‘सड़क दुर्घटनाओं’ में ‘मारे जा रहे तीर्थ यात्री’

Tuesday, May 23, 2023 - 04:43 AM (IST)

भारत में तीर्थ यात्राएं अनेकता में एकता की प्रतीक मानी जाती हैं। यही कारण है कि देश के ओर-छोर में स्थित धर्मस्थलों की यात्रा पर परिवारों सहित श्रद्धालु जाते रहते हैं, परंतु वाहनों में लोगों को सीमा से अधिक संख्या में बिठाने व तेज रफ्तार के कारण वाहन दुर्घटनाओं में बड़ी संख्या में श्रद्धालु मारे जा रहे हैं। इनके केवल दो महीनों के चंद उदाहरण नीचे दिए जा रहे हैं :- 

* 23 मार्च को चम्पावत (उत्तराखंड) के ‘पूर्णागिरि मेले’ में एक बस द्वारा कुचले जाने से 5 श्रद्धालुओं की मृत्यु और 8 अन्य घायल हो गए। 
* 31 मार्च को सतना (मध्य प्रदेश) में मां शारदा के दर्शन करके अपने घरों को लौट रहे 30 श्रद्धालुओं से भरी ट्रैक्टर-ट्राली बेकाबू होकर पलट जाने से 2 श्रद्धालुओं की मौत और 19 अन्य घायल हो गए।  

* 15 अप्रैल को शाहजहांपुर (उत्तर प्रदेश) के अजमतपुर गांव में भागवत कथा सुनने जा रहे श्रद्धालुओं से भरी 2 ट्रैक्टर ट्रालियां एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ में बेकाबू होकर पुल की रेलिंग तोड़ कर नदी में जा गिरीं, जिससे 23 श्रद्धालुओं की मृत्यु तथा डेढ़ दर्जन से अधिक घायल हो गए। 
* 21 मई को मां वैष्णो देवी (जम्मू-कश्मीर) के दर्शन कर राजस्थान लौट रहे श्रद्धालुओं की बस ‘मूरी’ क्षेत्र में पलट जाने से एक महिला की मृत्यु हो गई। 

* 21 मई को ही गढ़शंकर (पंजाब) के बीत इलाके में स्थित तपस्थल श्री खुरालगढ़ में माथा टेकने जा रहे 40 श्रद्धालुओं से भरी ट्रैक्टर ट्राली अनियंत्रित होकर 100 फुट गहरी खाई में जा गिरी जिससे 3 महिलाओं की मृत्यु तथा 31 अन्य श्रद्धालु गंभीर रूप से घायल हो गए। ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए जहां आवागमन के लिए ट्रैक्टर ट्रालियों के इस्तेमाल पर रोक लगाने की जरूरत है, वहीं बसों और अन्य वाहनों की गति सीमा आदि नियमों का पालन करने की जरूरत है।—विजय कुमार   

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