15 दिनों के भीतर जम्मू क्षेत्र में पाकिस्तानी आतंकवादियों का दूसरा हमला

punjabkesari.in Saturday, May 06, 2023 - 04:27 AM (IST)

जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान के पाले हुए आतंकवादियों द्वारा भारतीय सुरक्षा बलों के सदस्यों पर हमले थम नहीं रहे हैं तथा पिछले 2 सप्ताह के दौरान ही वे भारतीय सैनिकों पर 2 हमले कर चुके हैं। 20 अप्रैल को जम्मू में पुंछ के ‘भाटा दूरिया’ इलाके में आतंकवादियों ने एक सैन्य वाहन पर हमला करके 5 सैनिकों को शहीद और एक अन्य को घायल कर दिया था। इस हमले में शामिल आतंकवादियों का लश्कर-ए-तैयबा और पाकिस्तान से सम्बन्ध होने का संदेह व्यक्त किया जा रहा है। 

उल्लेखनीय है कि आतंकवादियों ने सेना के जिस वाहन पर यह हमला  किया वह रमजान के सिलसिले में संगियोट गांव के लोगों में बांटने के लिए इफ्तार की सामग्री लेकर जा रहा था। प्रदेश के डी.जी.पी. दिलबाग सिंह के अनुसार यह हमला स्थानीय लोगों की सहायता से किया गया। और अब 5 मई को जम्मू-कश्मीर के कंडी इलाके में सुबह के समय आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में सेना के 5 जवान शहीद हो गए और एक अधिकारी सहित 4 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। सेनाधिकारियों के अनुसार ये आतंकी उसी गिरोह से संबंधित हैं जिसने 20 अप्रैल को पुंछ के ‘भाटा दूरिया’ में सैन्य वाहन पर हमला किया था। 

उल्लेखनीय है कि राजौरी सैक्टर के कंडी क्षेत्र में आतंकवादियों की मौजूदगी की विशेष सूचना पर 3 मई को एक संयुक्त अभियान शुरू किया गया था और 5 मई को सुबह लगभग साढ़े 7 बजे एक खोज दल को खड़ी चट्टानों में बनी एक गुफा में छिपे आतंकवादियों का पता चला। सेना के जवानों ने जब वहां पहुंच कर उन्हें बाहर निकालने की कोशिश की तो आतंकवादियों ने बम से विस्फोट कर दिया। केंद्रीय एजैंसियों के अनुसार अभी घाटी में 20-24 विदेशी आतंकी और 30-35 स्थानीय आतंकवादी सक्रिय हैं। डी.जी.पी. दिलबाग सिंह का कहना है कि वर्ष 2017 में आतंकवादियों की संख्या 350 थी जो अब 100 से कम रह गई है। हाल ही में गुप्तचर एजैंसियों ने जम्मू-कश्मीर में सैन्य ठिकानों पर आतंकी हमलों की आशंका को लेकर रैड अलर्ट जारी किया था। इस पर जम्मू, कठुआ, साम्बा, पठानकोट में सभी सैन्य ठिकानों को यह जानकारी देने के बाद सभी सैन्य ठिकानों की सतर्कता बढ़ा दी गई थी। 

एक रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान इस महीने कश्मीर घाटी में होने वाले जी-20 सम्मेलन से पहले 14 फरवरी, 2019 के पुलवामा हमले को दोहराना चाहता है, जिसमें 40 भारतीय सुरक्षा बलों को शहीद कर दिया गया था। सुरक्षा बलों को पाकिस्तानी गुप्तचर एजैंसी आई.एस.आई. तथा आतंकी संगठनों के कुछ हैंडलरों के बीच हुई बातचीत के कुछ इंटरसैप्ट्स पाकिस्तान के शकरगढ़ इलाके से मिले थे जिनके अनुसार पाकिस्तान जम्मू में नैशनल हाईवे पर सैन्य वाहनों व ठिकानों को निशाना बनाने की साजिश रच रहा है। 

यहां यह बात भी ध्यान देने योग्य है कि 20 अप्रैल को पुंछ में सैन्य वाहन पर हमला पाकिस्तान सरकार द्वारा यह घोषणा करने के कुछ ही घंटों बाद हुआ था कि उसके विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो मई में होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (एस.सी.ओ.) की बैठक में भाग लेने के लिए गोवा जाने वाले पाकिस्तान के शिष्टमंडल का नेतृत्व करेंगे। इस हमले के बाद बिलावल भुट्टो की भारत यात्रा पर आशंका के बादल मंडराने लगे थे और अब जबकि बिलावल भुट्टो शंघाई सहयोग संगठन (एस.सी.ओ.) की बैठक में भाग लेने के लिए गोवा पहुंचे हुए हैं, आतंकवादियों का यह दूसरा हमला हुआ है। 

उल्लेखनीय है कि 8 वर्ष के बाद पाकिस्तान का कोई उच्च स्तरीय नेता भारत की यात्रा पर आया है। पिछली बार पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ 2014 में अपनी पत्नी कुलसूम और बेटे हुसैन नवाज के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में आए थे। पहले ही तनाव में चल रहे दोनों देशों के संबंध इन हमलों से और अधिक तनाव में आ गए हैं। राजनीतिक प्रेक्षकों का कहना है कि जब तक पाकिस्तान अपने पाले हुए आतंकवादियों को भारत विरोधी गतिविधियों के लिए शरण और सहायता देना बंद नहीं करेगा तब तक दोनों देशों के रिश्ते सामान्य होने की आशा करना व्यर्थ ही होगा।—विजय कुमार 


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