शिवराज ने मंत्रिमंडल में दल-बदलू शामिल करके गलत परम्परा को आगे बढ़ाया

punjabkesari.in Sunday, Jul 05, 2020 - 04:26 AM (IST)

मध्य प्रदेश में 15 वर्ष के बाद कांग्रेस 2018 में पुन: सत्तारूढ़ हुई और कमलनाथ मुख्यमंत्री बने परंतु कांग्रेस की सफलता में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कमलनाथ से नाराजगी के चलते 10 मार्च, 2020 को कांग्रेस से त्यागपत्र देकर 11 मार्च को भाजपा का दामन थाम लिया और ज्योतिरादित्य के समर्थक लगभग 22 विधायकों ने भी त्यागपत्र दे दिया। इसके परिणामस्वरूप कमलनाथ सरकार के भविष्य पर प्रश्नचिन्ह लग गया और अंतत: 20 मार्च को कमलनाथ द्वारा त्यागपत्र दे देने के बाद एक बार फिर 23 मार्च, 2020 को शिवराज सिंह चौहान के ही नेतृत्व में भाजपा प्रदेश में सत्तारूढ़ हो गई। 

इसके कुछ समय बाद से ही ज्योतिरादित्य सरकार में अपने लोगों को समुचित प्रतिनिधित्व देने की मांग कर रहे थे जिस पर अंतत: शिवराज सिंह चौहान ने 2 जुलाई को अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करके
20 नए कैबिनेट तथा 8 राज्यमंत्री बना दिए हैं। इनमें ज्योतिरादित्य सिंधिया के 12 समर्थक वे भी शामिल हैं जिनके मार्च में कांग्रेस छोडऩे के बाद कमलनाथ सरकार गिर गई थी। ‘एसोसिएशन फार डैमोक्रेटिक रिफॉम्र्स’ के अनुसार मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार के 34 मंत्रियों में से 38 प्रतिशत अर्थात 13 मंत्रियों के विरुद्ध आपराधिक मामले दर्ज हैं जबकि इनमें से 30 मंत्री करोड़पति हैं। अपने लोगों को मंत्रिमंडल में शामिल करने पर प्रसन्न ज्योतिरादित्य ने राज्य में अपने पुराने कांग्रेसी साथियों कमलनाथ और दिग्विजय सिंह पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि ‘‘टाइगर अभी जिंदा है।’’ 

इसके जवाब में कमलनाथ ने कहा, ‘‘मैं महाराजा नहीं हूं, मैं मामा (संकेत शिवराज सिंह चौहान की ओर) नहीं हूं, मैंने कभी चाय नहीं बेची। मैं तो बस कमलनाथ हूं। कई लोग खुद को कहते हैं कि मैं टाइगर हूं, मैं न तो टाइगर हूं और न पेपर टाइगर हूं। प्रदेश की जनता तय करेगी कि मैं क्या हूं।’’ इसी प्रकार दिग्विजय सिंह ने कहा कि ‘‘न जाने इस मंत्रिपरिषद विस्तार ने कितने भाजपा के टाइगर जिंदा कर दिए। देखते जाइए...शेर का सही चरित्र आप जानते हैं? एक जंगल में एक ही शेर रहता है।’’ दूसरी ओर जहां मंत्रिमंडल में भाजपा के विरोधी रहे कांग्रेस के 12 दल-बदलू विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल करने के लिए शिवराज सिंह चौहान की आलोचना हो रही है वहीं पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने मंत्रिमंडल के गठन में अपने सुझावों की अनदेखी करने पर नाराजगी भी जाहिर की है। 

यही नहीं इस मंत्रिमंडलीय विस्तार में स्थानीय भाजपा विधायक रमेश मैंदोला को जगह न दिए जाने से आहत होकर उनके एक समर्थक ने अपने शरीर पर मिट्टïी के तेल का कनस्तर उंडेल कर आत्मदाह का प्रयास भी किया। भले मजबूरी में ही सही लेकिन शिवराज सिंह चौहान ने इस मंत्रिमंडलीय विस्तार में ज्योतिरादित्य सिंधिया के दल-बदलू साथियों को शामिल करके अपनी तुष्टीïकरण की नीति का परिचय दे दिया है तथा सत्ता की खातिर एक गलत परम्परा को आगे बढ़ाया है।—विजय कुमार  


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News