‘अवैध खनन करके’‘देश की जड़ें खोद रहा रेत माफिया’

punjabkesari.in Saturday, Jan 23, 2021 - 02:36 AM (IST)

पिछले कुछ वर्षों के दौरान देश में अवैध रेत खनन का धंधा बहुत जोर पकड़़ गया है और अनेक राज्य इसकी गिरफ्त में आए हुए हैं। इससे सरकार को प्राप्त होने वाले राजस्व की भारी हानि होने के अलावा पर्यावरण को भी क्षति पहुंच रही है तथा पानी के बहाव की दिशा बदलने से नदियों के आसपास के क्षेत्रों की कृषि भी प्रभावित हो रही है। इसी कारण केंद्र और राज्य सरकारों ने रेत खनन के मापदंड तय करके कई जगह इस पर पूरी तरह रोक लगा रखी है परंतु इसके बावजूद अवैध खनन लगातार जारी है जिसके जनवरी माह के ही चंद उदाहरण निम्र में दर्ज हैं : 

* 4 जनवरी को उत्तर प्रदेश के ‘खैरीघाट’ थाना क्षेत्र में अधिकारियों ने रेत का अवैध खनन कर रहे 12 लोगों को गिरफ्तार करके उनके कब्जे से एक जे.सी.बी. मशीन तथा 8 ट्रैक्टर ट्रालियां जब्त कीं।
* 16 जनवरी को बिहार के ‘किशनगंज’ में अवैध रूप से खनन करके ले जाई जा रही रेत से लदे 2 ट्रैक्टरों को जब्त किया गया।
* 19 जनवरी को होशियारपुर के थाना ‘मेहटियाना’ में अवैध रेत खनन करने के आरोप में रेत से भरी ट्राली कब्जे में ली गई। 

* 20 जनवरी को थाना ‘राहों’ की पुलिस ने सतलुज दरिया के क्षेत्र में पड़ते गांव ‘शेखूपुर’ में अवैध रेत खनन के आरोप में 5 लोगों को गिरफ्तार किया और 1 टिप्पर, 1 जे.सी.बी. मशीन व 11 ट्रैक्टर-ट्रालियां जब्त कीं। 
21 जनवरी को अवैध खनन के कम से कम 5 निम्र मामले सामने आए :
* उत्तराखंड में हरिद्वार के ‘श्योपुर’ में ‘पीली नदी’ के निकट अवैध रेत से लदी 7 ट्रैक्टर-ट्रालियां जब्त की गईं।
* मोगा में थाना ‘धर्मकोट’ की पुलिस ने सतलुज दरिया से अवैध खनन कर ले जाई जा रही रेत से भरी 3 ट्रैक्टर ट्रालियां जब्त कीं। 

* उत्तराखंड के ‘शांतिपुरी’ में अवैध खनन करके रेत ले जाते हुए एक ट्रक को जब्त किया गया। 
* पंजाब में रोपड़ के ‘अगमपुर’ गांव में सतलुज नदी में अवैध खनन की पड़ताल करने गए 2 अधिकारियों पर खनन माफिया के गुंडों ने हमला कर दिया जिस पर उन्हें अपनी जान बचाने के लिए वहां से भागना पड़ा। 
* राजस्थान में ‘सवाई माधोपुर’ के ‘ढोलड़ी’ गांव में छापा मारने गए दल ने रेत से लदी 15 ट्रैक्टर-ट्रालियां जब्त कीं परंतु इस दौरान रेत माफिया के सदस्यों ने राज्य सरकार के एक वरिष्ठï अधिकारी व अनेक पुलिस कर्मियों पर हमला करके उन्हें घायल कर दिया। 

* 22 जनवरी को बिहार में ‘सासाराम’ के टोल प्लाजा पर रेत से भरा ट्रक रोकने पर रेत माफिया के सदस्यों ने चाकू और लोहे की छड़ों से हमला करके टोल प्लाजा के एक कर्मचारी को गम्भीर रूप से घायल कर दिया।
* 22 जनवरी को ही पठानकोट के ‘दतियाल’ तथा ‘कीडिय़ां’ में अवैध रेत खनन की सूचना मिलने पर मारे गए छापे में आधा दर्जन से अधिक टिप्पर तथा 3 जे.सी.बी.मशीनें जब्त की गईं। 
देश में अवैध रेत खनन का कारोबार आपराधिक तत्वों तथा माफिया के हाथ में है जिनके लिए अपने विरुद्ध कार्रवाई करने वाले कत्र्तव्यनिष्ठï अधिकारियों और कर्मचारियों पर हमला, उन पर ट्रक और ट्रैक्टर चढ़ा कर हत्या कर देना और अपने पाले हुए भ्रष्ट अधिकारियों तथा अपने राजनीतिक संपर्कों की मदद से तबादला करवा देना आम बात है। 

एन.जी.ओ. ‘द एशिया नैटवर्क ऑन डैम्स, रिवर्स एंड पीपुल’ की रिपोर्ट ‘भारत में रेत खनन हिंसा 2019-2020’ में खनन माफिया के बढ़े हुए हौसले की अत्यंत चिंताजनक तस्वीर पेश करते हुए कहा गया है कि :

‘‘भारत में अवैध रेत खनन बहुत बड़ा अवैध व्यवसाय बन गया है तथा जनवरी, 2019 से 15 नवम्बर, 2020 के बीच खनन से जुड़ी घटनाओं, गिरोहों की आपसी दुश्मनी, रेत माफिया द्वारा अधिकारियों पर हमलों आदि के कारण कम से कम 193 लोगों को अपने प्राण गंवाने पड़े।’’ 

इन हालात में प्रशासन द्वारा इस बुराई के विरुद्ध उच्चतम स्तर पर अभियान चलाने और इस धंधे में शामिल माफिया के सदस्यों के साथ-साथ उन्हें संरक्षण देने वाले राजनीतिज्ञों, पुलिस में मौजूद काली भेड़ोंं और अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने की जरूरत है। इस काले कारोबार पर कठोरता पूर्वक रोक लगा कर ही सरकार को होने वाले राजस्व के भारी घाटे, पर्यावरण को क्षति, पानी के बहाव की दिशा बदलने से नदियों के आसपास के क्षेत्रों में स्थित रिहायशी मकानों तथा कृषि को नुक्सान पहुंचने से रोका जा सकेगा।—विजय कुमार 


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