भारतीय सैनिकों को अपने रूप जाल में फंसाती पाकिस्तानी जासूस महिलाएं

punjabkesari.in Saturday, May 14, 2022 - 03:35 AM (IST)

पुराने जमाने में भारत के शासक शत्रुओं की गतिविधियों का पता लगाने के लिए रूपवान महिलाओं का इस्तेमाल करते थे जिन्हें ‘विष कन्या’ कहा जाता था। संभवत: वर्तमान में प्रचलित ‘हनीट्रैप’ उसी का बदला हुआ रूप है। दूसरे देशों की सैन्य जानकारी, गुप्त दस्तावेज, नक्शे आदि प्राप्त करने के लिए गुप्तचर एजैंसियां सुंदर महिलाओं को जासूस बनाकर हथियार के रूप में इस्तेमाल करने का प्रयास करती हैं। 

प्रथम विश्व युद्ध में माताहारी को हथियार बना कर फ्रांस सरकार ने जर्मनी के सैन्य अधिकारियों की अनेक जानकारियां हासिल कीं तथा प्रथम और द्वितीय विश्व युद्धों के दौरान अमरीका, रूस, फ्रांस और जर्मनी आदि ने अपने शत्रुओं के विरुद्ध इस विधि (हनीट्रैप) का अत्यधिक इस्तेमाल किया था और इन दिनों पाकिस्तान की बदनाम जासूसी एजैंसी आई.एस.आई. इसका बड़े पैमाने पर भारत के विरुद्ध इस्तेमाल कर रही है। मेहनताने के तौर पर भारी रकम लेने वाली ये महिलाएं अपने शिकार को फंसाने के लिए अपने रूप, यौवन, अदाओं और कामुकता भरी आवाज का अत्यंत कुशलतापूर्वक इस्तेमाल करती हैं। 

इसकी शुरूआत वे सोशल मीडिया पर फेक आई.डी. बनाकर अपने शिकार के साथ प्रेम का ढोंग रचाकर अश्लील चैटिंग से करती हैं और फिर अपने शिकार को लुभा कर उससे सेना संबंधी महत्वपूर्ण गुप्त जानकारियां प्राप्त करने की कोशिश करती हैं। पिछले कुछ समय के दौरान इनके जाल में भारतीय सेना के अनेक अधिकारी फंस चुके हैं। 

* 6 अगस्त, 2014 को एक पाकिस्तानी महिला जासूस ने स्वयं को अनुष्का अग्रवाल नामक झांसी की रहने वाली बता कर फेसबुक के माध्यम से दोस्ती करने के बाद सूबेदार पाटन कुमार को कुछ रकम देकर उससे सिकंदराबाद छावनी से संबंधित अनेक रहस्य और जानकारियां प्राप्त कर लीं।
* 29 दिसम्बर, 2015 को बङ्क्षठडा एयरफोर्स स्टेशन पर तैनात रंजीत के.के. नामक कर्मचारी ने सोशल मीडिया पर स्वयं को ‘दामिनी मैकनाट’ बताने वाली पाकिस्तानी जासूस के झांसे में आकर उसे कई गुप्त जानकारियां दे दीं। इसके बदले में दामिनी ने उसके खाते में एक निश्चित रकम ट्रांसफर की थी। 

* 13 जनवरी, 2021 को राजस्थान पुलिस ने हनी ट्रैपिंग के एक मामले में सोमवीर सिंह नामक एक सैनिक को फेसबुक पर नकली प्रोफाइल वाली जासूस युवती को सूचना एवं फोटो देते हुए पकड़ा। 
* 14 अक्तूबर, 2021 को जोधपुर में मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस में सेना की फाइलें अफसरों को पहुंचाने और लाने का काम करने वाले चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी राम सिंह को अपने चित्रों के जरिए रूपजाल में फंसा कर स्वयं को नेहा बताने वाली पाकिस्तानी जासूस ने उससे कई जानकारियां प्राप्त कर लीं।
* 15 अक्तूबर, 2021 को भोपाल में आई.एस.आई. के हनीट्रैप में फंस कर पाकिस्तान को महत्वपूर्ण सूचनाएं देने के आरोप मेें रोहित कुमार नामक एक सैनिक को पकड़ा गया। 

* 23 अक्तूबर, 2021 को फिरोजपुर में तैनात भारतीय सेना के जवान कुणाल कुमार बारिया को पाकिस्तान की महिला गुप्तचर अधिकारी सिदरा खान के जाल में फंस कर पैसों के बदले में गोपनीय जानकारी देने के आरोप में पकड़ा गया। 
* 15 नवम्बर, 2021 को पुलिस ने गणेश कुमार नामक सेना के एक जवान को गत 2 वर्षों के दौरान पाकिस्तान की गुप्तचर एजैंसी की महिला जासूस के साथ सैंकड़ों बार व्हाट्सएप पर बातचीत और चैटिंग करने के आरोप में गिरफ्तार किया और उसके मोबाइल फोन से कई चौंकाने वाले खुलासे हुए। 

* और अब 6 मई, 2022 को पुलिस ने हनीट्रैप में फंसाए गए भारतीय वायुसेना के रिकार्ड कार्यालय में तैनात प्रशासनिक सहायक (जी.डी.) सार्जैंट देवेंद्र नारायण शर्मा को रक्षा प्रतिष्ठानों बारे गोपनीय और संवेदनशील सूचना एक पाकिस्तानी महिला एजैंट को लीक करने के आरोप में पकड़ा है। 

प्राप्त जानकारी के अनुसार पाकिस्तान ‘ऑनलाइन हनी ट्रैप’ बिछाकर सेना के अधिकारियों से ‘महत्वपूर्ण जानकारियां’ निकलवा रहा है। निश्चय ही राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ‘ऑनलाइन हनीट्रैप’ बहुत बड़ा खतरा बनता जा रहा है, अत: इसे रोकने के लिए भारतीय सुरक्षा प्रतिष्ठानों की गोपनीयता एवं गुप्तचर प्रणाली मजबूत करने तथा यौन सुख पाने की लालसा में ‘हनीट्रैप’ का शिकार होने और पैसों के लिए बिक जाने वाले सुरक्षाकर्मियों के विरुद्ध त्वरित कार्रवाई करते हुए उन्हें जल्द से जल्द कठोरतम सजा देने की आवश्यकता है।—विजय कुमार 


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