जेलों से कैदियों ने भेजे वीडियो में अधिकारियों पर  लगाए उत्पीड़न के आरोप

Sunday, Jan 26, 2020 - 12:22 AM (IST)

हम अक्सर लिखते रहते हैं कि घोर कुप्रबंधन की शिकार हमारी जेलें अपराधियों द्वारा अपनी अवैध गतिविधियां चलाने के ‘सरकारी हैडक्वार्टर’ बन गई हैं जिनमें चंद अधिकारी भी संलिप्त पाए जा रहे हैं और उनकी कथित मिलीभगत से ही जेलों के अंदर नशे और मोबाइल आदि पहुंच रहे हैं। अनेक जेलों में लगे जैमर खराब होने से जहां जेलों में बंद कैदी धड़ल्ले से मोबाइल फोनों का इस्तेमाल कर रहे हैं, वहीं समय-समय पर कैदी जेल अधिकारियों द्वारा उनका उत्पीडऩ करने के वीडियो वायरल करके जेल अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं। 

05 जनवरी को रोपड़ जिला जेल से एक कैदी ने एक वीडियो वायरल करके जेल प्रशासन द्वारा उस पर नशा बेचने के लिए दबाव डालने और तंग करने का आरोप लगाया और कहा कि एक अधिकारी उससे कह रहा है कि या तो वह एक लाख रुपया दे या फिर जेल में उसका सामान (नशा) बेचे। 05 जनवरी को ही केंद्रीय जेल अमृतसर का एक मामला सामने आया जिसमें जेल में बंद कुछ अपराधियों ने पुरानी रंजिश के चलते एक कैदी को बुरी तरह पीट कर और नंगा करके मोबाइल पर उसकी वीडियो बना ली और किसी को बताने पर उसे वायरल करने की धमकी दी। 

11 जनवरी को संगरूर जेल में बंद कैदियों ने 4 जनवरी को शूट किया  एक वीडियो वायरल करके एक जेल अधिकारी पर गंभीर आरोप लगाए और कहा कि उन्हें जेल की चक्की में बंद करके उनके साथ न सिर्फ धक्केशाही की जा रही है बल्कि एक लाख 20 हजार रुपए रिश्वत की मांग करने के अलावा उन पर जेल में नशा बेचने के लिए दबाव डाला जा रहा है। 23 जनवरी को फरीदकोट माडर्न जेल में नशा तस्करी के आरोप में नवम्बर, 2017 से बंद कैदी का 6.25 मिनट अवधि का एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें उसने बैरक में 3 साधारण (बेसिक) फोन, स्मार्ट फोन, ब्लूटूथ, हैडफोन और चार्जर दिखाकर जेल अधिकारियों की कथित मिलीभगत से चल रहे गोरख धंधे का प्रमाण दिया। कैदी के अनुसार अधिकारियों द्वारा जेलों में बंद गैंगस्टरों तथा नशीले पदार्थों के तस्करों को ऊंचे मूल्यों पर मोबाइल फोन बेचे जाते हैं और यदि कोई कैदी इस धंधे को बेनकाब करने की कोशिश करता है तो उसकी पिटाई की जाती है। 

यही नहीं, जहां उसने जेल में विभिन्न सुविधाओं के लिए रेट फिक्स होने की बात कही वहीं उसने जेल प्रबंधन पर उससे मारपीट कर फिरौती मांगने और प्रताडि़त कर उसकी पत्नी से 60 हजार रुपए वसूल करने के अलावा अन्य अनेक गंभीर आरोप लगाए हैं। जेलों के संबंध में समय-समय पर ऐसे वीडियो भी सामने आते रहते हैं जिनमें कैदी जेल अधिकारियों द्वारा उत्पीडऩ और यौन शोषण के आरोप भी अक्सर लगाते रहते हैं। जेलों में बंद कैदियों द्वारा वायरल किए गए वीडियो में लगाए गए नशा बेचने के लिए दबाव डालने, रिश्वत मांगने, मोबाइल फोन बेचने और मारपीट कर फिरौती मांगने आदि के आरोपों के संबंध में दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि जेल प्रबंधन में घर कर गई अनियमितताएं दूर हो सकें।—विजय कुमार 

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