जेलें बनीं कैदियों की ‘ऐशगाह’ मोबाइल ही नहीं, चाकू, नशे और अन्य चीजें हो रहीं बरामद

Friday, Jan 25, 2019 - 03:15 AM (IST)

हमारी जेलें वर्षों से घोर कुप्रबंधन की शिकार हैं। ये क्रियात्मक रूप से अपराधी तत्वों द्वारा अपनी अवैध गतिविधियां चलाने का सरकारी हैडक्वार्टर और ‘ऐशगाह’ बनकर रह गई हैं। जेलों में बंद कैदियों ने नशे, मोबाइल फोन, रुपए-पैसे और अन्य प्रतिबंधित वस्तुएं लाने के तरीके ढूंढ लिए हैं। पिछले एक महीने के ताजा उदाहरणों से स्पष्ट है कि हमारी जेलें किस कदर कुप्रबंधन की शिकार हो चुकी हैं : 

30 दिसम्बर रात को लुधियाना सैंट्रल जेल में 5 विचाराधीन कैदियों के कब्जे से बिस्तर में छिपा कर रखे हुए मोबाइल फोन बरामद होने के अलावा जेल परिसर में विभिन्न स्थानों पर लावारिस पड़े 4 मोबाइल मिले। 05 जनवरी को पटियाला और नाभा जेल में बंद नाइजीरियनों से, जिनमें 2 महिलाएं हैं, 14 मोबाइल फोन बरामद हुए। 10 जनवरी को लुधियाना सैंट्रल जेल में नशा तस्करी के आरोप में एक वर्ष से बंद यूगांडा की महिला से मोबाइल फोन, बीड़ी का बंडल, तंबाकू का पैकेट तथा अन्य सामान बरामद किया गया। 

13 जनवरी को ही कपूरथला माडर्न जेल में एक कैदी सहित 2 व्यक्तियों के विरुद्ध अवैध रूप से जेल में अन्य कैदियों को नकद राशि की सप्लाई करने के आरोप में केस दर्ज किया गया। ये लोग ऐसा करने के लिए कैदियों के परिवार वालों से 10 प्रतिशत कमीशन वसूल कर रहे थे। 13 जनवरी को लुधियाना सैंट्रल जेल में 4 हवालातियों के कब्जे से 6 मोबाइल फोन जब्त किए गए। 17 जनवरी रात को फतेहपुर जेल में 3 हवालाती अपनी बैरक में मोबाइल चलाते पकड़े गए। जब वार्डन ने मोबाइल कब्जे में लेना चाहा तो आरोपितों ने उसे बंधक बना लिया जिसे जेल अधिकारियों ने बड़ी मुश्किल से छुड़ाया। 

19 जनवरी को सैंट्रल जेल फिरोजपुर में बंद अपने देवर को नशा पहुंचाने पहुंची महिला को जेल कर्मियों ने गिरफ्तार कर लिया। महिला ने अपने प्राइवेट पार्ट में 234 नशीली गोलियां छिपा रखी थीं। 20 जनवरी को कपूरथला माडर्न जेल की तलाशी के दौरान 3 कैदियों से 2 मोबाइल फोन, 2 बैटरियां और एक सिम कार्ड जब्त किया गया। 22 जनवरी को आतंकवाद प्रभावित जम्मू-कश्मीर की कोट भलवाल जेल, जहां अनेक कुख्यात देशी-विदेशी आतंकवादी रखे गए हैं, से 2 मोबाइल फोन तथा 3 पैनड्राइव के अलावा एक चाकू जब्त किया गया। 

उल्लेखनीय है कि कोर्ट भलवाल जेल पहले भी कई विवादों में रह चुकी है तथा यहां से 2 बार खूंखार आतंकवादी फरार हो चुके हैं। 23 जनवरी को नाभा की अधिकतम सुरक्षा वाली जेल में तलाशी के दौरान 12 मोबाइल फोन, चार्जर, सिम, एक इंटरनैट डोंगल और 2 ईयर फोन तथा फरीदकोट जेल से 6 स्मार्ट फोन जब्त किए गए। नाभा जेल में थ्री-जी का जैमर लगा है जबकि अपराधी फोर-जी नैटवर्क वाले मोबाइल इस्तेमाल करके न सिर्फ अपनी फेसबुक अपडेट करते हैं बल्कि जेल से बाहर अपने साथियों से भी संपर्क बनाए रखते तथा नशा तस्करी आदि का अपना नैटवर्क चलाते हैं। इसी दिन फिरोजपुर सैंट्रल जेल में कैदियों से 6 मोबाइल फोन व नशीले पदार्थ पकड़े गए। 

हमारी जेलों में इस कदर कुप्रबंधन व्याप्त है कि वहां मोबाइल फोन, बाहरी दुनिया से संपर्क करने में सहायक अन्य इलैक्ट्रॉनिक उपकरण, नशीले पदार्थ, चाकू, छुरियां और अन्य वस्तुएं बरामद हो रही हैं। जेलों में बंद कैदी फोर-जी के मोबाइल फोन इस्तेमाल कर रहे हैं जिन्हें काम करने से रोकने में जेलों में लगे जैमर नाकाम साबित हो रहे हैं। स्पष्टï है कि जब तक जेलों में सुरक्षा प्रणाली अभेद्य नहीं बनाई जाती, वहां का वातावरण और अनुशासन नहीं सुधारा जाता, प्रशासन को चुस्त एवं जवाबदेह नहीं बनाया जाता तब तक वहां यह सब होता ही रहेगा जिसे रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है।—विजय कुमार 

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