रेलवे में बढ़ रहे हत्या, डकैती, लूटपाट  व महिलाओं के विरुद्ध अपराध

Tuesday, Dec 27, 2016 - 12:01 AM (IST)

1853 में स्थापित भारतीय रेलवे लगभग 1.50 करोड़ कर्मचारियों के साथ विश्व में चौथा सबसे बड़ा रेल नैटवर्क है परंतु सुरक्षा बलों की मौजूदगी के बावजूद अब भारतीय रेलगाडिय़ों में यात्रा करना खतरे से खाली नहीं रहा। इनमें लूटपाट, हत्या, डकैती व महिलाओं के विरुद्ध अपराध लगातार बढ़ रहे हैं और हाल में हुई ऐसी चंद घटनाएं निम्र में दर्ज हैं :

06 सितम्बर को 4 अपराधियों ने जस्सीडीह रेलवे स्टेशन के आऊटर सिग्नल पर खड़ी मिथिला एक्सप्रैस में यात्रा कर रहे एक यात्री को हथियार का भय दिखाकर उससे 1.80 लाख रुपए लूट लिए।

10 सितम्बर को शकूर बस्ती स्टेशन के निकट सशस्त्र लुटेरों ने गोरखधाम एक्सप्रैस में चाकू की नोक पर आधा दर्जन यात्रियों से नकदी और गहने लूट लिए और 2 यात्रियों को चाकू मार कर घायल कर दिया।

15 सितम्बर को मध्य प्रदेश के बैतूल में ताकू रेलवे स्टेशन के निकट समता एक्सप्रैस के डिब्बे में घुस कर लुटेरों ने एक महिला का मंगलसूत्र झपट लिया।17 सितम्बर को उत्तर प्रदेश के मऊ में पैसेंजर गाड़ी द्वारा शाहगंज जा रही एक महिला से बलात्कार करने के बाद 2 लोगों ने उसे निर्वस्त्र हालत में चलती गाड़ी से धक्का दे दिया जिससे उसकी दाईं टांग भी कट गई।

18 सितम्बर को जबलपुर के निकट लुटेरों का एक गिरोह भेड़ाघाट और कच्छपुरा के बीच मैसूर एक्सप्रैस की चेन खींच कर 2 महिलाओं के गले से मंगलसूत्र, सोने की चेन और लॉकेट छीन कर फरार हो गया। 24 सितम्बर को सशस्त्र लुटेरों के गिरोह ने गोरखधाम एक्सप्रैस में यात्रा कर रहे 3 यात्रियों को नशीला पदार्थ खिलाकर लूट लिया।

05 अक्तूबर को उत्तर प्रदेश के कानपुर में घातक हथियारों से लैस 10 लुटेरों ने मात्र 45 मिनट की अवधि में 3 रेलगाडिय़ों के यात्रियों को लूटा। पहले उन्होंने कानपुर में एक आऊटर सिग्नल पर खड़ी ‘लोकमान्य तिलक एक्सप्रैस’ के जनरल डिब्बे में घुस कर बंदूक की नोक पर यात्रियों को लूटा, महिलाओं के गहने उतरवा लिए और छेड़छाड़ भी की।

फिर उन्होंने इसी सिग्नल पर आकर रुकी ‘वैशाली एक्सप्रैस’ के 30 यात्रियों और उसके फौरन बाद इसी गिरोह ने एक पैसेंजर गाड़ी के यात्रियों को लूटा। 04 नवम्बर को जनता एक्सप्रैस में 2 युवाओं ने एक युवक द्वारा उनके लिए सीट खाली न करने पर उसकी हत्या कर दी व 12 अन्य को घायल कर दिया।

04 दिसम्बर को बिहार जा रही जननायक एक्सप्रैस की एक बोगी में उत्तर प्रदेश के बिसवां रेलवे स्टेशन से सवार 6 डकैतों ने पहले यात्रियों को पीटा और फिर हजारों रुपयों का माल लूटने के बाद जंजीर खींच कर उतर कर भाग गए।

18 दिसम्बर को उत्तर प्रदेश के वाराणसी में ताप्ती-गंगा एक्सप्रैस में यात्रा कर रहे एक युवक की 5 दबंगों ने मामूली विवाद के बाद पीट-पीट कर हत्या कर दी और उसके शव को शौचालय में बंद करके भाग गए।

20 दिसम्बर को सुबह-सवेरे 13 लुटेरों के एक गिरोह ने कल्याण और इगतपुरी स्टेशनों के बीच बिहार जा रही लोकमान्य तिलक-पाटलीपुत्र सुपरफास्ट एक्सप्रैस में यात्रा कर रहे 50 से अधिक यात्रियों को डरा-धमका कर लूट लिया और खरदी स्टेशन के निकट रेलगाड़ी की चेन खींच कर उतर कर भाग गए।

रेलगाडिय़ों में गुंडागर्दी के उक्त नमूनों से स्पष्टï है कि हालत कितनी गंभीर हो चुकी है और ‘लुटेरा गिरोहों’ की सक्रियता भी बढ़ गई है जो आए दिन ट्रेनों में यात्रियों को धोखे से ‘नशा खिलाकर’ लूट रहे हैं। भारतीय रेलें आम लोगों की सवारी मानी जाती हैं और इनमें रोजाना 2.5 करोड़ यात्री सफर करते हैं पर गत कुछ वर्षों से इनमें हो रही गुंडागर्दी व बढ़ते अपराधों सेे सुरक्षित यात्रा के मामले में इनकी छवि को आघात लग रहा है।

अधिकांश घटनाएं रात में ही होती हैं। देर रात जब गाडिय़ां आऊटर सिग्नलों पर रुकती हैं तो ऐसी वारदातों का खतरा बढ़ जाता है।उल्लेखनीय हैकि रेल यात्रियों की सुरक्षा के लिए अखिल भारतीय रेलवे हैल्प लाइन (1512) भी गत वर्ष जारी करके राज्यों में गत वर्ष कंट्रोल रूम स्थापित किए गए थे जिन्हें ‘फैंसिंग फीचर’ से लैस किया गया है।

इस नम्बर पर किसी यात्री द्वारा मदद के लिए किया जाने वाला फोन उसी राज्य के संबंधित कंट्रोल रूम में पहुंचता है, परंतु लोगों को इसकी अधिक जानकारी नहीं है, अत: रेलवे स्टेशनों की टिकट खिड़कियों, टिकटों, प्लेटफार्मों तथा रेलगाडिय़ों के अंदर स्थान-स्थान पर  हैल्पलाइन नम्बर लिखकर  इसका समुचित प्रचार करने की भी जरूरत है ताकि जरूरत पडऩे पर यात्री इसका लाभ उठा सकें। —विजय कुमार

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