पंजाब सरकार देगी 5 लाख रुपए सर्वसम्मति से निर्वाचित ग्राम पंचायतों को

Wednesday, Aug 23, 2023 - 05:02 AM (IST)

पंचायतों को लोकतंत्र की पहली सीढ़ी माना जाता है परन्तु इनके चुनावों में भी अब वही बुराइयां घर करने लगी हैं जो दूसरे चुनावों में देखने को मिलती हैं। इनमें चुनाव जीतने के लिए धन शक्ति और नशों का इस्तेमाल तथा जोड़-तोड़ आदि शामिल हैं। पंचायती चुनावों में होने वाले झगड़े अक्सर शांत रहने वाले ग्रामीण क्षेत्रों का वातावरण खराब कर देते हैं। कहीं-कहीं तो ये चुनावी झगड़े हिंसक रूप धारण करके बड़ी संख्या में लोगों की मौत का कारण भी बन जाते हैं, जैसा कि कुछ समय पूर्व सम्पन्न पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनावों में हुआ था। 

इसी को देखते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राज्य में सर्वसम्मति से चुनी जाने वाली पंचायतों को ‘मुख्यमंत्री ग्राम एकता सम्मान’ के अंतर्गत 5 लाख रुपए का विशेष अनुदान देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने पंचायत चुनाव में सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने पर जोर देते हुए कहा कि गांवों के सर्वांगीण विकास के लिए ये चुनाव बहुत महत्वपूर्ण हैं। इससे गांवों में आम राय से पंचायतें चुनने का चलन बढ़ेगा, जिससे गांवों में राजनीतिक रूप से पैदा होने वाली कड़वाहट दूर होगी। 

उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव गांव का विकास सुनिश्चित करने के लिए होते हैं। इन चुनावों को कभी भी राजनीति के रंग में नहीं रंगना चाहिए, क्योंकि गांव के लोग एक-दूसरे से दुख-सुख सांझा करते हैं। सरपंच गांव का मुखिया होता है, इसलिए उसे किसी एक गुट का नहीं बल्कि सभी ग्रामीणों का प्रतिनिधित्व करना चाहिए। पंजाब सरकार ने सर्वसम्मति से चुनी जाने वाली पंचायतों को 5 लाख रुपए की प्रोत्साहन राशि देनेे की घोषणा करके लोगों में आपसी भाईचारा, प्रेम व सौहार्द बनाए रखने की दिशा में एक अच्छी पहल की है। इससे जहां गांवों के विकास को गति मिलेगी, वहीं भाईचारा भी मजबूत होगा। अन्य राज्यों में भी ऐसी ही प्रोत्साहन योजना शुरू की जानी चाहिए।—विजय कुमार

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