जेल परिसरों, अदालतों और अस्पतालों से ‘फरार हो रहे कैदी’

Tuesday, Jun 04, 2019 - 12:24 AM (IST)

घोर अव्यवस्था की शिकार भारतीय जेलों के अंदर हर तरह के अपराधों के अलावा अदालतों में पेशी के लिए तथा अस्पतालों में इलाज के लिए ले जाए जाने वाले कैदियों के साथियों द्वारा उन्हें पुलिस की हिरासत से निकाल ले जाने की घटनाएं भी अब आम होती जा रही हैं जिनके चंद ताजा उदाहरण निम्र हैं :
09 मई को चंडीगढ़ में सैक्टर-32 के सरकारी अस्पताल में इलाज करवाने के लिए लाया गया सैंट्रल जेल अम्बाला का एक हवालाती लघुशंका के बहाने पुलिस कर्मियों को धक्का देकर निकल भागा।

  • 10 मई को इलाज के लिए फरीदकोट सिविल अस्पताल में भर्ती माडर्न जेल का हवालाती गुरविंद्र सिंह पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया।
  • 20 मई को बिहार में कटिहार की अदालत से छोटे लाल पासवान नामक विचाराधीन कैदी पुलिस की आंखों में धूल झोंक कर भाग निकला। 
  • 26 मई को अहमदगढ़ पुलिस थाने में बंद एक विचाराधीन कैदी दलजीत सिंह पेट में दर्द होने का बहाना बना कर हवालात के बाथरूम से खेतों में कूद कर फरार हो गया।
  • 27 मई को आनंदपुर साहिब अदालत परिसर में पेशी के लिए लाया गया एक विचाराधीन कैदी जगदीश सिंह उर्फ हैप्पी सिंह पेशाब का बहाना बनाकर तहसील काम्प्लैक्स की दीवार फांद कर भाग गया। 
  • 28 मई को 3 पुलिस कर्मचारियों पर फायरिंग करके घायल करने के बाद 3 बदमाश करनाल अदालत में पेशी के लिए लाए गए सुनील उर्फ मोनू नामक हत्या के आरोपी को छुड़ा कर ले गए।
  • 30 मई को सरायकेला सदर अस्पताल में उपचाराधीन शंभु मांझी नामक कैदी 6 पुलिस कर्मचारियों को चकमा देकर फरार हो गया।
  • 30 मई को आरा के सदर अस्पताल में उपचाराधीन 2 हत्यारोपी कैदी  मुन्ना सुनार व विकास कुमार शौच के बहाने हथकड़ी सहित फरार हो गए।
  • 01 जून को रोहतक में सुनील नामक बलात्कार के आरोपी को पकडऩे गई करनाल पुलिस पर महिलाओं ने पथराव कर दिया और सुनील को छुड़ा कर ले गईं। पथराव के परिणामस्वरूप 3 पुलिस कर्मचारी घायल हो गए।
  • 03 जून को मुजफ्फरनगर जेल से दिलशाद नामक कैदी फरार हो गया।

बंदी अपराधियों का पुलिस कर्मचारियों के कब्जे से और जेल परिसरों से फरार होना मुख्यत: उनकी सुरक्षा में तैनात कर्मचारियों की चूक और लापरवाही का ही प्रमाण है जो अनेक अनसुलझे प्रश्र खड़े करता है जिनका उत्तर तलाश कर उन कमजोरियों को दूर करने की आवश्यकता है।
यदि ऐसा नहीं किया जाएगा तो कैदी इसी तरह फरार होते रहेंगे। कानून-व्यवस्था का मजाक उड़ता रहेगा और अन्य अपराधियों के हौसले बढ़ते रहेंगे।    
—विजय कुमार 

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