‘पाकिस्तान के लोग हैं तस्कर और अपराधी इनको नौकरी पर मत रखो’- दुबई प्रशासन

Sunday, Apr 15, 2018 - 02:54 AM (IST)

पाकिस्तान की आतंकवाद समर्थक नीति के कारण ही अमरीका ने इसे आतंकवादियों की शरणस्थली वाले देशों की सूची में डाल दिया है तथा इसे दी जाने वाली 7000 करोड़ रुपए से अधिक की सुरक्षा सहायता पर भी रोक लगा दी है जबकि अमरीका इसे लगभग 1626 करोड़ रुपए की सहायता पहले ही रोक चुका है। 

अमरीका ने आधिकारिक रूप से स्वीकार किया है कि पाकिस्तान आतंकवादी गतिविधियों को संरक्षण और प्रोत्साहन देता आ रहा है। इसी कारण अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में पाकिस्तान को ‘स्नेक कंट्री’ तथा ‘टेररिस्तान’ कहा जाने लगा है। अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तो यहां तक कह दिया है कि ‘‘33 अरब डालर की मदद के बदले में पाक ने हमें झूठ और धोखे के सिवाय कुछ नहीं दिया।’’ इसी प्रकार पाकिस्तान के साथ लगातार बढ़ती दूरियों का संकेत देते हुए ट्रम्प प्रशासन ने कहा है कि यदि दोनों देशों के बीच कुछ मुद्दे न सुलझे तो 1 मई से वाशिंगटन स्थित पाकिस्तानी दूतावास के राजनयिकों तथा अन्य शहरों में कार्यरत कौंसूलेट के सदस्यों द्वारा बिना अनुमति के अपनी तैनाती के स्थान से 40 किलोमीटर से आगे जाने पर रोक लगा दी जाएगी। 

एक ओर अमरीका के साथ पाकिस्तान की दूरी बढ़ रही है और पाकिस्तानी शासक अपनी आतंकवाद समर्थक नीतियों के कारण बदनाम हो रहे हैं तो दूसरी ओर विदेशों में रहने वाले आम पाकिस्तानी भी अपनी गतिविधियों के कारण विश्व समुदाय की नाराजगी के पात्र बनते जा रहे हैं। इसी कारण पाकिस्तान और उसके नागरिकों के लिए यह समय बहुत कठिन साबित हो रहा है क्योंकि अब तो पाकिस्तान के सहयोगी और मित्र कहलाने वाले देश भी इसकी ओर संदेह की दृष्टिï से देखने लगे हैं। लंबे समय से पाकिस्तान के लिए स्वर्ग बने खाड़ी देशों ने भी अब धीरे-धीरे इसके नागरिकों के लिए अपने दरवाजे बंद करने का संकेत देना शुरू कर दिया है। ‘दुबई जनरल सिक्योरिटी’ के प्रमुख एवं वरिष्ठï पुलिस अधिकारी लै. जनरल ‘धाही खलफान’ ने हाल ही में कुछ ट्वीट किए हैं। इनमें उन्होंने जहां भारतीयों की प्रशंसा की है वहीं पाकिस्तानियों को जमकर लताड़ा है तथा अपने देशवासियों को सिर्फ भारतीयों को ही नौकरी देने की सलाह दी है। 

नशीले पदार्थों की तस्करी के मामले में पकड़े गए 3 पाकिस्तानियों के एक चित्र को ट्वीट करते हुए ‘लै. जनरल धाही खलफान’ ने पाकिस्तानियों को तस्कर और अपराधी करार देते हुए लिखा है कि ‘‘पाकिस्तानी नागरिक खाड़ी समाज के लिए गंभीर खतरा बनते जा रहे हैं क्योंकि ये लोग यहां नशीली वस्तुएं लेकर आ रहे हैं। इससे खाड़ी के देशों में नशे का कारोबार बढ़ रहा है।’’ उन्होंने एक अन्य ट्वीट करते हुए भारतीयों को अनुशासन प्रिय और लगनपूर्वक काम करने वाले करार देते हुए कहा है कि भारत के लोग आपराधिक मामलों में संलिप्त नहीं पाए गए। उन्होंने यह भी कहा कि, ‘‘प्रशासन पर भारतीयों को ही अनुशासित करने का दबाव क्यों होता है जबकि पाकिस्तान मूल के लोगों में बड़े पैमाने पर राजद्रोही, अपराधी और तस्कर हैं?’’ 

‘‘जैसे हम बंगलादेश के लोगों के आपराधिक रवैये के कारण उनके प्रति सख्त हैं, वैसे ही पाकिस्तानियों की भी कड़ी सुरक्षा जांच होनी चाहिए। अपने देश की सुरक्षा के लिए पाकिस्तानी लेबर की भर्ती पर रोक लगाना भी अब जरूरी हो गया है।’’ यू.ए.ई. की कंपनियों से किसी भी पाकिस्तानी को नौकरी पर न रखने और सिर्फ भारतीयों को ही नौकरी देने की अपील करते हुए उन्होंने कहा है कि, ‘‘गहरे ऐतिहासिक रिश्ते होने के बावजूद पाकिस्तान के नागरिकों को नौकरी न दें क्योंकि उन्हें नौकरी न देना हमारा राष्ट्रीय कत्र्तव्य बन गया है।’’ अंतर्राष्ट्रीय शॄमदगी झेल रहे पाकिस्तान की अमरीका के साथ बढ़ती दूरी और दुबई के वरिष्ठï सुरक्षा अधिकारी  द्वारा खाड़ी समाज के सदस्यों से पाकिस्तानियों को नशीले पदार्थों के तस्कर, राजद्रोही तथा अपराधी करार देने से स्पष्टï है कि विश्व में पाकिस्तान की प्रतिष्ठा किस कदर घट रही है। इसमें आ रही गिरावट तभी रुकेगी जब पाकिस्तान सरकार और सेना आतंकवाद का समर्थन बंद करके देश को सही रास्ते पर चलाना शुरू करेंगी।—विजय कुमार

Pardeep

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