‘प्रभावशाली लोगों की दबंगई’ के आगे ‘पुलिस भी सुरक्षित नहीं’

Tuesday, Dec 13, 2016 - 01:10 AM (IST)

एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार देश का राजनीतिक, प्रशासनिक और सामाजिक वातावरण सुधारने की कोशिश कर रही है परंतु दूसरी ओर देश में ऊपर से नीचे तक अधिकांश राजनीतिक दलों से जुड़े सभी श्रेणियों के छोटे-बड़े चंद प्रभावशाली लोग अपनी दबंगई से देश का वातावरण दूषित कर रहे हैं। ऐसे हाल ही के चंद उदाहरण निम्न में दर्ज हैं :

5 सितम्बर को बटाला में नथवाल गांव के पूर्व अकाली सरपंच और उसके साथियों ने मोटरसाइकिल पर गुरदासपुर जा रहे ‘काऊंटर इंटैलीजैंस विंग’ के हैड कांस्टेबल हरपाल सिंह को सुनसान स्थान पर घेर कर लोहे की छड़ों से उसकी बुरी तरह पिटाई कर दी जिससे उसकी दोनों टांगें टूट गईं और सिर पर गंभीर चोटें आईं। इसके बाद हमलावर घायल हरपाल सिंह को मरा समझ कर छोड़ कर भाग गए परंतु सौभाग्यवश वह बच गया।

हरिहर देवांगन तथा उसके साथियों द्वारा कोंडागांव ब्लाक (छत्तीसगढ़) के भगदेवा गांव में मनरेगा के कार्यों में फर्जी मस्टर रोल से लाखों रुपए की हेरा-फेरी की शिकायत उच्चाधिकारियों से करने पर 16 नवम्बर को गांव में उक्त फर्जीवाड़े की जांच करने के लिए आए अधिकारियों की मौजूदगी में गांव की सरपंच सुकलीबाई नेताम के पति मिस्त्री लाल नेताम ने हरिहर को न सिर्फ पीट डाला बल्कि उसे जान से मारने की धमकी भी दे डाली।

15 नवम्बर को उत्तर प्रदेश में कानपुर के नरवल थाना क्षेत्र के चांदपुर गांव में पुरानी रंजिश के चलते सपा नेता राम संजीवन यादव के बेटे विपन ने दूध के कारोबारी छोटू को रास्ते में घेर कर बुरी तरह पीटा। बाद में नेता व उसके साथियों ने उसके घर जाकर उसके भाई तथा मां को पीटा और उनके मकान को आग भी लगा दी जिससे छोटू की बहन शालू की शादी के लिए जमा किया गया सारा सामान जल कर राख हो गया।

20 नवम्बर रात को नागपुर में भाजपा विधायक कृष्णा खोपड़े के 2 बेटों  अभिलाष और रोहित के विरुद्ध शराब पीकर झगड़ा करने, हत्या के प्रयास और तोड़-फोड़ करने के आरोप में केस दर्ज किया गया। दो धड़ों की  इस लड़ाई में 1 व्यक्ति की मृत्यु व 1 गंभीर घायल हो गया।

21 नवम्बर को मध्य प्रदेश में पन्ना जिले के ‘सुनबानी’ थाना के अंतर्गत गढ़ी कहारिया गांव में जमीनी विवाद के चलते सरपंच ऋषि कुमार ने ममता चौधरी नामक महिला को जिंदा जला दिया।

8 दिसम्बर को उत्तर प्रदेश में सिद्धार्थ नगर के एक इंजीनियर के परिवार ने आरोप लगाया कि सपा विधायक विजय पासवान की शह पर उनके परिवार की लड़की के साथ रेप की कोशिश करने वाले 2 युवक जेल से रिहा होने के बाद उनके परिवार को परेशान कर रहे हैं जिस कारण वे दर-दर भटकने को मजबूर हैं और पीड़िता को कहीं से मदद नहीं मिल रही। और अब 10 दिसम्बर को भटिंडा जिले के गांव विर्क कलां के अकाली सरपंच जगदेव सिंह उर्फ जग्गा और उसके गैंगस्टर बेटे लखविंद्र सिंह उर्फ लक्खा तथा उसके साथियों की दबंगई सामने आई है। लक्खा पर पुलिस रिकार्ड भटिंडा जिले के विभिन्न थानों में इरादा-ए-कत्ल, मारपीट, लूटपाट जैसे 6 आपराधिक मामले दर्ज हैं जिनमें वह जमानत पर अब बाहर है।

घटना के अनुसार पुलिस का हैडकांस्टेबल मलकीत सिंह 10 दिसम्बर को दोपहर बाद अपने साथी होमगार्ड कर्मी राजेंद्र सिंह के साथ कार द्वारा वी.वी.आई.पी. ड्यूटी पर जाते हुए गांव विर्क कलां से गुजर रहा था। इस दौरान रास्ते में ट्रैक्टर खड़ा करके रुके लखविंद्र और उसके नौकर को ट्रैक्टर साइड में करने को कहने पर दोनों में झगड़ा हो गया और लक्खा व उसके साथी मलकीत सिंह को पीटने लगे और उसकी वर्दी फाड़ दी।

फिर वे मलकीत को अपने ट्रैक्टर पर डाल कर अपने घर ले गए जहां आरोपी के सरपंच पिता ने भी उसकी पिटाई कर दी। आरोपियों पर उससे जूता चटवाने, उसका सैल फोन तोड़ देने और उसे निर्वस्त्र कर ट्रैक्टर में गांव के 2 चक्कर लगवाने का भी आरोप है।

प्रभावशाली लोगों की दबंगई के ये तो कुछ नमूने मात्र हैं। इनके अलावा भी न जाने कितनी घटनाएं हुई होंगी जो प्रकाश में नहीं आ पाईं। कानून अपने हाथ में लेने का यह गलत रुझान सख्ती से रोकने की जरूरत है ताकि कोई भी किसी की कमजोरी का लाभ न उठा सके। ऐसा न किया गया तो हालात बेकाबू होते चले जाएंगे और आम लोगों का जीना ही दूभर हो जाएगा।    —विजय कुमार 

Advertising