प्रश्नपत्र लीक, नकल और धोखाधड़ी द्वारा छीना जा रहा वास्तविक उम्मीदवारों का अधिकार
punjabkesari.in Monday, Dec 26, 2022 - 05:38 AM (IST)

आज देश में न सिर्फ स्कूल-कालेजों बल्कि विभिन्न नौकरियों के लिए आयोजित की जाने वाली परीक्षाओं के प्रश्नपत्र लीक करवाने और अनुचित तरीकों से उम्मीदवारों को पास करवाने का अवैध व्यापार बहुत गंभीर रूप धारण कर चुका है। इस गोरखधंधे में कई प्रदेशों के अनेक माफिया गिरोह सक्रिय बताए जाते हैं :
* 27 मार्च को जम्मू-कश्मीर सॢवसेज सिलैक्शन बोर्ड (जे.के.एस.एस.बी.) की ओर से लेखा सहायकों के विभिन्न पदों की नियुक्ति के लिए ली जाने वाली परीक्षा में अनियमितता तथा प्रश्नपत्र लीक होने के मामले में दोषियों की तलाश में जम्मू-कश्मीर के विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की गई।
* 26 और 27 अगस्त को ‘अरुणाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग’ (ए.पी.पी.एस.सी.) की ओर से सहायक इंजीनियर (सिविल) परीक्षा के प्रश्रपत्र लीक किए जाने के मामले में सी.बी.आई. ने 9 नवम्बर को 13 आरोपियों के विरुद्ध चार्जशीट दायर की।
* 28 नवम्बर को पश्चिम बंगाल में होने वाली ‘डिप्लोमा इन एलीमैंट्री एजुकेशन’ (डी. ई.आई.एड.) परीक्षा के प्रश्रपत्र लीक के मामलों की जांच सी.आई.डी. को करने का आदेश दिया गया।
* 23 दिसम्बर को हिमाचल प्रदेश में जूनियर आफिसर असिस्टैंट (जे.ओ.ए.-आई. टी.) के लिए 25 दिसम्बर को ली जाने वाली परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक करने के मामले में हमीरपुर में हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग की कर्मचारी, उसके बेटे, 2 अभ्यॢथयों व दलाल सहित 5 लोगों को 5 लाख रुपए रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
* 24 दिसम्बर को ‘राजस्थान लोक सेवा आयोग’ की ओर से सैकेंड ग्रेड अध्यापक भर्ती के लिए ली जाने वाली जनरल नालेज की परीक्षा प्रश्नपत्र लीक होने के कारण रद्द कर दी गई। उक्त उदाहरणों से स्पष्टï है कि आज प्रश्नपत्र लीक करके और परीक्षाओं में नकल करवा कर वास्तविक उम्मीदवारों का अधिकार छीना जा रहा है। अत: इसके लिए जिम्मेदार लोगों को कठोरतम दंड दिया जाना चाहिए। अब हमें परीक्षा के पारंपरिक तरीकों को छोड़ नए तरीके ढूंढने के साथ-साथ शिक्षा के पैट्रन में भी बड़े स्तर पर बदलाव करने की जरूरत है।