट्रैक से उतर कर खेत में जा घुसा। 

* 14 सितम्बर को गया रेलवे स्टेशन के ही शंटिंग यार्ड में शंटिंग के दौरान एक इंजन के अगले पहिए पटरी से उतर गए। 
* 15 सितम्बर को उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में प्लेटफार्म नं. 3 और 5 के खाली होने के बावजूद फ्रैक्चर्ड (टूटा हुआ) ट्रैक से ‘गरीब रथ’ तथा ‘बरेली-वाराणसी एक्सप्रैस’ ट्रेनों को लखनऊ की ओर रवाना कर दिया गया जिससे रेलवे विभाग के अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल खड़े होने लगे हैं। फ्रैक्चर्ड (टूटा हुआ) ट्रैक के चलते यदि कोई कोच पटरी से उतर जाता तो उसमें सवार यात्रियों की जान खतरे में पड़ सकती थी। 

* 16 सितम्बर को भोपाल रेल मंडल के भोपाल-इटारसी रेल सैक्शन पर एक मालगाड़ी के 3 डिब्बे पटरी से उतर गए।
* 17 सितम्बर को उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में जयनगर से नई दिल्ली जाने वाली स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एक्सप्रैस को रेल ट्रैक पर एक मोटा लकड़ी का कुंदा रख कर पलटाने की कोशिश की गई। लोको पायलट ने एमरजैंसी ब्रेक लगा कर गाड़ी को रोका परंतु लकड़ी का टुकड़ा इंजन में फंस जाने से इंजन का प्रैशर पाइप फट गया और गाड़ी 2 घंटे वहीं खड़ी रही। 

* 17 सितम्बर को ही झारखंड में ‘सुइसा’ रेलवे स्टेशन के निकट एक रेलवे यार्ड में 2 इंजन ‘बफर स्टाप’ से टकरा कर पटरी से उतर गए। इस तरह की पृष्ठभूमि के बीच रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रेल यात्रियों की सुरक्षा से खिलवाड़ करने वालों को कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है, वहीं रेलवे बोर्ड के नए चेयरमैन तथा मुख्य कार्यकारी (सी.ई.ओ.) श्री सतीश कुमार ने वित्त मंत्रालय का ध्यान रेलवे के बुनियादी ढांचे में विस्तार और नई रेल लाइनों तथा रेलगाडिय़ों की बढ़ती संख्या की ओर दिलाया है। उन्होंने भारतीय रेलवे में कर्मचारियों की कमी जैसे गंभीर मुद्दों पर चिंता व्यक्त करते हुए रेलों के सुरक्षित संचालन को यकीनी बनाने के लिए तत्काल अतिरिक्त कर्मचारियों की भर्ती करने की अनुमति मांगी है और वित्त मंत्रालय में सचिव (व्यय) ‘मनोज गोविल’ को लिखे पत्र में उन्होंने कहा है कि : 

‘‘रेलवे का कामकाज इन दिनों तेजी से बढ़ रहा है। नई रेल पटरियां बिछाने की बात हो या नई रेलगाडिय़ां चलाने की, हर दिशा में तेजी से काम हो रहा है तथा कई नए प्रोजैक्ट भी आ रहे हैं। इन सब कार्यों के लिए रेलवे को नए गैर राजपत्रित स्टाफ की तत्काल जरूरत है।’’ ‘‘इन पदों पर स्टाफ भर्ती करने के लिए रेलवे को नई आसामियां कायम करनी होंगी क्योंकि बढ़ा हुआ काम वर्तमान स्टाफ से संभल नहीं पा रहा। अत: बोर्ड को रेलवे के सुरक्षा एवं अनिवार्य विभागों में नई गैर-राजपत्रित असामियां कायम करने की तुरंत अनुमति दी जाए। इसकी यात्री और मालगाडिय़ों को स्थापित मापदंडों के अनुसार संचालित करने के लिए आवश्यकता है।’’ उल्लेखनीय है कि पिछले 2 वर्षों में भारतीय रेलवे नैटवर्क पर कई छोटी-बड़ी दुर्घटनाओं के परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में लोगों को जान गंवानी पड़ी है, अत: जितनी जल्दी रेलवे में खाली पड़े स्थान भरे जाएंगे रेल यात्रियों की सुरक्षा के लिए उतना ही अच्छा होगा।—विजय कुमार 


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