‘शैल्टर होम्स’ बन गए ‘शोषण होम्स’ हो रहा जरूरतमंद महिलाओं का उत्पीडऩ

punjabkesari.in Sunday, Sep 10, 2023 - 02:27 AM (IST)

हालांकि देश में सरकारी और गैर सरकारी तौर पर चलाए जा रहे महिला शरणगृहों (शैल्टर होम्स) और अनाथालयों के प्रबंधकों से अपेक्षा की जाती है कि वहां जरूरतमंद, बेसहारा और लाचार महिलाओं को सुरक्षित वातावरण में रखा जाएगा, परंतु वहां लगातार इनका शोषण एवं उत्पीडऩ हो रहा है। 

* 8 सितम्बर को कोलकाता में नेत्रहीनों के एक स्कूल (ब्लाइंड स्कूल) और बालगृह में 3 नाबालिग लड़कियों के साथ बलात्कार किए जाने की शिकायत मिलने पर पुलिस ने उक्त ब्लाइंड होम के निदेशक-प्रधानाध्यापक जबेश दत्ता और भूतपूर्व रसोइए बबलू कुंडू को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के अनुसार इनमें से एक नेत्रहीन नाबालिगा, जो अब 20 वर्ष की हो गई है, ने पुलिस को दिए अपने बयान में कहा कि उसके साथ पिछले 10 वर्षों से बलात्कार किया जा रहा था, जिससे वह गर्भवती तक हो गई थी और उसका गुप्त तरीके से जबरन गर्भपात करवा दिया गया। पीड़िता ने आरोप लगाया कि 1988 से चल रहे इस निजी ब्लाइंड होम में शरण ली हुई नाबालिगाओं का पिछले 13 वर्षों से यौन शोषण किया जा रहा था। 

* 24 जून को हिसार पुलिस ने एक 38 वर्षीय महिला की शिकायत पर बरवाला के एक अनाथ एवं वृद्ध आश्रम के प्रमुख सोहनानंद उर्फ सोहन उर्फ सोनू के विरुद्ध उसे नशा मिली कोल्ड ङ्क्षड्रक पिलाकर उससे बलात्कार करके घटना का वीडियो बनाने और फिर उसे ब्लैकमेल करने की धमकी देने के आरोप में केस दर्ज किया।
* 21 जून को विशाखापत्तनम स्थित ‘ज्ञानानंद आश्रम’ के संचालक स्वामी पूर्णानंद सरस्वती उर्फ स्वामी प्रेमानंद को पुलिस ने अनुमति के बगैर अनाथालय और वृद्धाश्रम चलाने, वहां रहने वाली एक 15 वर्षीय अनाथ लड़की को जंजीरों से बांध कर रखने और उससे बार-बार बलात्कार करने के आरोप में गिरफ्तार किया। 

* 16 फरवरी को तमिलनाडु के विल्लुपुरम के केदारगांव में ‘अम्बूजोथी आश्रम’ नामक शैल्टर होम के संचालकों ‘बी. जुबीन’ तथा उसकी पत्नी ‘सी. मारिया’ को, उनके विरुद्ध शैल्टर होम में शरण ली हुई जरूरतमंद महिलाओं का शोषण करने के आरोप में केस दर्ज करने के बाद शैल्टर होम के वार्डन तथा कम्प्यूटर आप्रेटर आदि के साथ गिरफ्तार किया गया। इन पर मानव तस्करी, महिलाओं तथा अन्य अधिवासियों को अवैध रूप से कब्जे में रखने और वहां रहने वालों को टार्चर करने के अलावा वहां रहने वाली महिलाओं को नशा देकर उनसे बलात्कार करने के आरोप हैं। 

कुछ लोगों का आरोप है कि इस शैल्टर होम में रह रही अपने बच्चों को स्तनपान कराने वाली महिलाओं को शैल्टर होम के परिसर में रखे हुए बंदरों को स्तनपान कराने तक के लिए विवश किया जाता था। इस संबंध में शिकायत मिलने पर यहां शरण ली हुई कुछ महिलाओं को दूसरे सरकारी शैल्टर होम्स में स्थानांतरित किया गया है। यहां रहने वाली कुछ महिलाओं के गायब होने के भी समाचार हैं। यह भी कहा जाता है कि उत्पीडऩ से तंग होकर यहां रहने वाली कुछ महिलाएं खिड़कियां तोड़ कर भाग गईं।

* 10 फरवरी को मध्य प्रदेश के इंदौर में ‘अनुभूति विजन सेवा संस्थान’ नामक शैल्टर होम में एक 17 वर्षीय मानसिक रूप से कमजोर किशोरी से बलात्कार करके उसे गर्भवती करने के आरोप में पुलिस ने केस दर्ज किया।
* 5 फरवरी को दिल्ली में वसंत कुंज के एक बालगृह के सिक्योरिटी गार्ड को इसमें रहने वाली 16 वर्षीय नाबालिगा से बलात्कार करके उसे गर्भवती कर देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। पीड़िता ने पेट में दर्द होने की शिकायत की तो डाक्टरी जांच करवाने पर उसके गर्भवती होने का पता चला। 

शैल्टर होम्स में रहने वाली महिलाओं के उत्पीडऩ और गायब होने से स्पष्टï है कि ये जनहितकारी संस्थाएं किस कदर कुप्रबंधन का शिकार हैं जो लड़कियों के शरणस्थल की बजाय उत्पीडऩ स्थल सिद्ध हो रही हैं। इस स्थिति को देश के सभी शैल्टर होम्स में निगरानी प्रणाली को मजबूत तथा इनके लगातार निरीक्षण व स्टाफ की जवाबदेही तय करके और दोषियों को कड़ी सजा देकर ही सुधारा जा सकता है।—विजय कुमार 


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