‘आज के नेताओं की पढि़ए’ ‘उलटी-पुलटी बयानबाजियां’

punjabkesari.in Wednesday, Mar 15, 2023 - 05:42 AM (IST)

हम समय-समय पर लिखते रहते हैं कि हमारे नेताओं को हर बयान सोच-समझ कर देना चाहिए ताकि अनावश्यक विवाद पैदा न हों परंतु  अभी भी बहुत सारे दलों के नेताओं ने अपनी उलटी-पुलटी बयानबाजी जारी रखी हुई है।

  • 5 मार्च को महाराष्ट्र के निर्दलीय विधायक ओमप्रकाश बाबाराव उर्फ बच्चू कडु (प्रहार जनशक्ति पार्टी) ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र के सभी आवारा कुत्तों को असम भेजा जाना चाहिए क्योंकि वहां लोग कुत्ते का मांस बहुत अधिक खाते हैं और यह एक व्यावहारिक समाधान है।’’
  • 9 मार्च को केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी (भाजपा) बोले, ‘‘कांग्रेस के शासन में बिजली कम देने के कारण देश की जनसंख्या बढ़ी।’’
  • 9 मार्च को ही उत्तर प्रदेश के पूर्व सांसद व भाजपा नेता हरि नारायण राजभर ने कहा कि ‘‘जो भी पुलिस वाला अतीक अहमद का एनकाऊंटर करेगा उसे सीधा स्वर्ग मिलेगा।’’ जोश-जोश में उनके मुंह से यहां तक निकल गया कि ‘‘अतीक अहमद के दोनों बेटों की हत्या होनी चाहिए...मतलब एनकाऊंटर होना चाहिए।’’
  • 10 मार्च को राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा (आम आदमी पार्टी ) ने कहा, ‘‘भाजपा एक ऐसी वाशिंग मशीन है जिसमें एक तरफ से भ्रष्टïाचारी को डालो तो दूसरी तरफ से क्लीन चिट होकर निकलते हैं। ’’
  • 12 मार्च को महाराष्ट्र के कृषि मंत्री अब्दुल्ल सत्तार (शिवसेना-एकनाथ शिंदे गुट) ने कहा, ‘‘किसानों की आत्महत्याएं कोई नई बात नहीं है। ऐसी घटनाएं कई वर्षों से हो रही हैं।’’
  • 12 मार्च को ही सांसद प्रज्ञा ठाकुर (भाजपा) ने कहा, ‘‘राहुल गांधी को राजनीति में मौका नहीं दिया जाना चाहिए और उन्हें देश से बाहर निकाल कर फैंक देना चाहिए। चाणक्य ने कहा था कि ‘विदेशी महिला से उत्पन्न पुत्र कभी देशभक्त नहीं हो सकता’। राहुल गांधी ने इस कथन को सच सिद्ध कर दिया है।’’ 
  • 13 मार्च को कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री के.एस. ईश्वरप्पा (भाजपा) ने मेंगलूरू में कहा, ‘‘क्या अल्लाह बहरा है जो उन्हें बुलाने के लिए लाऊड स्पीकर पर चिल्लाना पड़ता है? मैं जहां भी जाता हूं यह अजान मेरा सिरदर्द कर देती है। आज नहीं तो कल अजान खत्म हो जाएगी। सुप्रीमकोर्ट का फैसला आने वाला है। ’’
  • 13 मार्च को ही तिरुवनंतपुरम में नेता प्रतिपक्ष बी.डी. सतीशन (कांग्रेस) ने आरोप लगाया कि ‘‘केरल की ‘पिनराई विजयन सरकार’ अपने भ्रष्टाचार के कारण कोच्चि के ब्रह्मïपुरम अपशिष्टï संयंत्र की तरह बदबू मारने लगी है।’’
  • 13 मार्च को ही स्वामी प्रसाद मौर्य (सपा) ने कहा, ‘‘ये (भाजपा नेता) घी चुपड़ी पूरी खाते-खाते इनके पूरे शरीर में इतनी चर्बी हो गई है कि इनकी हड्डिïयां दिखाई नहीं पड़तीं। अभी मैं अगर अपनी अंडरवियर उतार दूं तो आप स्वामी प्रसाद मौर्य की सारी पसलियां गिन लेंगे क्योंकि हम जहां भी जाते हैं मेहनत में विश्वास करते हैं।’’
  • 13 मार्च को ही बिहार में अपराध की बढ़ती घटनाओं को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि (राष्ट्रीय अध्यक्ष, शोषित समाज पार्टी) ने कहा, ‘‘यदि बिहार में  हमारी सरकार बनी तो बंदूक और राइफल का लाइसैंस मुफ्त कर दिया जाएगा और जिन लोगों के पास पैसे नहीं हैं वे जमीन बेच कर हथियार खरीद लें। 
  • 14 मार्च को हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज (भाजपा) ने कहा, ‘‘राहुल गांधी की लैब रिपोर्ट आ चुकी है और उन्हें ‘अडानिया बीमारी’ हो गई है। इस कारण वह सुबह से शाम तक अडानी-अडानी करते रहते हैं।’’
  • 14 मार्च को ही भाजपा के निलंबित विधायक टी. राजा ने कहा कि ‘‘2026 तक हिंदू राष्ट्र में नमाज के लिए लाऊडस्पीकर नहीं मिलेगा।’’

नेताओं के उलटे-पुलटे बयानों के ये तो चंद उदाहरण मात्र हैं। शायद ऐसे बयान देने वाले नेताओं को इस बात का एहसास नहीं है कि वे अपनी जुबान से किस कदर सौहार्द को ठेस पहुंचा रहे हैं। 
अत: सभी दलों के नेताओं को इस तरह की बयानबाजी से संकोच करना चाहिए ताकि सामाजिक ताना-बाना न बिखरे। -विजय कुमार 


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