नेपाल से बिगड़ रहे संबंधों को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की भाजपा नेतृत्व को सही सलाह

Tuesday, Jun 30, 2020 - 04:47 AM (IST)

विश्व के एकमात्र हिन्दू देश और निकटतम पड़ोसी नेपाल के साथ हमारे सदियों से गहरे संबंध चले आ रहे हैं और दोनों ही देशों के लोगों के बीच रोटी और बेटी का रिश्ता रहा है। कुछ वर्षों तक सब ठीक चल रहा था पर जब से चीन ने नेपाल, पाकिस्तान व श्रीलंका को विभिन्न प्रलोभन देकर अपने प्रभाव में लेना शुरू किया है, इन्होंने भारत विरोधी तेवर अपना लिए हैं। 

इन दिनों चीन के उकसावे पर नेपाल की कम्युनिस्ट सरकार लगातार भारत विरोधी निर्णय ले रही है। हाल ही में भारत के 3 इलाकों ‘लिपुलेख’, ‘कालापानी’ व ‘लिपियाधुरा’ पर अपना दावा जताने और नेपाल सीमा पर एक भारतीय की हत्या करने के अलावा नेपाल सरकार ने पूरी भारत-नेपाल सीमा को सील करके चप्पे-चप्पे पर नेपाल पुलिस के जवानों को तैनात कर दिया है और भारतीय क्षेत्रों पर भी नेपाल के झंडे लगा दिए हैं। नेपाल सरकार ने चीन से सामान आयात अधिक सुविधाजनक बनाने के लिए चीन के साथ लगता अपना ‘रसुआगढ़ी बार्डर प्वाइंट’ खोलने का भी निर्णय किया है जहां से निर्माण सामग्री देश में लाई जाएगी। 

भारतीय सीमा तक आने के लिए चीन की शह पर नेपाल 10-20 किलोमीटर की दूरी पर फोरलेन सड़कों का भी निर्माण कर रहा है तथा नेपाली संसद में हिन्दी के इस्तेमाल पर रोक लगाने की तैयारी भी की जा रही है।जहां ये सब भारत विरोधी निर्णय नेपाल के कम्युनिस्ट प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली के निर्देशों पर हो रहे हैं वहीं ओली ने परोक्ष रूप से भारत सरकार पर उन्हें हटाने की साजिश रचने का आरोप भी लगाया है। ऐसे माहौल के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शीर्ष पदाधिकारियों और भाजपा नेतृत्व के बीच गत सप्ताह हुई बैठक में संघ नेता सुरेश भैया जी जोशी व अन्य नेताओं ने नेपाल के साथ संबंधों में गिरावट और तनाव पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि भाजपा सरकार को नई दिल्ली और काठमांडू के बीच संबंधों के पुनॢनर्माण पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। 

संघ ने सरकार और गुप्तचर एजैंसियों द्वारा पड़ोसी देशों के घटनाक्रमों से पूर्व सतर्कता न बरतने पर भी चिंता व्यक्त की। संघ नेता भारत और नेपाल द्वाराबातचीत के माध्यम से अपने मतभेद हल नहीं कर पाने पर चिंतित हैं। संघ नेताओं ने कहा कि भारत सरकार और गुप्तचर एजैंसियां अपने पड़ोस के घटनाक्रम की ओर से आंखें मूंदे हुए हैं। अत: भाजपाध्यक्ष जे.पी. नड्डा व महासचिव बी.एल. संतोष सीमा पर खराब हो रहे हालात का जायजा लें। समय-समय पर संघ द्वारा भाजपा नेतृत्व को दी जाने वाली सही सलाहों की भांति ही यह भी सही सलाह है जिस पर भाजपा नेतृत्व को तुरंत अमल करना चाहिए। ऐसा न हो कि भारत का निकटतम पड़ोसी नाराज हो जाए जिसका भारत पर बुरा असर पड़ेगा।—विजय कुमार 

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