पंजाब सरकार द्वारा विशेषज्ञ डॉक्टरों की सेवाएं 65 वर्ष तक लेने का सही निर्णय

Tuesday, Sep 24, 2019 - 12:37 AM (IST)

 देश के अधिकांश राज्यों में चिकित्सा सेवाओं की स्थिति अत्यंत असंतोषजनक है। यदि पंजाब की बात करें तो 2017 की एक रिपोर्ट के अनुसार प्रत्येक 8859 लोगों पर एक सरकारी डाक्टर ही यहां उपलब्ध था। राज्य में सामान्य चिकित्सा सुविधाओं का तो अभाव है ही विशेषज्ञ डाक्टरों की तो और भी ज्यादा कमी है। इसी को देखते हुए अब पंजाब सरकार ने विशेषज्ञ डाक्टरों की सेवानिवृत्ति आयु सीमा 60 साल से बढ़ा कर 65 वर्ष कर दी है परंतु वे 60 वर्ष के बाद अपनी सेवाएं ठेका आधार पर ही देंगे। 

शुरू में प्रत्येक विशेषज्ञ डाक्टर को एक वर्ष के लिए ठेका आधार पर नियुक्त किया जाएगा जिसमें उनकी कारगुजारी के आधार पर प्रतिवर्ष विस्तार किया जाएगा। इनका वेतन सेवाकाल के अंतिम वेतन में से पैंशन की रकम घटाकर बचती रकम से अधिक नहीं होगा। ठेके की अवधि के दौरान उन्हें प्राइवेट प्रैक्टिस करने की अनुमति नहीं होगी। 

चूंकि डाक्टरी की पढ़ाई बहुत महंगी है और एक डाक्टर की तैयारी पर सरकार का बहुत अधिक खर्च हो जाता है इसी कारण देश में अनेक राज्यों की सरकारें अधिक से अधिक अवधि तक डाक्टरों की सेवाएं लेने के लिए रिटायरमैंट के बाद उन्हें ठेके पर रखने का फार्मूला अपना रही हैं तथा उड़ीसा सरकार ने तो अपने ठेके पर काम करने वाले डाक्टरों की रिटायरमैंट आयु 68 वर्ष से बढ़ा कर 70 वर्ष कर दी है। यहां यह बात भी उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ समय से विश्व में विभिन्न सरकारी सेवाओं में कार्यरत कर्मचारियों का अधिकतम इस्तेमाल सुनिश्चित करने के लिए उनकी रिटायरमैंट आयु बढ़ाई जा रही है। 

उदाहरण के लिए नीदरलैंड्स, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी और स्पेन में रिटायरमैंट की आयु 65 वर्ष से 66 वर्ष के बीच है। जापान में 62 वर्ष 7 महीने। इंगलैंड में पुरुषों को 65 वर्ष और महिलाओं को 60 वर्ष की आयु में रिटायर किया जाता है। लीबिया में रिटायरमैंट की आयु 65 वर्ष से बढ़ा कर 67 वर्ष कर दी गई है। आइसलैंड और नार्वे में 67 वर्ष और अमरीका में 1938 के बाद पैदा हुए लोगों के लिए रिटायरमैंट की आयु 65 वर्ष तय की गई है परंतु वहां 66 वर्ष की उम्र तक के लोग काम कर सकते हैं। वहां 1959 के बाद जन्मे लोगों की रिटायरमैंट आयु बढ़ाकर 67 वर्ष कर दी गई है। 

इस लिहाज से पंजाब सरकार द्वारा विशेषज्ञ डाक्टरों की रिटायरमैंट आयु 60 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष करने का निर्णय सही है। इससे राज्य में विशेषज्ञ डाक्टरों की कमी दूर करने में सहायता मिलेगी तथा रोगियों को भी कुछ लाभ पहुंचेगा।—विजय कुमार 

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