पैट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी ‘ऊंट के मुंह में जीरे’ के समान

Saturday, Mar 16, 2024 - 04:23 AM (IST)

शीघ्र होने जा रहे लोकसभा चुनावों के कारण कुछ समय से केंद्र एवं राज्यों की सरकारें ‘लोक लुभावन मोड’ में आई हुई हैं। इसी क्रम में जहां हिमाचल सरकार ने महिलाओं को 1500 रुपए मासिक पैंशन देने की घोषणा की है, वहीं दिल्ली की ‘आप’ सरकार ने भी 2024-25 के बजट में 18 वर्ष और इससे अधिक आयु की सभी महिलाओं को 1000 रुपए प्रति मास देने की घोषणा की है।

इसी प्रकार केंद्र सरकार ने भी अपने कर्मचारियों के महंगाई भत्ते और ग्रैच्युटी सीमा में वृद्धि के अलावा ‘उज्ज्वला योजना’ के तहत गरीब महिलाओं को 300 रुपए प्रति सिलैंडर की सबसिडी एक वर्ष के लिए बढ़ाने के अलावा सामान्य वर्ग के घरेलू रसोई गैस सिलैंडरों की कीमत भी 100 रुपए प्रति सिलैंडर कम कर दी है। और अब चुनाव आयोग द्वारा लोकसभा चुनावों की तिथियों की घोषणा से ठीक पहले सार्वजनिक क्षेत्र की पैट्रोलियम कम्पनियों ने पैट्रोल और डीजल की कीमतें 2-2 रुपए प्रति लीटर घटाने की घोषणा कर दी है।

केंद्रीय पैट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी के अनुसार ऐसे समय में जब विकसित व विकासशील देशों में पैट्रोल के दाम 50-72 प्रतिशत तक बढ़े हैं और हमारे कई पड़ोसी देशों में पैट्रोल मिलना ही बंद हो गया है, भारत में पैट्रोल के दाम पिछले अढ़ाई वर्षों में 4.65 प्रतिशत कम हुए हैं तथा इसमें अब की गई कमी से डीजल पर चलने वाले 58 लाख वाहनों, 6 करोड़ कारों और 27 करोड़ दोपहिया वाहनों को चलाने की लागत में कमी आएगी।

जानकारों के अनुसार केंद्र सरकार ने पैट्रोल डीजल की कीमतों को 23 महीनों तक स्थिर रखने के बाद अब इनमें 2 रुपए प्रति लीटर की कटौती करके उपभोक्ताओं को कुछ ‘राहत’ अवश्य दी है लेकिन यह बहुत कम अर्थात ऊंट के मुंह में जीरे के समान ही है। इतना ही नहीं लोग तो यह आशंका भी व्यक्त कर रहे हैं कि फिलहाल तो केंद्र सरकार ने पैट्रोल-डीजल के दाम घटा दिए हैं परंतु चुनाव सम्पन्न होने के बाद इन्हें फिर बढ़ा दिया जाएगा। -विजय कुमार 

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