भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने फिर समझाया अपने नेताओं को

Thursday, Nov 28, 2019 - 12:43 AM (IST)

भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री डा. सुब्रह्मण्यम स्वामी स्वामी एक वरिष्ठ राजनीतिज्ञ होने के साथ-साथ अर्थशास्त्री भी हैं। समय-समय पर वह अपनी ही सरकार की त्रुटियों की ओर अपने नेताओं का ध्यान दिलाते और उन्हें समझाते रहते हैं।

23 मार्च, 2019 को डा. सुब्रह्मण्यम स्वामी ने दावा किया था कि ‘‘न तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को और न ही वित्त मंत्री अरुण जेतली को अर्थव्यवस्था की कोई जानकारी है क्योंकि वे भारत को पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बताते हैं जबकि इस सूची में हम तीसरे स्थान पर हैं।’’

27 सितम्बर को उन्होंने देश की आर्थिक समस्याओं के लिए नोटबंदी और जी.एस.टी. को जिम्मेदार ठहराया और कहा, ‘‘हम सही आर्थिक नीतियां नहीं अपना रहे हैं तथा वर्तमान चरण में जी.एस.टी. देश के लिए वांछित नहीं है।’’ 
03 अक्तूबर को उन्होंने बेरोजगारी की समस्या से जूझ रही मोदी सरकार को बेरोजगारी दूर करने के लिए अर्थव्यवस्था को प्रतिवर्ष 10 प्रतिशत की दर से बढ़ाने की सलाह दी।

और अब महाराष्ट्र के घटनाक्रम पर टिप्पणी करते हुए 26 नवम्बर को उन्होंने एक बार फिर पार्टी नेतृत्व पर सवाल उठाए व कहा, ‘‘शिवसेना का भाजपा से अलग होना दुखद है। महाराष्ट्र में जिस प्रकार शिवसेना का भाजपा से अलगाव हुआ है, उसके दोबारा बहुत जल्द साथ आने की आशा नहीं है।’’
अपने उक्त बयान से डा. स्वामी ने एक बार फिर अपनी सरकार को आइना ही दिखाया है। शिवसेना की नाराजगी के चलते महाराष्ट्र में भाजपा के सत्ता गंवा देने से यह बात सत्य सिद्ध भी हो गई है।

लिहाजा यदि भाजपा नेतृत्व अपने ही दल के भीतर उठ रही सकारात्मक और चेतावनी भरी आवाजों को जितनी जल्दी सुनना शुरू करेगा उतना ही उसके लिए अच्छा होगा।     —विजय कुमार  

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