विश्व पर शनि की साढ़ेसाती का प्रकोप जारी, बिजली गिरने, भूकम्प, आग, हिमस्खलन, कोरोना आदि से मौतें

punjabkesari.in Thursday, Apr 29, 2021 - 07:18 AM (IST)

कुछ समय से देश-विदेश के हालात देखते हुए अनेक लोगों का कहना ठीक ही लगता है कि शनिदेव नाराज हैं और विश्व पर साढ़ेसाती आई हुई है जिसका उल्लेख हम पहले भी अपने सम्पादकीय लेखों में कर चुके हैं। 
‘शनि की इस साढ़ेसाती’ के कारण समस्त विश्व में लगातार जंगलों, अस्पतालों व नागरिक आबादी में आग, भूकंप, बाढ़, आसमानी बिजली आदि से जान-माल की भारी हानि तो पहले की तरह ही हो रही है, अब कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने संकट और भी बढ़ा दिया है : 

* 09 अप्रैल को उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर और भदोही में 3 जगहों पर आसमानी बिजली गिरने से 2 बच्चों और एक महिला सहित 3 लोगों की मृत्यु हो गई तथा 4 अन्य गंभीर रूप से झुलस गए।
* 13 अप्रैल को उत्तराखंड में विभिन्न स्थानों पर लगभग 133 हैक्टेयर क्षेत्र में फैले जंगलों को आग से भारी क्षति पहुंची। 
* 16 अप्रैल को हरियाणा के बेरी क्षेत्र के डीघल गांव में आसमानी बिजली गिरने से एक व्यक्ति की जान चली गई। 
* 17 अप्रैल को छत्तीसगढ़ के रायपुर में एक निजी अस्पताल के आई.सी.यू. में आग लगने से 5 कोरोना पीड़ितों की मौत हो गई। 

* 20 अप्रैल को दिल्ली से पलायन करके मध्य प्रदेश में अपने घर टीकमगढ़ जा रहे प्रवासी मजदूरों की बस ग्वालियर के निकट पलट जाने से 2 प्रवासी मजदूर मारे गए और 8 घायल हो गए।
* 21 अप्रैल को नासिक के अस्पताल में ऑक्सीजन टैंक लीक होने के कारण ऑक्सीजन सप्लाई बाधित हो जाने से 24 मरीजों की मौत हो गई। 
* 21 अप्रैल को ही हिमाचल में ‘डोडराक्वार’ उपमंडल के झालटा गिल्टाड़ी के काशला जंगल में बिजली गिरने से 3 दर्जन भेड़-बकरियों की मौत हो गई।
* 22 अप्रैल को उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के ‘तकिया’ गांव में आसमानी बिजली गिरने से खेत में काम कर रहे एक किसान की मौत हो गई। 

* 23 अप्रैल को लीबिया के तट के निकट भूमध्य सागर में एक जहाज के डूब जाने से यूरोप जाने की कोशिश कर रहे 130 से अधिक प्रवासियों के मारे जाने की आशंका है।
* 23 अप्रैल को चीन में शंघाई की एक इलैक्ट्रॉनिक्स फैक्टरी में हुए भीषण अग्निकांड में 8 लोग मारे गए।
* 23 अप्रैल को बिहार की राजधानी पटना के दानापुर इलाके में एक जीप के नदी में जा गिरने से 9 लोगों की मौत हो गई। 
* 23 अप्रैल को हिमाचल में बैजनाथ उपमंडल के ‘ढग’ नामक स्थान में हुई भारी बर्फबारी के कारण 400 भेड़-बकरियां दब कर मर गईं। 

* 23 अप्रैल को उत्तराखंड के चमोली जिले के साथ लगने वाले भारत-तिब्बत सीमा क्षेत्र में 15 मजदूरों की हिमस्खलन में दबने से मौत हो गई।
* 23 अप्रैल को महाराष्ट्र के विरार में सुबह के समय एक निजी अस्पताल के आई.सी.यू. में आग लगने से कोरोना ग्रस्त 13 मरीजों की जान चली गई।
* 24 अप्रैल को जिम्बाब्वे वायुसेना का एक हैलीकाप्टर राजधानी हरारे से 30 किलोमीटर दूर दुर्घटनाग्रस्त हो कर एक मकान के ऊपर जा गिरा जिससे चालक दल के 3 सदस्यों तथा एक बच्चे सहित 4 लोगों की मौत हो गई। 
* 24 अप्रैल को बाली द्वीप के निकट समुद्र की गहराई से बरामद हुई इंडोनेशिया की लापता पनडुब्बी के सभी 53 नौसैनिक मृत पाए गए। 

* 25 अप्रैल को ईराक की राजधानी बगदाद के एक अस्पताल में ऑक्सीजन सिलैंडर फटने से आग लगने के कारण वहां उपचाराधीन 82 कोरोना पीड़ितों की मौत हो गई तथा 110 अन्य घायल हो गए।
* 26 अप्रैल को लेह-लद्दाख के सियाचिन क्षेत्र में हिमस्खलन होने से पंजाब के 2 जवान दब कर शहीद हो गए।
* 28 अप्रैल को असम तथा पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों में 6.4 तीव्रता का भूकम्प आने से अनेक इमारतें ध्वस्त हो गईं तथा सड़कों में दरारें आ गईं। 

* 28 अप्रैल को ही महाराष्ट्र में ठाणे के निजी अस्पताल में आग लगने से 4 करोना पीड़ित रोगी मारे गए।
* 28 अप्रैल वाले दिन ही शिमला के कोटखाई में आग लगने से 6 मकान  जल कर राख हो गए तथा एक महिला की झुलस जाने से मौत हो गई।
* 28 अप्रैल को ही बिहार में पटना के ‘अलाउद्दीन चक’ नामक गांव में सुबह खाना बनाने के दौरान एक घर में आग लग जाने से 4 मासूम बच्चे  
जिंदा जल गए। एक ओर विश्व कोरोना के प्रकोप का सामना कर रहा है तो दूसरी ओर प्रकृति का प्रकोप जानें ले रहा है। शायद कुदरत हमें चेतावनी दे रही है कि : 

‘‘कृत्रिम खाद तथा कीटनाशकों के अत्यधिक इस्तेमाल से पृथ्वी को, नदियों में कारखानों का जहरीला पानी छोड़ कर जल स्रोतों को और वायुमंडल में कारखानों का विषैला धुआं छोड़ कर इसे क्षति पहुंचाना बंद कर दो वर्ना विनाश लीला के हृदय विदारक दृश्य इसी तरह चलते रहेंगे।’’—विजय कुमार 


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